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आतंकवादी अब अपने घरों में भी नहीं सुरक्षित, हमारा लक्ष्य भारत को एक समृद्ध-विकसित राष्ट्र बनाना: प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहा कि भारत अब बदल चुका है। आतंकवादी अब अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं रह पाते हैं। 16 नवंबर को नई दिल्ली में हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में मुंबई आतंकी हमले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘ये वो समय था जब पड़ोसी देश की आतंकवादी हरकतों की वजह से हमारे लोग अपने घर और शहरों में भी असुरक्षित रहते थे। लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं, अब वहां के आतंकवादी ही अपने घर में सुरक्षित नहीं है।’

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को एक समृद्ध और विकसित राष्ट्र बनाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पहले सरकार इसलिए चलाई जाती थी कि बस अगला चुनाव जीत लिया जाए। चुनाव जीतने के लिए एक वोट बैंक बनाया जाता था और फिर उस वोट बैंक को खुश करने के लिए योजनाएं बनती थी। इस प्रकार की पॉलिटिक्स ने सबसे बड़ा नुकसान यह किया कि देश में असंतुलित असमानता इसका दायरा बहुत बढ़ता गया। हमने सरकार का एक मकसद तय किया है। ये उद्देश्य वोटबैंक वाली जो पॉलिटिक्स होती है ना उससे हजारों मील दूर है। हमारा उद्देश्य नया भारत बनाने का है, भारत को विकसित बनाने का है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘बीते 10 सालों में देश में जो परिवर्तन आए हैं उन्होंने भारत के नागरिकों में रिस्क टेकिंग कल्चर को फिर से नई ऊर्जा दी है। आज हमारा युवा हर क्षेत्र में रिस्क टेकर बनकर उभर रहा है। कभी एक कंपनी शुरू करना रिस्क माना जाता था, 10 साल पहले तक मुश्किल से किसी स्टार्टअप का नाम सुनते थे। आज देश में रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स की संख्या सवा लाख से ज्यादा हो गई है। एक जमाना था कि खेलों में और खेलों को प्रोफेशन के रूप में अपनाने में भी रिस्क था, लेकिन आज हमारे छोटे शहरों के नौजवान भी ये रिस्क उठाकर दुनिया में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। आप सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं का भी उदाहरण लीजिए, आज देश में करीब एक करोड़ लखपति दीदी बनी हैं। ये गांव-गांव में उद्यमी बनकर अपना कुछ बिजनेस चला रही हैं। एक महिला ने एक रिस्क लिया और अपने पूरे परिवार का जीवन बदल डाला।’

हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में उन्होंने कहा कि ‘हम विकास का ऐसा मॉडल लेकर चल रहे हैं जहां इन्वेस्टमेंट हो, इन्वेस्टमेंट से एंप्लॉयमेंट जनरेट हो, डेवलपमेंट हो और वो डेवलपमेंट भारत के नागरिकों की गरिमा सुनिश्चित करें। अब जैसे देश में टॉयलेट्स बनाने का एक उदाहरण है। ये जो शौचालय बने हैं ना उनको बनाने में ईटें लगी हैं, लोहा लगा है, सीमेंट लगा है, काम करने वाले लोग हैं। और ये सारा सामान किसी दुकान से गया है, किसी इंडस्ट्री से बना है। किसी न किसी ट्रांसपोर्टर्स ने किसी के घर तक पहुंचाया है। यानि इससे इकॉनॉमी को भी गति मिली है, बड़ी संख्या में जॉब क्रिएट हुई हैं। जब टॉयलेट बना तो लोगों का जीवन आसान हुआ। लोगों में सम्मान और स्वाभिमान का एक भाव पैदा हुआ। और साथ ही इसने डेवलपमेंट को भी गति दी। यानि इन्वेस्टमेंट से एंप्लॉयमेंट, डेवलपमेंट से डिग्निटी इस मंत्र की सफलता जमीन पर दिख रही है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘एक और उदाहरण, एलपीजी गैस सिलेंडर का है। जितने गैस कनेक्शन आजादी के बाद के 70 साल में दिए गए, उससे ज्यादा हमने पिछले 10 साल में दिए हैं। 2014 में देश में 14 करोड़ गैस कनेक्शन थे, आज 30 करोड़ से ज्यादा हैं। 10 साल में इतने कंज्यूमर बढ़ गए, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि गैस की किल्लत है? नहीं सुना है, ये इसलिए नहीं सुनाई देता क्योंकि हमने एक सपोर्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया, उस पर निवेश किया। हमने जगह-जगह बॉटलिंग प्लांट लगाए, डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर बनाए। बॉटलिंग से लेकर सिलेंडर की डिलीवरी तक इससे हर जगह रोज़गार का निर्माण हुआ।’

उन्होंने कहा कि ’10 साल पहले किसी ने नहीं सोचा था कि भारत में इतना बड़ा बदलाव होगा। भारत की सफलता ने हमें और बड़ा सपना देखने और उसे पूरा करने की प्रेरणा दी है। आज एक उम्मीद है, एक सोच है कि ये सदी, भारत की सदी होगी। लेकिन ऐसा करने के लिए और तेजी से काम करने के लिए हमें कई सारे प्रयास भी करने होंगे। हम उस दिशा में भी तेजी से काम कर रहे हैं। हमें हर सेक्टर में बेस्ट करने के लिए आगे बढ़ना होगा। पूरे समाज की ये सोच बनानी होगी कि हमें बेस्ट से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करना है। हमें अपने प्रोसेस को ऐसा बनाना होगा, कि भारत का स्टैंडर् वर्ल्ड क्लास कहा जाए। हमें ऐसे प्रोडक्ट्स बनाने होंगे, कि भारत की चीजें दुनिया में वर्ल्ड क्लास कही जाएं।’

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