प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस प्रकोप के बीच एसोचैम, फिक्की, सीआईआई और देश भर के 18 शहरों के कई स्थानीय चैंबरों के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की। उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि वे कर्मचारियों को घरों से काम करने की अनुमति दें और लोगों को नौकरियों से ना निकालें।
Spoke to those associated with the world of industry earlier this evening. In consultation with all the concerned stakeholders, the Government is working to ensure economic stability. #IndiaFightsCorona https://t.co/HhnTNj5ryn
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2020
We had extensive interactions on sectors like banking, finance, hospitality, tourism and infra.
Government and industry are conscious about informal sector’s well-being.
Industry leaders highlighted steps towards maintaining supply lines of essential items and medical equipment.— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2020
Called upon industry leaders to continue following work from home as much as possible in these times.
Unless very very important, please do #StayHome.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैसे तो सरकार देश में आर्थिक विकास को नई गति प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है, लेकिन ‘कोविड-19’ के रूप में उत्पन्न एक अप्रत्याशित बाधा से अर्थव्यवस्था को जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस महामारी से उत्पन्न चुनौती यहां तक कि विश्व युद्धों के दौरान उत्पन्न हुए हालात से भी काफी गंभीर है और इसको फैलने से रोकने के लिए हमें निरंतर सतर्क रहने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था का आधार विश्वास है और विश्वास का एक अद्वितीय पैमाना होता है। इसे गंभीर संकट की स्थिति अथवा चुनौतीपूर्ण हालात में या तो अर्जित किया जाता है या गंवा दिया जाता है। विश्वास के मापदंड अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों या क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड -19 से अनौपचारिक सेक्टर सहित पर्यटन, निर्माण, आतिथ्य और दैनिक जीवन की व्यस्तता जैसे कई सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। आने वाले कुछ समय तक अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव महसूस किया जाएगा।
उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने इस खतरे से निपटने में अग्रणी भूमिका निभाने और त्वरित एवं सक्रिय कार्रवाई करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को आवश्यक वस्तुओं और वेंटिलेटर सहित चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति बनाए रखने, आइसोलेशन वार्डों के निर्माण में सहायता करने, कोविड -19 का मुकाबला करने के लिए सीएसआर निधियों का उपयोग करने और प्रवासी मजदूरों की सहायता के प्रावधानों के बारे में अपने द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।
उन्होंने बैंकिंग, वित्त, आतिथ्य, पर्यटन, अवसंरचना जैसे क्षेत्रों के समक्ष आ रही विशिष्ट समस्याओं के बारे में चर्चा की तथा वित्तीय और राजकोषीय सहायता के माध्यम से इन चुनौतियों से निपटने में सहायताप्रदान करने का अनुरोध किया। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आर्थिक नुकसान के बावजूद, लॉकडाउन किए जाने के महत्व की सराहना भी की।
प्रधानमंत्री मोदी ने असंगठित क्षेत्र की जरूरतों पर एक स्वर में आवाज उठाने के लिए उद्योग जगत के प्रतिनिधियों का आभार प्रकट किया और कहा कि यह आर्थिक एकीकरण की दिशा में एक नई शुरुआत है। प्रधानमंत्री ने इन प्रतिनिधियां से जहां भी प्रौद्योगिकी के उपयोग से संभव हो सके, वहां कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने और अपने कारोबार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने के बावजूद कार्यबल में कटौती नहीं करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जरूरी है कि इस समय आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन प्रभावित न हो तथा कालाबाजारी और जमाखोरी पर रोक लगाई जाए। प्रधानमंत्री ने कारखानों, कार्यालयों और कार्यस्थल पर कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए उन्हें ‘स्वच्छता’के महत्व की याद दिलायी और चिकित्सकीय सलाह का अनुसरण करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस वायरस के प्रसार को रोकने की हमारी लड़ाई में सामाजिक तौर पर दूरी बनाए रखना हमारा सबसे बड़ा हथियार है। प्रधानमंत्री नेइन प्रतिनिधियों से ऐसे कठिन समय में महामारी से संबंधित मानवीय कारणों के लिए अपनी सीएसआर निधियों का उपयोग करने का भी अनुरोध किया।
इस बातचीत में प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव तथा उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग सचिव ने भी भाग लिया।