प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 250 साल से उपेक्षा के शिकार काशी विश्वनाथ धाम का कायाकल्प कर पूरी दुनिया को संदेश दिया कि भारत में इस समय पुनर्जागरण का काल चल रहा है। अतीत में देश की सभ्यता और संस्कृति को मिटाने की कोशिशें हुईं। लेकिन उनके शासन में देश को उसका गौरव वापस दिलाने का प्रयास हो रहा है। लेकिन समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को यह रास नहीं आ रहा है। उनके बोल बिगड़ गए हैं, क्योंकि भगवान राम और विश्वनाथ की जगह आज उनके आदर्श औरंगजेब और जिन्ना हो गए हैं।
सोमवार (13 दिसंबर, 2021) को इटावा के सैफई में अखिलेश यादव से प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी दौरे और वहां एक महीने के कार्यक्रम को लेकर सवाल किया गया था। इसके जवाब में उन्होंने जो तंज कसा, वो उनके अंदर की कुंठा और हताशा को बयां कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘बहुत अच्छी बात है, एक महीना नहीं, दो महीने, तीन महीने रहें, अच्छी बात है। वह जगह रहने वाली है। आखिरी समय पर बनारस में ही रहा जाता है।’
“बहुत अच्छी बात है। (प्रधानमंत्री) एक महीना नहीं, दो महीना-तीन महीना वहीं रहें। अच्छी बात है। वो जगह रहने वाली है। आखिरी समय पर वहीं रहा जाता है बनारस में”: सपा प्रमुख अखिलेश यादव pic.twitter.com/LwO3h6ssQm
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) December 13, 2021
उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अखिलेश के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सपा अध्यक्ष ने जिस ढंग से प्रधानमंत्री मोदी को लेकर ओछी प्रतिक्रिया दी है, वह दिखाता है कि काशी का कायाकल्प और भारतीय संस्कृति का बढ़ता गौरव उनको पच नहीं रहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “काशी का ऐसा भव्य रूप देख कर अखिलेश यादव भौकला गए है। अगर कही जिन्ना की मूर्ति का लोकार्पण होता तो वह खुशी से झूम उठते और घर-घर मिठाई बाटते।”
काशी का ऐसा भव्य रूप देख कर अखिलेश यादव भौकला गए है।
अगर कही जिन्ना की मूर्ति का लोकार्पण होता तो वह खुशी से झूम उठते और घर-घर मिठाई बाटते।
— Swatantra Dev Singh (@swatantrabjp) December 13, 2021
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, ‘ऐसी अमर्यादित और असंस्कारित भाषा का इस्तेमाल दिखाता है कि काशी के कायाकल्प और भारतीय संस्कृति के गौरव की टीस उनके मन मे बनी हुई है। उन्हें भारतीय संस्कृति का गौरव फूटी आंखों नहीं सुहा रहा। वह आज भी भारत की सांस्कृतिक विरासत को क्षति पहुंचाने वाले औरंगजेब की विचारधारा के साथ हैं। मैं कहूंगा कि वह काशी आएं और बाबा विश्वनाथ के दर्शन करें। बाबा विश्वनाथ उन्हें सद्बुद्धि दें।’
यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि जो भारतीय संस्कृति से प्रेरित होते हैं वो अपने दुश्मनों का भी बुरा नहीं सोचते, लेकिन जो जिन्ना संस्कृति से प्रेरित होते हैं, वो ही ऐसी भाषा बोल सकते हैं, अखिलेश जी के बारे में अब क्या बोलें, वो तो जिन्ना संस्कृति से ही प्रेरित हैं।
जो भारतीय संस्कृति से प्रेरित होते हैं वो अपने दुश्मनों का भी बुरा नहीं सोचते, लेकिन जो जिन्ना संस्कृति से प्रेरित होता है वही इस प्रकार की भाषा बोल सकते हैं, तो अखिलेश जी के बारे में अब क्या बोलें वो तो जिन्ना संस्कृति से ही प्रेरित हैं। @yadavakhilesh pic.twitter.com/XXDv6xIxl6
— Sidharth Nath Singh (@SidharthNSingh) December 13, 2021
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि अखिलेश यादव का यह बयान शर्मनाक है। आज जब विश्वनाथ धाम के विस्तार का इतना विशिष्ट काम हुआ है, तब प्रधानमंत्री के लिए मृत्यु की इच्छा जताना, उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है। चुनाव में दिख रही हार से बौखलाए अखिलेश अपना संतुलन खो बैठे हैं।
“आखिरी समय में वहीं रहा जाता है, बनारस में”, अखिलेश यादव का यह बयान शर्मनाक है।
आज जब विश्वनाथ धाम के संवर्धन का इतना विशिष्ट काम हुआ, तब प्रधानमंत्री के लिए मृत्यु की इच्छा जताना उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है।
चुनाव में दिख रही हार से बौखलाए अखिलेश अपना संतुलन खो बैठे हैं। pic.twitter.com/56efCpG93O
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 13, 2021
अखिलेश के बयान पर दिल्ली से बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया, “गिद्धों के कोसने से गाय नहीं मरा करती अखिलेश बाबू। मोदी जी के साथ महादेव का, भारत माता का और हर सच्चे देशभक्त का आशीर्वाद है, तुम्हारी बददुआएं ऐसे नहीं करने वाली।”
गिद्धों के कोसने से गाय नहीं मरा करती अखिलेश बाबू
मोदी जी के साथ महादेव का , भारत माता का और हर सच्चे देशभक्त का आशीर्वाद है , तुम्हारी बददुआएँ ऐसे नहीं करने वाली pic.twitter.com/iKjESP3Pg9
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) December 13, 2021