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ऑपरेशन कावेरी : सूडान से लौटे भारतीयों ने कहा, ‘मोदी है तो भरोसा है’… महिला की कामना, ‘पीएम मोदी जिएं हजारों साल’

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भारत के 130 करोड़ लोगों के भरोसे का नाम नरेन्द्र मोदी हैं। जब-जब विदेशों में भारतीयों पर संकट आया प्रधानमंत्री मोदी ने देवदूत बनकर उनकी मदद की। इससे विदेशों में रहने वाले भारतीयों का भरोसा और मजबूत होता गया। इसकी झलक गृहयुद्ध से जूझ रहे सूडान में देखने को मिला है। जहां फंसे भारतीयों ने प्रधानमंत्री मोदी से बचाने की गुहार लगाई। इसके बाद तुरंत प्रधानमंत्री संकटमोचक बनकर सामने आए और फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी की शुरुआत की। सूडान से सकुशल अपने वतन लौट रहे लोग जहां ऑपरेशन कावेरी को लेकर मोदी सरकार की जय-जयकार कर रहे हैं, वहीं महिलाएं प्रधानमंत्री मोदी को दीर्घायु होने की कामना कर रही हैं। 

दरअसल ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों को सूडान से सऊदी के शहर जेद्दाह होते हुए भारत लाया जा रहा है। सूडानी आर्मी और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के बीच 72 घंटे का सीजफायर बढ़ाने पर सहमति बनने के बाद भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिए। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक भारतीय वायुसेना के सी-130जे विमान पोर्ट सूडान से जेद्दाह के लिए उड़ान भर रहे हैं। अब तक भारतीयों के 11 जत्थे सूडान से सुरक्षित जेद्दाह पहुंच चुके हैं। वहीं सूडान से जेद्दाह पहुंच रहे भारतीयों के स्वागत के लिए केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन जेद्दाह में मौजूद हैं। 

सूडान से अपने वतन पहुंचने पर भारतवासी राहत की सांस ले रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी का आभार जता रहे हैं। भारत लौटे निशा मेहता ने प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया किया। उन्होंने कहा कि हम अपने देश में लौटकर बहुत खुश है। एक अन्य व्यक्ति अवतार सिंह ने कहा कि हिंदुस्तान वापस लौटकर उन्हें बेहद खुशी हो रही हैं। वहीं भारत लौटी एक बुजुर्ग महिला यात्री ने भावुक होते हुए कहा, “भारत देश महान है। प्रधानमंत्री मोदी हजार साल जिएं।” 

सकुशल भारत पहुंच रहे लोगों का उत्साह देखते बन रहा है। उनके जयकारे ऑपरेशन कावेरी की सफलता की कहानी बयां कर रहे हैं। भारत लौटे लोग भारत माता की जय और मोदी जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने ट्वीट कर लिखा कि ये भारतीय यूं ही जय-जयकार नहीं कर रहे, भारत सरकार इनको इस्लामी आतंकवाद के रक्तपात से जूझ रहे सूडान से सुरक्षित निकाल कर लाई है। दुनिया में कहीं भी भारतीयों पर संकट आता है तो प्रधानमंत्री मोदी जी अभिभावक के जैसे उनके साथ खड़े मिलते हैं, सुरक्षित घर पहुंचाते हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युद्धग्रस्त सूडान में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी। इसमें उन्होंने सूडान से 3000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने के लिए आपातकालीन तैयारी के निर्देश दिए थे। इससे पहले एस. जयशंकर ने भारतीयों को सुरक्षित निकालने को लेकर सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र के अपने समकक्षों से बात की थी। सूडान में सेना प्रमुख अब्देल फतह अल बुरहान और उनके डिप्टी और पैरामिलिट्री फोर्स रैपिड सपोर्ट फोर्स के मुखिया कमांडर मोहम्मद हमदान दागलो के बीच लड़ाई छिड़ी हुई है। इस लड़ाई में अब तक सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं।

सूडान संकट, रूस- यूक्रेन युद्ध, कोरोना महामारी समेत ऐसे कितने ही मौके आए, जबकि पीएम मोदी विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए संकटमोचक के रूप में सामने आए…

ऑपरेशन गंगा : 2022 में युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाया गया 

रूस – यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के मामले में भारत सबसे आगे दिखाई दिया। मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया ‘ऑपरेशन गंगा’ काफी सफल रहा। 20000 के करीब भारतीय छात्रों और नागरिकों को वतन वापस लाया गया। यूक्रेन संकट पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 28 फरवरी, 2022 की शाम को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसमें ‘ऑपरेशन गंगा’ को तेज करने पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बात की और उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराया। ‘ऑपरेशन गंगा’को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी ताकत झोंक दी। उन्होंने यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के काम को पूरी गंभीरता से लिया और तत्काल फैसले लेकर अधिकारियों और मंत्रियों को जिम्मेदारियां सौंपी।

ऑपरेशन देवी शक्ति : 2021 में अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाया गया

हिंसाग्रस्त अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए बड़े पैमाने पर चलाए गए राहत और बचाव अभियान को ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ नाम दिया गया था। इस ऑपरेशन का नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘ऑपरेशन देवी शक्ति रखा था। अफगानिस्तान में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों सहित वहां के हिन्दुओं और सिखों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देवदूत बनकर सामने आए थे। एयर फोर्स और एअर इंडिया की फ्लाइट के जरिये काबुल एयरपोर्ट से 23 अगस्त, 2021 तक 700 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय और भारतीय वायुसेना के प्रयासों की बदौलत श्री गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियों को सुरक्षित काबुल एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया। इसके बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियों के साथ 46 अफगान सिख और हिंदुओं को भी भारतीय वायुसेना के विमान से सुरक्षित भारत रवाना किया गया।

‘वंदे भारत’ मिशन :  मई 2020 में लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए चलाया गया

प्रधामनमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने मई 2020 में लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन चलाया था। इस दौरान एयर इंडिया के दो विमान यूएई में फंसे 363 भारतीयों को वापस लेकर आए। दूसरे दिन यानी शुक्रवार को सिंगापुर, लंदन, ढाका, रियाद और सैन फ्रांसिस्को से एयर इंडिया की फ्लाइट्स बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को दिल्ली और मुंबई के एयरपोर्ट पर लेकर आईं। वंदे भारत मिशन के तहत एयर इंडिया के विमानों से 12 देशों में फंसे करीब एक लाख 93 हजार भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया था। 

ऑपरेशन संकट मोचन : 2016 में साउथ सूडान में फंसे 600 भारतीयों को निकाला गया

साउथ सूडान में फंसे अपने 600 नागिरकों को निकालने के लिए मोदी सरकार ने दो C-17 विमान जुबा भेजा था। भारत सरकार ने इसे ऑपरेशन संकटमोचन का नाम दिया था और इस अभियान का नेतृत्व तत्कालीन विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने किया था। साउथ सूडान के जूबा शहर के कई हिस्सों में पूर्व विद्रोही और सैनिकों के बीच भारी संघर्ष हुआ था। भारतीय वायुसेना का विमान युद्धग्रस्त दक्षिणी सूडान से सैकड़ों लोगों को लेकर वापस देश पहुंचा था। दक्षिण सूडान से लाए गए लोगों में 600 भारतीय नागरिकों के अलावा नेपाली नागरिक भी शामिल थे। उस समय वीके सिंह ने यह भी कहा था कि वे दक्षिण सूडान के विदेश मंत्री और उप-राष्ट्रपति से मिलकर बात की तो उन्हें वादा किया गया कि स्थिति खराब होने की हालत में हर संभव मदद की जाएगी।

ऑपरेशन राहत : 2015 के यमन संकट के दौरान 41 देशों के नागरिकों के साथ 4640 भारतीयों को निकाला गया

तत्कालीन विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह के नेतृत्व में यमन में ‘ऑपरेशन राहत’ चलाया गया था। यमन के ‘वार जोन’ से 4640 भारतीय निकाले गए थे। 10 दिन चले ऑपरेशन में भारतीय सेना के जांबाजों ने 5600 लोगों को बाहर निकाला था, जिनमें 41 देशों के 960 नागरिक भी शामिल थे। सिर्फ सना से ही भारतीय वायुसेना ने 2900 लोगों की एयर लिफ्ट किया था और 18 स्पेशल विमानों से स्वदेश लाया था। 9 अप्रैल को आखिरी दिन 630 लोगों को सना से एयरलिफ्ट किया गया था। भारतीय नेवी ने कुल 1670 लोगों को अदन, अलहुदायदाह और अल-मुकाला से लोगों को निकाला था आखिरी दिन 9 अप्रैल को INS सुमित्रा ने 349 लोगों की नई जिंदगी दी थी। इनमें 46 भारतीय और 303 विदेशी थे। 1 अप्रैल से 9 अप्रैल, 2015 की सुबह तक भारतीय वायुसेना के विमानों ने तकरीबन 18 उड़ानों के जरिए ऑरपेशन राहत को सफलता के अंजाम तक पहुंचाया था।

ऑपरेशन मैत्री : 2015 में नेपाल भूकंप के दौरान भारतीयों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया

मोदी सरकार ने 2015 में पड़ोसी देश नेपाल में आए भूकंप के दौरान ‘ऑपरेशन मैत्री’ चलाया था। दो दिनों तक आए लगातार भूकंप को देखते हुए भारत ने वहां मदद पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की तत्परता से भूकंप आने के मात्र छह घंटे बाद ही नेपाल पहुंचकर भारतीय सेना ने राहत कार्य की मुहिम शुरू कर दी थी। भारतीय वायु सेना के सी-130 जे और सी-17 ग्लोबमास्टर-3 जैसे बड़े विमान ना सिर्फ बड़ी मात्रा में राहत सामग्री और बचाव व राहत दल के लोगों के साथ पहुंचे थे, बल्कि वहां फंसे हिंदुस्तानियों को वापस लाने में भी जुटे थे। इसी तरह नेपाल में मुस्तैद भारतीय दल घायलों को निकालने, अस्पताल पहुंचाने और प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने से लेकर इस आपदा से हुए नुकसान का हवाई सर्वे करने तक नेपाल की लगातार मदद की थी। भारत के मौजूदा विदेश मंत्री और विदेश मंत्रालय के तत्कालीन सचिव एस. जयशंकर ने बताया था कि भूकंप से तबाह नेपाल में राहत कार्य के लिए 13 सैन्य विमान और तीन नागरिक विमान भेजे गए थे। 

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