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‘हर घर जल से सर्टिफाइड’ देश का पहला राज्य बना गोवा : प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में आयोजित हर घर जल उत्सव के तहत 19 अगस्त 2022 यानी शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने बताया कि गोवा ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने बताया कि आज गोवा ‘हर घर जल से सर्टिफाइड’ देश का पहला राज्य बन गया है। इस अवसर पर आयोजित ‘हर घर जल उत्सव’ कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के  के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार बनाने के लिए उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती , जितनी कड़ी मेहनत देश बनाने के लिए करनी पड़ती है। उन्होंने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने के अभियान को एक ‘बड़ी सफलता’ करार दिया और कहा कि उनकी सरकार देश बनाने के प्रयासों के तहत वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का लगातार समाधान कर रही है।

देश की सबसे बड़ी अहम तीन उपलब्धियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान बताया कि वे आज सभी देशवासियों के साथ देश की तीन बड़ी उपलब्धियों को साझा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अमृतकाल में भारत जिन विशाल लक्ष्यों पर काम कर रहा है, उससे जुड़े तीन अहम पड़ाव आज पार किए हैं। पहला पड़ाव- आज देश के 10 करोड़ ग्रामीण परिवार पाइप से स्वच्छ पानी की सुविधा से जुड़ चुके हैं। ये घर जल पहुंचाने की सरकार के अभियान की एक बड़ी सफलता है। देश ने विशेषकर गोवा ने आज एक उपलब्धि हासिल की है। आज गोवा देश का पहला राज्य बना है, जिसे हर घर जल सर्टिफाई किया गया है। दादरा नगर हवेली एवं दमन और दीव भी, हर घर जल सर्टिफाइड केंद्र शासित राज्य बन गए हैं। बीते कुछ वर्षों में देश के हर बड़े मिशन में गोवा अग्रणी भूमिका निभाता जा रहा है। मैं गोवा की जनता को, वहां की सरकार को, स्थानीय स्वराज की संस्थाओं को बहुत शुभकामनाएं देता हूं। देश की तीसरी उपलब्धि स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ी है। कुछ साल पहले सभी देशवासियों के प्रयासों से, देश खुले में शौच से मुक्त घोषित हुआ था। इसके बाद हमने संकल्प लिया था कि गांवों को ODF प्लस बनाएंगे। यानी कम्यूनिटी टॉयलेट्स, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, ग्रे वॉटर मैनेजमेंट, गोबरधन प्रोजेक्ट्स, जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

विकास में अवरोध बन सकता है पानी का अभाव

आज दुनिया की बड़ी-बड़ी संस्थाएं कह रही हैं कि 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक चुनौती water security की होगी। पानी का अभाव, विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में भी बहुत बड़ा अवरोध बन सकता है। बिना पानी सामान्य मानवी, गरीब, मध्यम वर्ग, किसान और उद्योग-धंधों, सबको नुकसान होता है। इस बड़ी चुनौती से निपटने के लिए सेवा भाव से, कर्तव्य भाव से चौबीसे घंटे काम करने की जरूरत है। हमारी सरकार बीते आठ वर्षों से इसी भावना के साथ, water security- जल सुरक्षा के कार्यों को पूरा करने में जुटी है। ये सही है कि सरकार बनाने के लिए उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती, लेकिन देश बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। हम सभी ने देश बनाने का रास्ता चुना है, इसलिए देश की वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का लगातार समाधान कर रहे हैं। जिन्हें देश की परवाह नहीं होती, उन्हें देश का वर्तमान बिगड़े या भविष्य, कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे लोग पानी के लिए बड़ी-बड़ी बातें जरूर कर सकते हैं, लेकिन कभी पानी के लिए एक बड़े विजन के साथ काम नहीं कर सकते।

देश में लगातार बढ़ रही wetlands की संख्या

आजादी के अमृतकाल में water security- जल सुरक्षा, भारत की प्रगति के सामने चुनौती ना बने, इसके लिए बीते 8 वर्षों से जल सुरक्षा पर विशेष बल दिया गया है। कैच द रेन हो, अटल भूजल योजना हो, देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण हो, नदियों को जोड़ना हो, या फिर जल जीवन मिशन, इन सबका लक्ष्य है- देश के जन-जन को जल सुरक्षा। कुछ दिन पहले ही खबर आई है कि भारत में अब रामसर साइट्स यानि wetlands की संख्या भी बढ़कर 75 हो गई है। इनमें से भी 50 साइट्स पिछले 8 वर्षों में ही जोड़ी गई हैं। पानी और पर्यावरण के प्रति यही प्रतिबद्धता जल जीवन मिशन के 10 करोड़ के पड़ाव में भी झलकती है। अमृतकाल की इससे बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती है। सिर्फ 3 साल  के भीतर जल जीवन मिशन के तहत 7 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पाइप के पानी की सुविधा से जोड़ा गया है। ये कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है। आज़ादी के 7 दशकों में देश के सिर्फ 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास ही पाइप से पानी की सुविधा उपलब्ध थी।

जल जीवन मिशन की सफलता चार स्तंभ

जल जीवन मिशन अभियान की सफलता के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जल जीवन मिशन की सफलता की वजह उसके चार मजबूत स्तंभ हैं। पहला- जन-भागीदारी, दूसरा- साझेदारी, हर स्टेकहोल्डर की Partnership, तीसरा- राजनीतिक इच्छाशक्ति, और चौथा- संसाधनों का पूरा इस्तेमाल- Optimum utilisation of Resources। जलजीवन मिशन में जिस तरह पंचायतों को, ग्राम सभाओं को, गांव के स्थानीय लोगों को शामिल किया गया है, जिस तरह उन्हें अनेक जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, वो अभूतपूर्व है।

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