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Rising Rajasthan से राइजिंग इंडिया का संकल्प होगा और मजबूत, पीएम मोदी के शुभारंभ के साथ ही 35 लाख करोड़ के एमओयू से राज्य के विकास को लगेंगे नए पंख

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बदलती स्थिति पर एक बार एक कार्यक्रम में कहा था, “यह राइजिंग इंडिया क्या है, सिर्फ अर्थव्यवस्था की मजबूती राइजिंग इंडिया है, सेंसेक्स का रिकॉर्ड स्तर पर होना ये राइजिंग इंडिया है, विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड या फिर रिकॉर्ड विदेशी निवेश आना ये राइजिंग इंडिया है। राइजिंग इंडिया का मेरे लिए मतलब है हमारे करोड़ों देशवासियों के स्वाभिमान का राइज होना, देश के आत्मगौरव का राइज होना है। जब इन्हीं करोड़ों लोगों की इच्छाशक्ति एकजुट हो जाती है, उनके संकल्प एक हो जाते हैं, तो असाध्य भी साध्य हो जाता है। एकजुट हुई यही इच्छाशक्ति आज न्यू इंडिया के संकल्प को पूरा कर रही है।“  प्रधानमंत्री मोदी के इसी संकल्प की सिद्धि का नाम राइजिंग राजस्थान है। आठ करोड़ से ज्यादा राजस्थानियों की संपन्न, सशक्त और समृद्ध होने की इसी इच्छाशक्ति का नाम राइजिंग राजस्थान है।
प्रदेश में 35 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू को धरातल पर लाएंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन दिवसीय राइजिंग राजस्थान शिखर सम्मेलन का शानदार आगाज करने के साथ ही राज्य की सुख-समृद्धि के नए द्वार खोले हैं। पीएम मोदी खुद वाइब्रेंट गुजरात के जरिए राज्यों में इन्वेस्टमेंट समिट के जनक हैं। ऐसे में उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए राइजिंग राजस्थान के माध्यम से राज्य सरकार विकास और समृद्धि का एक नया अध्याय लिखने जा रही है। सरकार इस समिट से पहले ही 32 देशों के निवेशकों और देश-दुनिया में फैले प्रवासियों के साथ 35 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू कर चुकी है। जब ये निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरेंगे तो यह राजस्थान के सर्वांगीण विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मील का पत्थर साबित होंगे। प्रदेश में पहले हुए दो इन्वेस्टमेंट समिट से सबक लेते हुए राज्य सरकार ने इसके लिए पूरा रोडमैप अभी से बना लिया है।
हर सेक्टर में निवेश करने के लिए राजस्थान में बहुत सी खूबियां
पूरे विश्वजन को पधारो-सा का जयघोष करता राजस्थान निवेश फ्रेंडली है, इसके एक नहीं कई कारण हैं। यह देश की राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है। इसका बहुत बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शामिल है। दिल्ली से जयपुर के बीच गुरुग्राम, धारुहेड़ा, भिवाड़ी, नीमराणा, कोटपूतली जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र पहले से ही हैं। गुजरात और महाराष्ट्र के समुद्र तटों की नजदीकी भी राजस्थान का प्लस पॉइंट है। देश के सबसे महत्वपूर्ण दिल्ली-मुम्बई फ्रेट इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का करीब 39 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान के की जिलों से गुजरता है। गुजरात, महाराष्ट और पंजाब के बाद सबसे ज्यादा लोग राजस्थान से हैं, जो विदेशों में रहते हैं। उनका इंडस्ट्रियल नेटवर्क स्थानीय उद्योगपतियों को मदद देता है। देश में राजस्थान की भूमि से बिड़ला, बजाज, मित्तल, मोदी, सिंघानिया, जैसे औद्योगिक समूह निकले हैं, जिन्होंने देश-विदेश में नाम कमाया है। अब बारी राइजिंग राजस्थान के जरिए प्रदेश को अपना नाम चदुर्दिक चमकाने की है।
राइजिंग इंडिया के मिशन को राइजिंग राजस्थान से मजबूत करेगी सरकार
प्रधानमंत्री मोदी के विजन पर चलते हुए राज्य सरकार राइजिंग इंडिया के मिशन को राइजिंग राजस्थान से मजबूत करने जा रही है। देश पहले ही ग्लोबल विजन और ग्लोबल इंपैक्ट पर काम करते हुए आत्मनिर्भर भारत के नए सफर पर चल चुका है। सरकार औद्योगिक प्रगति के लिए समन्वित रूप से एक साथ काम करते हुए हर सेक्टर, हर फैक्टर को एक साथ बढ़ावा दे रही है। सबके प्रयास की इस भावना से ही विकसित भारत और विकसित राजस्थान का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। पीएम मोदी ने जयपुर स्थित जेईसीसी में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के भव्य उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत आज रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर चलते हुए हर क्षेत्र में विकास कर रहा है, उसे लेकर दुनियाभर के निवेशकों में उत्साह का माहौल है। आजादी के 7 दशक बाद भी भारत दुनिया की 11वीं इकोनोमी था। लेकिन बीते 10 वर्षों में हमने 11वीं से 5वीं सबसे बड़ी इकोनोमी बनने का सफर तय किया है। इस दौरान हमारी अर्थव्यवस्था का आकार, कुल निर्यात और एफडीआई भी करीब दोगुना हो गया है। हमने बीते दस साल में आधारभूत ढांचे पर खर्च भी करीब 2 ट्रिलियन से बढ़ाकर 11 ट्रिलियन रुपए तक पहुंचा दिया है।
हमारी डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, डेटा एवं डिलीवरी की ताकत दुनिया देखेगी
भारत की सफलता में डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, डिजिटल डेटा एवं डिलीवरी की पावर की अहम भूमिका है और आने वाले समय में दुनिया इनकी असली ताकत देखने वाली है। भारत जैसे विविधता भरे देश में डेमोक्रेसी का सशक्त होना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। आज देश की जनता लोकतांत्रिक हक का प्रयोग करते हुए स्थायी सरकार के लिए वोट दे रही है। आने वाले अनेक सालों तक भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में रहने वाला है और हमारे पास सबसे बड़ा स्किल्ड युवा वर्ग भी होगा। यह सदी तकनीक एवं डेटा की सदी है और युवाशक्ति ने टेक पावर और डेटा पावर के नए आयाम जोड़ कर हमारे सामर्थ्य को बढ़ाने का काम किया है। बीते दशक में सरकार ने जो फैसले लिए हैं, उनकी बदौलत डिजिटिल इकोसिस्टम ने भारत में व्यापार-कारोबार के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। आज डिजिटल ट्रांजेक्शन्स में नए रिकॉर्ड बन रहे हैं और देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या करीब 4 गुणा बढ़ी है।
राष्ट्र को सर्वोपरि रखने की भावना राजस्थान की मिट्टी के कण-कण में
राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से तो देश का सबसे बड़ा राज्य है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसके साथ ही राजस्थान के लोगों का दिल भी उतना ही बड़ा है। जब राजस्थान विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचेगा तो देश को भी नई ऊंचाई मिलेगी। यहां के लोगों का परिश्रम, ईमानदारी, कठिन से कठिन लक्ष्य को पाने की इच्छाशक्ति, राष्ट्र को सर्वोपरि रखने की भावना राजस्थान की मिट्टी के कण-कण में समाई है। आजादी के बाद जो सरकारें आई उन्होंने न तो देश के विकास को प्राथमिकता पर रखा और ना ही देश की विरासत का ध्यान रखा। लेकिन आज हमारी सरकार विकास भी, विरासत भी के मंत्र पर चल रही है और इसका बहुत बड़ा लाभ राजस्थान को भी हो रहा है।
डबल इंजन सरकार की कुशलता और प्रतिबद्धता से निवेशकों में नया उत्साह
राजस्थान के आर फैक्टर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज राजस्थान राइजिंग तो है ही, यह रिलायबल व रिसेप्टिप भी है और समय के साथ खुद को रिफाइन करना भी जानता है। बीते एक साल में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार के शानदार काम की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान के इस आर फैक्टर में अब यहां की रिस्पॉन्सिव और रिफॉर्मिस्ट सरकार का नया पहलू भी जुड़ चुका है। डबल इंजन सरकार जिस कुशलता और प्रतिबद्धता के साथ राजस्थान के तेज विकास का काम कर रही है, वो प्रशंसनीय है। आज राजस्थान में गरीब, किसान, युवाओं के कल्याण, सड़क, बिजली, पानी सहित हर प्रकार के विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। सरकार अपराध और भ्रष्टाचार नियंत्रण में जो तत्परता दिखा रही है, उससे नागरिकों और निवेशकों में नया उत्साह आया है।
आत्मनिर्भर भारत की नींव रखने में राजस्थान का अहम योगदान
राजस्थान के पास रोड से लेकर रेलवेज तक, हैंडलूम से लेकर हैंडीक्राफ्ट तक, फार्म से लेकर फोर्ट तक बहुत कुछ है। प्राकृतिक संसाधनों के भंडार,समृद्ध विरासत, विस्तृत लैंडमास, आधुनिक कनेक्टिविटी नेटवर्क और समर्थ युवा शक्ति के कारण राजस्थान निवेश का आकर्षक गंतव्य है। राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्र में जैतून और जेट्रोपा की खेती, जयपुर की ब्लू पॉटरी, प्रतापगढ़ की थेवा ज्वेलरी, भीलवाड़ा के टेक्सटाइल, मकराना के मार्बल, कोटा डोरिया और नागौर की पान मेथी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज यहां की सरकार, हर जिले के सामर्थ्य को पहचानते हुए काम कर रही है। राजस्थान, दिल्ली एवं मुंबई जैसे दो बड़े आर्थिक केन्द्रों और महाराष्ट्र व गुजरात के पोर्ट्स को उत्तर भारत से जोड़ता है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा राजस्थान से गुजरता है। राजस्थान में जिंक, लेड, कॉपर, मार्बल, लाइमस्टोन, ग्रेनाइट, पोटाश जैसे खनिजों के बड़े भंडार हैं। इस दशक के अंत तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को हासिल करने में राजस्थान बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। इस तरह आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव रखने में राजस्थान का अहम योगदान है। पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए यहां अपार संभावनाओं को देखते हुए यहाँ मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क और लगभग दो दर्जन सेक्टर आधारित इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जा रहे हैं। दो एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी हुआ है। इससे राजस्थान की इंडस्ट्रियल कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
‘वेड इन इंडिया’ आह्वान का राजस्थान को सबसे ज्यादा फायदा
‘वेड इन इंडिया’ के आह्वान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान वह स्थल है, जहां पर लोग शादी-विवाह जैसे जीवन के पलों को यादगार बनाने के लिए यहां आते हैं। भारत के समृद्ध भविष्य में पर्यटन का भूमिका है, इसमें सबसे बड़ी भूमिका राजस्थान निभाने वाला है। टूर, ट्रेवल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की दृष्टि से राजस्थान दुनिया के चुनिंदा स्थानों में से एक है। हेरिटेज टूरिज्म, फिल्म टूरिज्म, इको टूरिज्म, रूरल टूरिज्म, बॉर्डर एरिया टूरिज्म, वन्यजीव पर्यटन की यहां बहुत अधिक संभावनाएं हैं। केन्द्र की उड़ान योजना, वंदे भारत, प्रसाद स्कीम,वाइब्रेंट विलेज जैसे कार्यक्रमों का राजस्थान को भी बहुत फायदा हो रहा है। ऐसे में ‘वेड इन इंडिया’ के का फायदा भी राजस्थान को होना तय है।
राजस्थान से बीते वर्ष मैन्युफेक्चरिंग के तहत 84 हजार करोड़ का निर्यात
देश की इकोनॉमी की मजबूती का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया को एक ऐसी व्यवस्था की ज़रूरत है जो बड़े से बड़े संकट के दौरान भी मजबूती से चलती रहे। इसके लिए भारत में व्यापक मैन्युफेक्चरिंग बेस का होना दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ज़रूरी है। इसे देखते हुए हमने मैन्युफेक्चरिंग में आत्मनिर्भरता का बड़ा संकल्प लिया है और देश मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत लो कॉस्ट मैन्युफेक्चरिंग पर बल दे रहा है। पेट्रोलियम उत्पाद, दवाएं, वैक्सीन्स,  इलेक्ट्रॉनिक्स सामान आदि की भारत में रिकॉर्ड मैन्युफेक्चरिंग से दुनिया को बहुत फायदा हो रहा है। राजस्थान से भी बीते वर्ष इंजीनियरिंग गुड्स, जेम्स और ज्वेलरी, टेक्सटाइल्स, हैंडीक्राफ्ट्स, एग्रो फूड प्रोडक्ट्स आदि का करीब चौरासी हजार करोड़ रुपए का निर्यात हुआ है। पीएलआई योजना के कारण देश में इलेक्ट्रॉनिक्स, स्पेशलिटी स्टील, ऑटोमोबाइल, ऑटो कम्पोनेन्ट, सोलर पीवी, फार्मा ड्रग्स के क्षेत्र में उत्साह बढ़ा है। पीएम मोदी ने निवेशकों को राजस्थान में ऑटोमोटिव, ऑटो कॉम्पोनेंट इंडस्ट्री, इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफेक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफेक्चरिंग की संभावनाओं को देखते हुए यहां और अधिक निवेश करने का सुझाव दिया। 
एमएसएमई सेक्टर बनेगा बढ़ते राजस्थान की सबसे बड़ी ताकत
एमएसएमई क्षेत्र में राजस्थान भारत के टॉप 5 राज्यों में से एक है। एमएसएमई की ये बढ़ती ताकत राजस्थान के विकास को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी। यहां 27 लाख से ज्यादा छोटे और लघु उद्योग हैं और 50 लाख से ज्यादा लोग इनमें काम करते हैं। एमएसएमई आने वाले समय में ग्लोबल सप्लाई और वैल्यू चेन को सशक्त करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा बदली है, ताकि उन्हें आगे बढ़ने के और अधिक अवसर मिल सकें। केंद्र सरकार की पहल से इन उद्योगों के लिए ऋण लेना आसान हुआ है। क्रेडिट लिंक गांरटी स्कीम से छोटे उद्योगों को करीब 7 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई है। इन प्रयासों से बीते दशक में एमएसएमई के लिए क्रेडिट फ्लो दो गुना से अधिक बढ़ कर 22 लाख करोड़ रुपए से ऊपर जा चुका है। उन्होंने देश-दुनिया से आए अतिथियों से स्वदेश लौटने से पहले राजस्थान भ्रमण कर यहां के जीवंत अनुभव लेने का आह्वान भी किया। 
नई नीतियों और ठोस कदमों से बना निवेश का अभूतपूर्व माहौल
इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार ने पहले वर्ष में ही समिट का आयोजन किया है, ताकि प्राप्त निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सभी आवश्यक कदम ठीक ढंग से और समय पर उठाए जा सकें। ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में 32 देशों द्वारा भाग लिया जा रहा है। इस समिट के प्रारंभ होने से पूर्व ही 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू संपादित किए जा चुके हैं जो निवेशकों द्वारा राज्य के प्रति व्यक्त किए गए विश्वास को दर्शाता है। राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए हमने न केवल 10 नई महत्वपूर्ण नीतियां लागू की हैं बल्कि ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस के क्षेत्र में भी ठोस कदम उठाए हैं, जिसके फलस्वरूप राज्य में निवेश को लेकर एक अभूतपूर्व माहौल बना है।
  
पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य
राजस्थान में निवेश और विकास की असीमित संभावनाएं हैं। खनिज, पेट्रोलियम, ओटोमोबाइल, टेक्सटाइल, पर्यटन, शिक्षा एवं चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में राजस्थान में निवेश कर अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है। सीएम शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य रखकर कार्य कर रही है। यह समिट इस क्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रदेश सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य बजट में पूंजीगत व्यय को पिछले बजट के मुकाबले 65 प्रतिशत बढ़ाया गया है। राज्य में पहली बार एक साथ 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने का काम हाथ में लिया गया है। अक्षय ऊर्जा उत्पादन को पांच सालों में 30 गीगावाट से 125 गीगावाट तक ले जाने के लिए पूरी तेजी से कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिट में 12 अलग-अलग सेक्टर केंद्रित सेशन एवं 8 कंट्री सेशन के साथ प्रवासी राजस्थानी एवं एमएसएमई पर भी विशेष सेशन आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें केंद्र एवं राज्य के मंत्रियों के साथ संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ एवं निवेशक एक साथ बैठकर राज्य में और निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। 
प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राजस्थान में विकास की प्रबल संभावनाएं
ग्लोबल समिट में पहले दिन पांच सौ से ज्यादा देशी-विदेशी निवेशक भाग ले रहे हैं। इस मौके पर वेदांता समूह के संस्थापक अनिल अग्रवाल ने कहा कि विश्व में वे देश ही आज सर्वाधिक सफल और विकसित हैं, जिन्होंने भूगर्भ के संसाधनों का समुचित दोहन किया है। प्राकृतिक संसाधनों से अत्यंत समृद्ध राजस्थान में भी विकास एवं प्रगति की प्रबल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हमने हिंदुस्तान जिंक और केयर्न एनर्जी के माध्यम से राजस्थान में एक लाख करोड़ रुपए का निवेश कर लगभग एक लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया है और यहां निवेश करने से हमें काफी लाभ हुआ है। उन्होंने आने वाले समय में  राजस्थान में निवेश बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि आने वाले समय में हमारा राजकीय राजस्व में अपने योगदान में तीन गुना तक वृद्धि करने और 5 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है। 
करन अडानी की राजस्थान में 7.5 लाख करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता
अडानी पोर्ट्स एण्ड स्पेशल इकॉनॉमिक जोन के प्रबंध निदेशक करण अडानी ने कहा कि राजा-महाराजाओं की धरती रही राजस्थान भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहते हुए होने वाली प्रगति ही सही मायनों में प्रगति है। उन्होंने कहा कि दस साल में 23 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे थे, अब यह संख्या 11 प्रतिशत रह गई है। इस तरह ढाई करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। उन्होंने इस दौरान आने वाले समय में राजस्थान में 7.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की। 
विश्व में राजस्थान के एम्बेसडर के रूप में ही मेरी पहचान- कुमारमंगलम
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमारमंगलम बिड़ला ने कहा कि राजस्थान से उनका पीढ़ियों से नाता रहा है। राजस्थान से जुड़ाव के कारण ही विश्व में राजस्थान के एम्बेसडर के रूप में उनकी पहचान है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में बिट्स पिलानी व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ व्यावसायिक क्षेत्र में भी उनके समूह की महत्वपूर्ण उपस्थिति है। उन्होंने मिनरल, इन्फ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म और रिन्यूएबल एनर्जी को राजस्थान के मित्र की संज्ञा देते हुए कहा कि राजस्थान में हमारा निवेश यहां की सरकार और नीतियों पर हमारे विश्वास को प्रकट करता है। उन्होंने बाहर से आए निवेशकों से पधारो म्हारे देश और निवेश करो म्हारे देश का आह्वान भी किया। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि राजस्थान की बावड़ियां प्राचीन काल से ही यहां के निवासियों की नवाचारों की प्रवृत्ति को दर्शाती हैं। साथ ही, इन बावड़ियों में राजस्थान के तकनीकी उज्ज्वल भविष्य के बीज भी समाए हैं। उन्होंने जयपुर में महिन्द्रा वर्ल्ड सिटी से जुड़े अपने अनुभव भी साझा किए।
जापान और राजस्थान की पार्टनरशिप और अधिक मजबूत होगी
पहले दिन के कंट्री सेशन में निवेश पर हुआ गहरा मंथन हुआ। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा जापान और राजस्थान की पार्टनरशिप और अधिक मजबूत होगी। जापान के साथ राजस्थान के साथ लगभग डेढ़ दशक पुराने रिश्ते रहे हैं। जायका और जेट्रो कई वर्षों से राज्य के साथ जुड़कर बेहतरीन काम कर रहे हैं। नीमराना में जापान की करीब 48 कंपनियों के द्वारा अच्छा निवेश किया है। उन्होंने बताया कि कंपनियों को निवेश का बेहतर माहौल उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार नए डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर बना रही है। आने वाला वर्षों में दोनों देशों के मध्य निवेश का रिश्ता और अधिक मजबूत होगा। राज्य सरकार ने जापानी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए इंडस्ट्रियल पार्क, डेडीकेटेड कोरिडोर बनाने के साथ सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। जापानी कंपनियों का प्रदेश के प्रति अटूट विश्वास और गहरा रिश्ता भी है। उन्होंने कहा कि जापान का रोबोटिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोकेमिकल में सहयोग राज्य के लिए बेहतर परिणाम देगा। भारत में जापान के राजदूत किची ओनो ने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा जापानी कंपनियों को निवेश का बेहतर माहौल उपलब्ध करवाया है। 2014 के बाद जापानी निवेश न केवल देश बल्कि राजस्थान में भी बढ़ा है।

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