प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में अफ्रीका के साथ अपने सहयोग और आपसी क्षमता को मजबूत बनाएगा। बुधवार को युगांडा की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को अफ्रीका का सहयोगी होने पर गर्व है और इस मामले में युगांडा अफ्रीकी महाद्वीप में विशेष महत्व रखता है। इसके साथ ही उन्होंने अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग के लिए भारत के 10 सिद्धांत पेश किए।
भारत-अफ्रीका संबंधों के 10 सिद्धांतः
1. अफ्रीका को सर्वोच्च प्राथमिकताः अफ्रीका के साथ संबंधों में गहराई जारी रहेगी
2.विकास की साझेदारी आपकी प्राथमिकताओं के आधार परः स्थानीय क्षमताओं का निर्माण और जहां तक संभव हो स्थानीय अवसरों का सृजन
3. बाजार को खुला रखना होगा और व्यापार के लिए इसे सुगम और अधिक आकर्षक बनाना होगाः अफ्रीका में निवेश के लिए उद्योगों को समर्थन देना होगा
4. अफ्रीका के विकास के लिए डिजिटल क्रांति के अनुभव का लाभ
5. अफ्रीका की कृषि में सुधार के लिए काम करने को तैयारः अफ्रीका में विश्व की 60 % कृषि योग्य भूमि, मात्र 10 % ही उत्पादन
6. जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटना
7. आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के लिए सहयोगः साइबरस्पेस को सुरक्षित और संरक्षित रखना, शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र को समर्थन
8. सभी देशों के फायदे के लिए समुद्र को खुला रखना होगाः समुद्री क्षेत्र में सहयोग न कि प्रतिस्पर्धा
9. अफ्रीका में विश्व की सहभागिता को बढ़ावाः अफ्रीका विरोधियों की महत्वकांक्षा का स्थल न बन जाए
10.भारत और अफ्रीका ने उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ीः लोकतांत्रिक वैश्विक व्यवस्था और प्रतिनिधित्व के लिए मिलकर काम