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एक किसान पुत्र को मिला सबसे बड़ा सम्मान है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एक किसान पुत्र को मिला सबसे बड़ा सम्मान है। आज, 3 जुलाई 2024 को नई दिल्ली के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केन्द्र (एनएएससी) परिसर में कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं है दुनिया में कहीं किसी किसान का स्टैच्यू हो। हमनें दुनिया में सबसे ऊंचे स्टैच्यू के रूप में स्टैच्यू ऑफ की चर्चा सुनी है। लेकिन कृषि जगत के लोगों को जानकर खुशी होगी कि भारत में आजादी का आंदोलन में जिस महापुरुष ने किसान शक्ति को जागृत किया, किसानों को आजादी के आदोलंन की मुख्य धारा में जोड़ा, उन सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा भारत में है।

सम्मेलन में भाग लेने आए 75 देशों के लगभग 1,000 प्रतिनिधियों से उन्होंने कहा कि ये जो स्टैच्यू बनाया गया है, उसमें छह लाख गांवों के किसानों के लोहे के औजार का उपयोग किया गया है। छह लाख गांवों से खेतों में उपयोग किया गया लोहे का औजार लाया गया, उसको मेल्ट किया गया और दुनिया के सबसे ऊंचे किसान नेता के स्टैच्यू के अंदर उस खेत में उपयोग किए औजार का मेल्ट करके लोहा उपयोग किया गया। इस देश के किसान पुत्र को इतना बड़ा सम्मान जो मिला है शायद विश्व में ऐसा कहीं नहीं हुआ होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत जितना प्राचीन है, उतनी ही प्राचीन कृषि और खाद्य को लेकर हमारी मान्यताएं हैं, हमारे अनुभव हैं। और भारतीय कृषि परंपरा में, साइंस को, लॉजिक को प्राथमिकता दी गई है। हमारे अन्न को औषधीय प्रभावों के साथ इस्तेमाल करने का पूरा आयुर्वेद विज्ञान है। ये पारंपरिक नॉलेज सिस्टम, भारत के समाज जीवन का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि की एक और विशेषता है। भारत में हम आज भी 6 मौसम को ध्यान में रखते हुए सबकुछ प्लान करते हैं। भारत में अगर आप कुछ सौ किलोमीटर ट्रैवल करें, तो खेती बदल जाती है। मैदानों की खेती अलग है, हिमालय की खेती अलग है, डेजर्ट की खेती अलग है। जहां पानी कम होता है, वहां की खेती अलग है औऱ कोस्टल बेल्ट की खेती अलग है। ये जो विविधता है, यही ग्लोबल फूड की सुरक्षा के लिए भारत को उम्मीद की किरण बनाती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि हमारी इकॉनॉमिक पॉलिसी के सेंटर में है। हमारे यहां, करीब 90 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं, जिनके पास बहुत कम जमीन है। ये छोटे किसान ही भारत की खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत हैं। यही स्थिति एशिया के कई विकासशील देशों में है। इसलिए, भारत का मॉडल कई देशों के काम आ सकता है। भारत इनसे जुड़े अनुभव विश्व समुदाय के साथ शेयर करने के लिए उतना ही उत्सुक है।

उन्होंने कहा कि आज के समय में पानी की कमी और क्लाइमेट चेंज के साथ ही पोषण भी एक बड़ा चैलेंज है। इसका हल भी भारत के पास है। भारत, मिलेट्स का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। जिन्हें दुनिया सुपरफूड कहती है और उसे हमने श्री अन्न की पहचान दी है। ये कम पानी, ज्यादा पैदावार के सिद्धांत पर चलते हैं। भारत के अलग-अलग सुपरफूड पोषण की समस्या का समाधान करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में हम एग्रीकल्चर सेक्टर में डिजिटल टेक्नॉलॉजी का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से, एक क्लिक पर 10 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 30 सेकेंड में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं। हम डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहे हैं। हमारे किसानों को रियल टाइम सूचना मिलेगी। हमारी इस पहल से करोड़ों किसानों को फायदा होगा, उनकी आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी। ड्रोन का उपयोग भी खेती में बहुत तेजी से प्रमोट हम कर रहे हैं। ड्रोन से होने वाली खेती की कमान महिलाओं को, हमारी ड्रोन दीदियों को दी जा रही है। ये जो भी कदम हैं, इनसे भारत के किसानों का तो फायदा होगा ही, इससे ग्लोबल खाद्य सुरक्षा को भी ताकत मिलेगी।

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