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क्लाइमेट कमिटमेंट को डेडलाइन से 9 साल पहले हासिल कर हमने वो कर दिखाया है, जो विकसित देश नहीं कर पाए- मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 16 सितंबर को गुजरात में गांधीनगर के महात्मा मंदिर में चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा हमने वो कर दिखाया है, जो विकसित देश नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि ‘भारत, जी-20 में पहला ऐसा देश है, जिसने पेरिस में तय क्लाइमेट कमिमटेंस को डेडलाइन से 9 साल पहले अचीव किया। अब 2030 तक 500 गीगावॉट रीन्युएबल एनर्जी के टारगेट को अचीव करने के लिए, हम एक साथ कई स्तर पर काम कर रहे हैं। हम ग्रीन ट्रांजिशन को लोक अभियान बना रहे हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली स्कीम एक अनोखी स्कीम है। इसके तहत हम रुफटॉप सोलर सेटअप के लिए, हर फैमिली को फंड कर रहे हैं, इस लगाने में मदद कर रहे हैं। इस एक योजना से भारत का हर घर एक पावर प्रोड्युसर बनने जा रहा है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के जो रिजल्ट आने शुरू हुए हैं, वो अद्भुत हैं। एक छोटा परिवार, जिसकी महीने में 250 यूनिट बिजली की खपत है और जो 100 यूनिट बिजली पैदा करके ग्रिड में बेच रहा है, उसे साल में करीब-करीब 25 हजार रुपए की कुल बचत होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पहले 100 दिनों में फिजिकल और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए अनेक फैसले लिए गए हैं। हम 700 मिलियन यानि 7 करोड़ घर बना रहे हैं। सरकार के पिछले दो टर्म में हम इसमें से 4 करोड़ घर बना चुके हैं। और तीसरे टर्म में हमारी सरकार ने 3 करोड़ नए घर बनाने का काम शुरू भी कर दिया है। हमने रिसर्च को प्रमोट करने के लिए भी एक खरब रुपये का, रिसर्च फंड बनाया है। हमारा लक्ष्य हाई परफॉर्मेंस बायोमैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने का है।

उन्होंने कहा कि हमारी वर्तमान कार्य योजना वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बनाने की है। आज का भारत, सिर्फ आज का नहीं बल्कि आने वाले एक हजार साल का बेस तैयार कर रहा है। हमारा मकसद सिर्फ टॉप पर पहुंचना ही नहीं है। हमारी तैयारी, टॉप पर बने रहने की है। भारत, इस बात को भली-भांति जानता है कि हमारी ऊर्जा जरूरत क्या हैं। और हम ये भी जानते हैं कि हमारे पास ऑयल-गैस के भंडार नहीं हैं। हम एनर्जी इंडिपेंडेंट नहीं है। इसलिए, हमने सोलर पावर, पवन ऊर्जा, नाभिकीय ऊर्जा और हाइड्रो पावर के दम पर अपने फ्यूचर को बनाने का फैसला लिया है।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हमारा प्रयास है कि अयोध्या का हर घर, सौर शक्ति से चले। और मुझे खुशी है कि अब तक हम अयोध्या के अनेकों घरों को सोलर कनेक्टिविटी से जोड़ चुके हैं। हमने भारत में ऐसे 17 शहरों की पहचान की है जिसे हम, सोलर सिटी के तौर पर विकसित करेंगे। हम अपनी एग्रीकल्चर फील्ड्स को भी सोलर पावर उत्पादन का माध्यम बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रो-प्लानेट पीपल का सिद्धांत हमारा कमिटमेंट है। इसलिए भारत ने दुनिया को मिशन LiFE यानि life style for environment का विजन दिया है। भारत ने अंतरार्ष्ट्रीय सोलर अलायंस से दुनिया के सैकड़ों देशों को जोड़ा है। भारत की G-20 अध्यक्षता के दौरान भी हरित पहल पर हमारा बहुत फोकस रहा है। भारत ने अपनी रेलवे को इस दशक के अंत तक नेट ज़ीरो बनाने का भी लक्ष्य रखा है। हमने ये भी तय किया है कि 2025 तक हम पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग का टारगेट हासिल करेंगे। भारत के लोगों ने गांव-गांव में हजारों अमृत सरोवर भी बनाए हैं, जो जल संरक्षण के काम आ रहे हैं। आजकल आप देख रहे होंगे…भारत में लोग अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगा रहे हैं।

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