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मोदी सरकार की बड़ी पहल, पीएम ई-बस सेवा योजना को दी मंजूरी, 169 शहरों में दौड़ेंगी 10,000 इलेक्ट्रिक बसें और 55 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ग्रीन मोबिलिटी और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। इसी क्रम में उनकी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। उनकी सरकार ने पीएम ई-बस (PM E-Bus) सेवा को मंजूरी दी है। इस योजना के लिए 57, 613 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। दो चरणों में संचालित होने वाली इस योजना के तहत देश के 169 शहरों में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के मुताबिक शहरों का चयन चुनौती पद्धति से किया जाएगा। यह योजना 3 लाख और उससे अधिक की आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इससे शहरी आबादी को ट्रांसपोर्ट सुविधा, प्रदूषण से राहत और 50 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में 16 अगस्त, 2023 को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पीएम ई-बस (PM E-Bus) सेवा को मंजूरी दी गई। शहरी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सुविधाजनक बनाने के लिए पीएम ई-बस सेवा की शुरुआत की जा रही है। इस योजना का संचालन पीपीपी मोड में किया जाएगा। यह योजना 2037 तक चलेगी और इसके लिए 10 सालों तक सहयोग लिया जाएगा। पीएम ई-बसों का संचालन और बस आपरेटर्स को भुगतान आदि की जिम्मेदारी राज्य सरकारों एवं शहरी निकायों की होगी। केंद्र की ओर से उपलब्ध धन बस संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए जरूरी संसाधन विकसित करने में खर्च किया जाएगा। इसी रकम से जरूरत पड़ने पर सब्सिडी आदि भी उपलब्ध कराने के इंतजाम किए गए हैं।

इस योजना का लाभ केंद्र शासित प्रदेशों की सभी राजधानियों, नॉर्थ-ईस्ट और अन्य पहाड़ी राज्यों समेत मैदानी शहरों को भी मिलेगा। मोदी सरकार के इस पहल से जहां लोगों को सुलभ ट्रांसपोर्ट मिलेगा तो वहीं पर्यावरण भी साफ-सुथरा रखने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इस योजना से प्रत्यक्ष रूप से 45 से 55 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे शहर के लोगों को दमघोंटू वायु प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी और शहरी ट्रांसपोर्ट भी सुचारू ढंग से संचाचिलत होगा। मोदी सरकार की इस योजना से कॉर्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी। साल 2070 तक शून्य कॉर्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। ध्वनि एवं वायु प्रदूषण अपेक्षाकृत बहुत कम हो जाएगा। वहीं पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होने और उसके आयात पर होने वाला खर्च भी कम होगा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया कि इस योजना से पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिहार के दरभंगा, गया, पूर्णिया, मुज्जफरपुर और भागलपुर में ई-बसों का संचालन किया जाएगा।

इस योजना को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में चयनित 169 शहरों में पीपीपी मॉडल में 10 हजार ई-बसों को उपलब्ध कराया जाएगा। इन बसों को चलाने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास भी पहले चरण का ही हिस्सा होगा। इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा चार्जिंग पॉइंट बनाने के साथ ही शहरी क्षेत्रों में हरित वातावरण बनाए रखने के लिए जरूरी आधारभूत ढांचे का भी विकास किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में 181 शहरों में ग्रीन अर्बन मोबिलिटी इनिशियेटिव के तहत बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा, जिससे अगले चरण में यहां भी ई-बसों का संचालन आसान किया जा सके। 

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