प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हमें ऐसे लीडर्स बनाने होंगे, जो Trend बनाने में नहीं, Trend Set करने के लिए काम करने में यकीन रखते हो। प्रधानमंत्री मोदी ने आज शुक्रवार, 21 फरवरी 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में सोल लीडरशिप कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ‘हमें ऐसे लीडर्स बनाने होंगे, जो ट्रेंड बनाने में नहीं, ट्रेंड सेट करने के लिए काम करने वाले हों। आने वाले समय में जब हम डिप्लोमेसी से टेक इनोवेशन तक, एक नई लीडरशिप को आगे बढ़ाएंगे। तो इन सारे सेक्टर्स में भारत का इंफ्लूएंश और इम्पैक्ट, दोनों कई गुणा बढ़ेंगे। यानि एक तरह से भारत का पूरा विजन, पूरा फ्यूचर एक मजबूत नेतृत्व पीढ़ी पर निर्भर होगा। इसलिए हमें वैश्विक सोच और लोकल अपब्रिंगिंग के साथ आगे बढ़ना है। हमारी गवर्नेंस को, हमारी पॉलिसी मेकिंग को हमने वर्ल्ड क्लास बनाना होगा। ये तभी हो पाएगा, जब हमारे नीति निर्माता, नौकरशाह, उद्यमी, अपनी पॉलिसीज़ को ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेज के साथ जोड़कर फ्रेम कर पाएंगे। और इसमें सोल जैसे संस्थान की बहुत बड़ी भूमिका होगी।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘नेशन बिल्डिंग के लिए, बेहतर सिटिजन्स का डेवलपमेंट ज़रूरी है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, जन से जगत, जन से जग, ये किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करना है, विशालता को पाना है, तो आरंभ जन से ही शुरू होता है। हर क्षेत्र में बेहतरीन लीडर्स का डेवलपमेंट बहुत जरूरी है, और समय की मांग है। और इसलिए The School of Ultimate Leadership (SOUL) की स्थापना, विकसित भारत की विकास यात्रा में एक बहुत महत्वपूर्ण और बहुत बड़ा कदम है।”
सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘स्वामी विवेकानंद ने कहा था- “Give me a hundred energetic young men and women and I shall transform India.” स्वामी विवेकानंद जी, भारत को गुलामी से बाहर निकालकर भारत को ट्रांसफॉर्म करना चाहते थे। और उनका विश्वास था कि अगर 100 लीडर्स उनके पास हों, तो वो भारत को आज़ाद ही नहीं बल्कि दुनिया का नंबर वन देश बना सकते हैं। आज हर भारतीय 21वीं सदी के विकसित भारत के लिए दिन-रात काम कर रहा है। ऐसे में 140 करोड़ के देश में भी हर सेक्टर में, हर वर्टिकल में, जीवन के हर पहलू में, हमें उत्तम से उत्तम लीडरशिप की जरूरत है। सिर्फ पॉलीटिकल लीडरशिप नहीं, जीवन के हर क्षेत्र में School of Ultimate Leadership के पास भी 21st सेंचुरी की लीडरशिप तैयार करने का बहुत बड़ा स्कोप है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आज भारत एक ग्लोबल पावर हाउस के रूप में उभर रहा है। ये मोमेंटम, ये स्पीड और तेज हो, हर क्षेत्र में हो, इसके लिए हमें वर्ल्ड क्लास लीडर्स की, इंटरनेशनल लीडरशिप की जरूरत है। SOUL जैसे लीडरशिप संस्थान, इसमें गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। ऐसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थान हमारी च्वाइस ही नहीं, हमारी जरूरत हैं। आज भारत को हर सेक्टर में ऊर्जावान नेताओं की जरूरत है, जो वैश्विक जटिलताओं का, वैश्विक जरूरतों का समाधान ढूंढ पाएं। जो समस्या का समाधान करते समय, देश के हित को वैश्विक मंच पर सबसे आगे रखें। जिनकी अप्रोच ग्लोबल हो, लेकिन सोच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा लोकल भी हो। SOUL का काम यही है, आपकी स्केल बड़ी है, स्कोप बड़ा है, और आपसे उम्मीद भी उतनी ही ज्यादा हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘अगर हमें विकसित भारत बनाना है, तो हमें हर क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ना होगा। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है- यत् यत् आचरति श्रेष्ठः, तत् तत् एव इतरः जनः।। यानि श्रेष्ठ मनुष्य जैसा आचरण करता है, सामान्य लोग उसे ही फॉलो करते हैं। इसलिए, ऐसी लीडरशिप ज़रूरी है, जो हर अस्पेक्ट में वैसी हो, जो भारत के नेशनल विजन को रिफ्लेक्ट करे, उसके हिसाब से आचरण करे। फ्यूचर लीडरशिप में विकसित भारत के निर्माण के लिए जरूरी स्टील और जरूरी स्पिरिट, दोनों पैदा करना है, SOUL का उद्देश्य वही होना चाहिए।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ये स्टील और स्पिरिट, हमें पब्लिक पॉलिसी और सोशल सेक्टर्स में भी पैदा करनी है। हमें डीप-टेक, स्पेस, बायोटेक, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे अनेक उभरते क्षेत्रों के लिए लीडरशिप तैयार करनी है। खेल, कृषि, विनिर्माण और सामाजिक सेवा जैसे पारंपरिक क्षेत्रों के लिए भी नेतृत्व बनाना है। हमें हर सेक्टर्स में उत्कृष्टता को एस्पायर ही नहीं, अचीव भी करना है। इसलिए, भारत को ऐसे लीडर्स की जरूरत होगी, जो वैश्विक उत्कृष्टता के नए संस्थानों को डेवलप करें।’