Home समाचार ऑपरेशन सिंदूर हमारी नारीशक्ति के सामर्थ्य का प्रतीक- प्रधानमंत्री मोदी

ऑपरेशन सिंदूर हमारी नारीशक्ति के सामर्थ्य का प्रतीक- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर हमारी नारीशक्ति के सामर्थ्य का भी प्रतीक बना है। आज, 31 मई, 2025 को मध्य प्रदेश के भोपाल में देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर हमारी नारीशक्ति के सामर्थ्य का भी प्रतीक बना है। जम्मू से लेकर पंजाब, राजस्थान और गुजरात की सीमा तक बड़ी संख्या में बीएसएफ की हमारी बेटियां मोर्चा संभाल रहीं थीं। उन्होंने सीमापार से होने वाली फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया। कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स से लेकर दुश्मन की पोस्टों को ध्वस्त करने तक, बीएसएफ की वीर बेटियों ने अद्भुत शौर्य दिखाया। आज दुनिया, राष्ट्ररक्षा में भारत की बेटियों का सामर्थ्य देख रही है।’

भोपाल में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज देश अपनी बेटियों के शौर्य पर अभूतपूर्व भरोसा कर रहा है। हमारी सेना ने पहली बार सैनिक स्कूलों के दरवाजे बेटियों के लिए खोले हैं। कल के दिन देश में एक और नया इतिहास बना है। नेशनल डिफेंस एकेडमी यानि एनडीए से महिला कैडेट्स का पहला बैच पास आउट हुआ है। आज सेना, नौसेना और वायुसेना में बेटियां अग्रिम मोर्चे पर तैनात हो रही हैं। आज फाइटर प्लेन से लेकर आईएनएस विक्रांत युद्धपोत तक वीमेन ऑफीसर्स अपनी जांबाजी दिखा रही हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘भारत संस्कृति और संस्कारों का देश है। सिंदूर हमारी परंपरा में नारीशक्ति का प्रतीक है। रामभक्ति में रंगे हनुमान जी भी सिंदूर को ही धारण किए हुए हैं। शक्तिपूजा में हम सिंदूर का अर्पण करते हैं। और यही सिंदूर अब भारत के शौर्य का प्रतीक बना है। पहलगाम में आतंकियों ने सिर्फ भारतीयों का खून ही नहीं बहाया, उन्होंने हमारी संस्कृति पर भी प्रहार किया है। उन्होंने हमारे समाज को बांटने की कोशिश की है। और सबसे बड़ी बात आतंकवादियों ने भारत की नारीशक्ति को चुनौती दी, ये चुनौती आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई है काल।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर आतंकवादियों के खिलाफ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल ऑपरेशन है। जहां पाकिस्तान सेना ने सोचा तक नहीं था, वहां आतंकी ठिकानों को हमारी सेना ने मिट्टी में मिला दिया। सैकड़ों किलोमीटर अंदर घुसकर मिट्टी में मिला दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने डंके की चोट पर कह दिया है कि आतंकवादियों के जरिए छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वार नहीं चलेगा। हम घर में घुसकर भी मारेंगे और जो आतंकियों की मदद करेगा, उसको भी इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। अब भारत का एक-एक नागरिक कह रहा है, 140 करोड़ देशवासियों का बुलंद आवाज कह रहा है, अगर तुम गोली चलाओगे, मानकर चलो गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘हमारी सरकार, वीमेन लेड डवलपमेंट के विजन को विकास की धुरी बना रही है। सरकार की हर बड़ी योजना के केंद्र में माताएं-बहनें-बेटियां हैं। गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं। इनमें से अधिकतर घर हमारी माताओं-बहनों के नाम पर हैं। इनमें से ज्यादातर महिलाएं ऐसी हैं, जिनके नाम पर पहली बार कोई संपत्ति दर्ज हुई है। आज सरकार, हर घर तक नल से जल पहुंचा रही है, ताकि हमारी माताओं-बहनों को असुविधा न हो। बेटियां अपनी पढ़ाई में ध्यान दे सकें। करोड़ों बहनों के पास पहले, बिजली, एलपीजी गैस और टॉयलेट जैसी सुविधाएं नहीं थीं। ये सुविधाएं भी हमारी सरकार ने पहुंचाईं। ये सिर्फ सुविधाएं नहीं है, हमारी माताओं-बहनों के लिए एक विनम्र प्रयास हैं। इससे गांव की, गरीब परिवारों की माताओं-बहनों के जीवन से अनेक मुश्किलें कम हुईं हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘देवी अहिल्याबाई भारत की विरासत की बहुत बड़ी संरक्षक थीं। जब देश की संस्कृति पर, हमारे मंदिरों, हमारे तीर्थ स्थलों पर हमले हो रहे थे, तब लोकमाता ने उन्हें संरक्षित करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने काशी विश्वनाथ सहित पूरे देश में हमारे अनेकों मंदिरों का, हमारे तीर्थों का पुनर्निर्माण किया। और ये मेरा सौभाग्य है कि जिस काशी में लोकमाता अहिल्याबाई ने विकास के इतने काम किए, उस काशी ने मुझे भी सेवा का अवसर दिया है। आज अगर आप काशी विश्वनाथ महादेव के दर्शन करने जाएंगे तो वहां आपको देवी अहिल्याबाई की मूर्ति भी वहां पर मिलेगी।’

सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘माता अहिल्याबाई ने गवर्नेंस का एक ऐसा उत्तम मॉडल अपनाया, जिसमें गरीबों और वंचितों को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई। रोजगार के लिए, उद्यम बढ़ाने के लिए उन्होंने अनेक योजनाओं को शुरू किया। उन्होंने कृषि और वन-उपज आधारित कुटीर उद्योग और हस्तकला को प्रोत्साहित किया। खेती को बढ़ावा देने के लिए छोटी नहरों का जाल बिछाया, उसे विकसित किया। किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्होंने कपास और मसालों की खेती को प्रोत्साहित किया। आज ढाई सौ तीन सौ साल बाद भी हमें बार-बार किसानों को कहना पड़ता है कि क्रॉप डायवर्सिफिकेशन जरूरी है। हम सिर्फ धान की खेती करके या गन्ने की खेती करके अटक नहीं सकते। देश की जरूरतों के लिए हमें डायवर्सिफाई करके उत्पादित करना चाहिए।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘देवी अहिल्याबाई को कई बड़े सामाजिक सुधारों के लिए भी हमेशा याद रखा जाएगा। बेटियों की शादी की उम्र की चर्चा करें, तो हमारे देश में कुछ लोगों को सेक्युलरिज्म खतरे में दिखता है। उनको लगता है ये हमारे धर्म के खिलाफ है। ये देवी अहिल्या जी देखिए, मातृशक्ति के गौरव के लिए उस जमाने में बेटियों की शादी की उम्र के विषय में सोचती थी। उनकी खुद की शादी छोटी उम्र में हुई थी, लेकिन उनको पता था बेटियों के विकास के लिए कौन सा रास्ता होना चाहिए।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हमारा प्रयास है कि नीति निर्माण में बेटियों की भागीदारी लगातार बढ़े। बीते एक दशक में इसके लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं। हमारी सरकार में पहली बार पूर्ण कालिक महिला रक्षामंत्री बनीं। पहली बार देश की वित्तमंत्री, एक महिला बनीं। पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बार 75 सांसद महिलाएं हैं। लेकिन हमारा प्रयास है कि ये भागीदारी और अधिक बढ़े। नारीशक्ति वंदन अधिनियम के पीछे की भावना यही है। भाजपा सरकार, बहनों-बेटियों को हर स्तर पर, हर क्षेत्र में सशक्त कर रही है।’

उन्होंने कहा कि ‘देवी अहिल्या ने अपने शासनकाल में विकास के कार्यों के साथ साथ विरासत को भी सहेजा। आज का भारत भी विकास और विरासत दोनों को साथ लेकर चल रहा है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को देश कैसे गति दे रहे है, आज का कार्यक्रम इसका उदाहरण है। आज मध्य प्रदेश को पहली मेट्रो सुविधा मिली है। इंदौर पहले ही स्वच्छता के लिए दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है। अब इंदौर की पहचान उसकी मेट्रो से भी होने जा रही है। यहां भोपाल में भी मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है। आज मध्य प्रदेश के दतिया और सतना भी हवाई यात्रा के नेटवर्क से जुड़ गए हैं।
इन दोनों हवाई अड्डों से बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में एयर कनेक्टिविटी बेहतर होगी। अब माँ पीतांबरा, मां शारदा देवी और पवित्र चित्रकूट धाम के दर्शन करना और सुलभ होगा।

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