Home समाचार वचन और कर्म के प्रति निष्ठा हो तो प्रधानमंत्री जैसी हो

वचन और कर्म के प्रति निष्ठा हो तो प्रधानमंत्री जैसी हो

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो कहते हैं उसे अपने जीवन में भी उतारते हैं। मंगलवार को उन्होंने एक बार फिर अपने वचन और कर्म के प्रति निष्ठा का पालन करते हुए नजीर पेश की। 11 अप्रैल की शाम को संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की पुस्तक ‘मातोश्री’ का विमोचन का कार्यक्रम था। महारानी अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित पुस्तक को नीले रंग के पैकिंग पेपर में पैक कर सजाया गया था। पीएम ने पैकिंग पेपर हटाकर किताब का विमोचन कर दिया, लेकिन इस दौरान उन्होंने जो किया वो सभी के लिए एक संदेश था।

दरअसल पुस्तक विमोचन के बाद भी प्रधानमंत्री पैकिंग पेपर हाथ में ही पकड़े रहे। कुछ ही देर में उन्होंने पैकिंग पेपर को दोनों हाथों से मोड़ा और फिर तुरंत ही अपनी हाफ जैकेट की जेब में उसे रख लिया। जैसे ही पीएम ने उस वेस्ट पैकिंग पेपर को खुद अपनी जेब में रखा मंच पर मौजूद संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सहित दर्शक दीर्घा में उपस्थित लोगों ने करीब बीस सेकंड तक जोरदार तरीके से तालियां बजाईं। दर्शक दीर्घा में युवा, महिला, सांसद, कई केन्द्रीय मंत्री और पत्रकार मौजूद थे। महज 10 सेकंड में हुआ ये वाकया वाकई में स्वच्छ भारत अभियान के लिए एक सकारात्मक संदेश दे गया।

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