प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ ने आज, 28 अगस्त को नौ साल पूरे कर लिए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की बागडोर संभालने के बाद 15 अगस्त 2014 को महात्वाकांक्षी जनधन योजना की घोषणा की थी और 28 अगस्त 2014 को इस योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने इस अवसर को दरअसल गरीबों को एक दुष्चक्र से मुक्ति दिलाने का जश्न मनाने का त्योहार बताया था। इसके बाद से ही यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्यजन को आर्थिक रूप से सशक्त करने का माध्यम बन गई है। प्रधानमंत्री जनधन योजना मोदी सरकार की नीतियों की सफलता की एक नई कहानी बयां कर रही है।
Join the celebration of 9 transformative years of PM Jan Dhan Yojana!
A journey that’s brought banking to the unbanked, empowering millions and championing financial inclusion.#9YearsofJanDhan pic.twitter.com/KnDCHIwgoC
— MyGovIndia (@mygovindia) August 28, 2023
हाल ही में इस महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ को एक बड़ी कामयाबी मिली है। जनधन खातों की संख्या और इसमे जमा पैसों का एक नया रिकॉर्ड बन चुका है। प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए बैंक खातों की संख्या 50 करोड़ से पार पहुंच गई है। पीएमजेडीवाई खातों की संख्या मार्च 2015 के 14.72 करोड़ से तीन गुना (3.4) बढ़कर 16 अगस्त 2023 तक 50.09 करोड़ हो गई है।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार 09 अगस्त 2023 तक जन धन खातों की कुल संख्या 50.09 करोड़ से अधिक हो गई है। मार्च 2015 के बाद खातों की संख्या में 3.34 गुना वृद्धि के साथ जमा राशि लगभग 13 गुना बढ़ गई है। इन खातों में जमा राशि 2.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक है और लगभग 34 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं। पीएमजेडीवाई खातों में औसत बैलेंस 4,063 रुपये हैं। साथ ही 6.26 करोड़ से अधिक जनधन खातों को डीबीटी का लाभ मिल रहा है। इसके साथ ही 8.50 लाख से अधिक बैंक मित्र देश भर में बिना बैंक शाखाओं के लोगों को बैंक की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।
‘जनधन’ योजना बनी महिला सशक्तीकरण का आधार,
मोदी सरकार की हर योजना में महिला सशक्तीकरण पर जोर रहता है। यही वजह है कि आज चाहे ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र सभी जगह महिलाओं प्रगति की ओर अग्रसर हैं। देश की आधी आबादी यानी महिला शक्ति के साथ खड़ी मोदी सरकार लगातार उनके सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान में लगी है। केंद्र सरकार लगातार महिलाओं के विकास के लिए बड़े फैसले ले रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए महात्वाकांक्षी जनधन योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस पर कोई भी आम आदमी अपना खाता बैंक में खुलवा सकता है। इन खातों से जहां देश के सामान्यजन को आर्थिक आजादी मिली है वहीं सरकारी योजनाओं की सब्सिडी भी डीबीटी के जरिए सीधे उनके खातों में जा रही है, यानी भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम भी लगी है।
जनधन योजना के आधे से ज्यादा खाते महिलाओं के नाम से
इस योजना के तहत अब तक 50 करोड़ से ज्यादा लोग बैंकिंग सिस्टम से जुड़ चुके हैं, यानी करोड़ों-करोड़ लोगों ने पहली बार बैंक में प्रवेश किया है। इनमें से 56 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं और 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं।
28 अगस्त 2014 को शुरू होने के बाद इन नौ वर्षों में प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई ) ने गरीब के जीवन में एक क्रांति ला दी है। इस योजना के मूल सिद्धांत में देश के अछूते रहे लोगों को न्यूनतम कागजी कार्रवाई के जरिए बैंकिंग सेवा से जोड़ना है और जीरो बैलेंस और जीरो फीस के प्रावधान के साथ बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता खोलना है। इसके साथ ही दो लाख रुपये की मुफ्त दुर्घटना बीमा कवरेज के साथ नकद निकासी और व्यापारी के स्थान पर भुगतान के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी करना है।
यह योजना 6 स्तंभों के आधार पर शुरू की गई।1. बैंकिंग सेवाओं तक सभी की पहुंच – शाखा और बीसी 2. प्रत्येक पात्र वयस्क को 10,000/- रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ बुनियादी बचत बैंक खाते, 3. वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम – बचत को बढ़ावा देना, एटीएम का उपयोग, ऋण के लिए तैयार होना, बीमा एवं पेंशन का लाभ उठाना, बैंकिंग के लिए बेसिक मोबाइल फोन का उपयोग करना, 4. ऋण गारंटी कोष बनाना- बैंकों को डिफॉल्ट के खिलाफ कुछ गारंटी प्रदान करना, 5. बीमा- 15 अगस्त 2014 से 31 जनवरी 2015 के बीच खोले गए खाते पर 1,00,000 रुपये तक का दुर्घटना बीमा कवर और 30,000 रुपये का जीवन बीमा कवर, 6. असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन योजना
दुर्घटना बीमा 2 लाख, ओवरड्राफ्ट की सुविधा 10,000 रुपए
जनधन खातों को अधिक आकर्षक बनाने के लिये सरकार ने इन खातों में मिलने वाले ओवरड्राफ्ट की सुविधा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया। इसके साथ ही इसके तहत मिले रुपे कार्ड से जुड़ी दुर्घटना बीमा योजना के तहत मिलने वाली राशि की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है जो 28 अगस्त 2018 के बाद खुलने वालों खाताधारकों के लिए है। इसके तहत 2 हजार रुपये तक की ओडी के लिए कोई शर्त नहीं होगी और ओडी लेने वालों की आयु पहले 18 से 60 वर्ष थी जिसे बढ़ाकर अब 65 वर्ष कर दी गयी है।
डीबीटी के सुगम लेनदेन सुनिश्चित
देशभर में पीएमजेडीवाई खाताधारक विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) लाभ प्राप्त करते हैं। यह तय करने के लिए कि लाभार्थियों को उनका डीबीटी समय पर प्राप्त हो, वित्त विभाग डीबीटी मिशन, एनपीसीआई, बैंकों और विभिन्न मंत्रालयों के साथ सक्रिय भूमिका निभाता है। डीबीटी के कारण अब जनधन खाताधारकों के खाते में बिना कोई कटौती तत्काल रुपये आ जाते हैं।