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पीएम मोदी इफेक्ट: अमेरिका ने नए साल पर पाकिस्तान को लताड़ा, कहा मदद अब और नहीं

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार आतंकवाद को जड़मूल से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार हर मंच से आतंकवाद के मुद्दे को उठाते रहे हैं और पाकिस्तान को आतंकवाद का संरक्षक बताते रहे हैं। उनकी नीति, कूटनीति और रणनीति का असर नए साल के पहले दिन एक बार फिर देखने को मिला है। अमेरिका ने मान लिया कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन करने वाला देश है और उसे अब और मदद नहीं दी जाएगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने नव वर्ष 2018 के पहले ही दिन ट्वीट करके पाकिस्तान की आतंकवाद को संरक्षण देने की नीति पर करारा हमला बोला है। उन्होंने अमेरिका के पूर्ववर्ती शासकों को भी निशाने पर लिया है। इससे पहले भी इस मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन की ओर से पाकिस्तान को कई बार फटकार लगाई जा चुकी है। अमेरिकी ट्रंप ने ट्वीट करके कहा, ‘अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण ढंग से बीते 15 सालों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर की सहायता दी गई। इस मदद के बदले में हमें झूठ और छल के अलावा कुछ भी नहीं मिला। हमारे नेताओं को मूर्ख समझा गया। वे आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह देते रहे और हम अफगानिस्तान में खाक छानते रहे। अब और नहीं।’

बीते साल भी अमेरिका ने पाकिस्तान को कई बार आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। अमेरिका ने कहा था कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों के प्रति अवश्य ही अपना रूख बदलना चाहिए और उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन पाकिस्तान है कि सुधरने को तैयार नही है। वहां लश्कर-ए-तैय्यबा जैसे आतंकी संगठन का सरगना हाफिज सईद को सत्ता में भागीदार बनाने का दुष्चक्र चलाया जा रहा है।

 

फिलिस्तीन को बुलाना पड़ा अपना राजदूत
दो दिन पहले 30 दिसंबर 2017 को भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आक्रामक विदेश नीति का असर देखने को मिला था। भारत के विरोध के मात्र कुछ घंटे के भीतर फिलिस्तीन को पाकिस्तान में अपने राजदूत वालिद अबू अली की छुट्टी करनी पड़ी थी। आपको बता दें, पाकिस्तान में फिलिस्तीन के राजदूत वालिद अबू अली ने एक दिन पहले 29 दिसंबर को रावलपिंडी में आतंकवादी हाफिज सईद के साथ एक कार्यक्रम में मंच साझा किया था। इस पर भारत ने कड़ा विरोध किया था। भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल हाइजा को विदेश मंत्रालय ने तलब किया था। भारत ने राजदूत हाइजा से आतंकवादी हाफिज सईद के साथ मंच साझा करने वाले राजदूत को वापस बुलाने की मांग की। महज कुछ घंटे में भारत में फिलिस्तीनी राजदूत हाइजा ने कहा कि हमारी सरकार हमेशा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन करती रही है। राजदूत हाइजा ने यहां तक कहा कि पाकिस्तान में फिलिस्तीनी राजदूत वालिद अबू अली ने जो किया, वह हमारी सरकार को स्वीकार्य नहीं है। इसलिए उनकी सरकार ने पाकिस्तान में फिलिस्तीनी राजदूत वालिद अबू अली को वापस बुलाने का निर्णय लिया है।

 

BRICS के घोषणापत्र में आतंकवाद का जिक्र
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कूटनीति का लोहा ब्रिक्स सम्मेलन में भी देखने को मिला था। चीन की तमाम चालबाजियों के बावजूद ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के समस्त रूपों की निंदा की थी। चीन के श्यामन में चल रहे ब्रिक्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर-शोर से आतंकवाद का मुद्दा उठाया था और उसका असर भी दिखा था। ब्रिक्स श्यामन 2017 के घोषणापत्र आतंकवाद का जिक्र किया गया। उस घोषणापत्र में लश्कर-ए-तयैबा, जैश-ए-मोहम्मद समेत कुल 10 आतंकी संगठनों का जिक्र किया गया।

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