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मध्य प्रदेश में फिर नुपुर समर्थक पर हमला, ये जिहादी मानसिकता कब रुकेगी?

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नुपुर शर्मा के समर्थकों पर लगातार हमले हो रहे हैं, ऐसे में यह सवाल उठता है कि ये जिहादी मानसिकता कब रुकेगी? अगर तह में जाएं तो यह साफ पता चलता है कि बिना सख्ती के इस तरह के कृत्य को नहीं रोका जा सकता है। इसकी वजह यह है कि इस्लामिक आतंकवाद फैलाने वाले जिहादियों ने देशभर में जिहादी दस्ते तैयार कर लिए हैं। पिछले 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार के पटना दौरे से ठीक पहले फुलवारीशरीफ में गिरफ्तार जिहादियों के पास से मिले दस्तावेज और उनसे पूछताछ में यह बात सामने आ चुकी है। देश विरोधी साजिश रचने वाले इन आतंकियों का मकसद इस्लाम का विरोध करने वालों से बदला लेना था। इसके लिए एसडीपीआइ (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया) और पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) की आड़ में गुप्त जिहादी दस्ता तैयार किया जा रहा था। इसमें देशभर के समुदाय विशेष के युवाओं को ब्रेनवाश कर जोड़ा जा रहा था। गुप्त संगठन का उद्देश्य फेसबुक, ट्विटर, फेसबुक समेत अन्य माध्यमों से इस्लाम पर कमेंट या आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों को निशाना बनाकर उन पर हमला करना था।

नुपुर के समर्थकों पर हमले का सिलसिला कब थमेगा?

ये जिहादी अब तक राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार और मध्य प्रदेश में नूपुर शर्मा के समर्थकों पर हमले को अंजाम दे चुके हैं। अब मध्य प्रदेश में इन्होंने फिर से नुपुर शर्मा समर्थकों पर हमले किए हैं। नुपूर शर्मा के समर्थन में जिसने भी आवाज उठायी इन जिहादियों ने एक-एक करके उनका बदला लेना शुरू किया है, यह इनके नफरती सोच को जाहिर करता है। कन्हैया लाल, किशन और न जाने कितने ऐसे लोग हैं जिन पर देश के अलग-अलग हिस्सों में जनालेवा हमला किया गया है। नुपुर शर्मा द्वारा इस्लाम धर्म के आखिरी पैगंम्बर हजरत मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद उनका समर्थन करने पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते महीने में सोशल मीडिया में नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। वहीं ताजा मामला मध्य प्रदेश के आगर शहर के बाद अब रीवा जिले में सामने आया है जहां सोशल मीडिया पर हिंदूवादी और नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट व कमेंटस करने वाले आरएसएस कार्यकर्ता के भाई पर हमला किया गया है।

मध्य प्रदेश में आगर के बाद अब रीवा में हमला

मध्य प्रदेश के आगर शहर के बाद अब रीवा में नुपुर शर्मा के समर्थक पर जानलेवा हमला हुआ है। बैकुंठपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले मुकेश तिवारी के ऊपर हमला करने वाला मुस्लिम कट्टरपंथी उनके दोस्त का ही भाई है। मुकेश की गलती इतनी थी कि वो सोशल मीडिया पर हिंदूवादी पोस्ट करते थे और नुपूर के समर्थन वाले पोस्ट पर कमेंट करते थे। उनके भाई आरएसएस से जुड़े हैं। मुकेश एक निजी फाइनेंस कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने बताया वह हर रोज की तरह शनिवार को घर से ऑफिस जाने के लिए निकले, लेकिन तभी उनके दोस्त के भाई मोहम्मद सुलेमान ने उन्हें कॉल करके कहा कि उसे कोई जरूरी बात करनी है। मुकेश जब बताई हुई जगह पर पहुंचे तो वहां सुलेमान ने उन्हें लाठी-डंडे से पीटना शुरू कर दिया। मुकेश का कहना है कि वह सुलेमान को जानते थे इसलिए उसके बुलाने पर उसके घर गए। उनके अनुसार- सुलेमान ने पहले कुर्सी पर बैठाया और बाद में डंडे से मारना शुरू कर दिया। जिहादी बार-बार एक ही प्रश्न पूछ रहे थे, क्या वो दोबारा ऐसे पोस्ट करेंगे?

निशांक के पिता को फोन पर मैसेज मिला- सर तन से जुदा…

मध्य प्रदेश में भोपाल-नर्मदापुरम रेलखंड पर मिडघाट और बरखेड़ा के बीच पटरी पर रविवार रात करीब सात बजे ओरिएंटल कालेज के बीटेक के छात्र निशांक का शव मिला। सड़क किनारे से उसका स्कूटर और मोबाइल भी पुलिस ने बरामद किया है। शव मिलने से दो घंटे पहले छात्र के ही मोबाइल से उसके पिता को एक वाट्सएप संदेश भेजा गया था, जिसमें लिखा गया कि ‘राठौर साहब, बहुत बहादुर था आपका बेटा, गुस्ताख ए…की एक सजा, सर तन से जुदा’। हालांकि इस मामले में अभी ये पता नहीं चल पाया है कि निशांत ने नुपुर का समर्थन किया था या नहीं। लेकिन उसके पिता को फोन पर मिला मैसेज इस ओर इशारा करते हैं कि उसको मारने में जिहादियों का हाथ है। 20 साल का निशांक मूलत: सिवनी मालवा का रहने वाला था। उसके पिता उमाशंकर राठौर सहकारिता विभाग में आडिटर हैं। शुरुआती जांच में मामला संदिग्ध लग रहा है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

इससे पहले मध्य प्रदेश के आगर में आयुष पर हमला

20 जुलाई की दोपहर उज्जैन रोड में रॉयल ढाबे के पास आगर मालवा के फलमारीपुरा के रहने वाले 26 वर्षीय आयुष अपनी बाइक से कहीं जा रहे थे तभी मुस्लिम हमलावर अमल, अरबाज, आसिफ, सरफराज, चिकी, अम्मू मेवाती, अमन, सोहेल, मुन्ना मेवाती, सलमान, फिरदौस, समीर और साजिद ने उनका रास्ता रोक लिया। आयुष को चारों तरफ से घेरने के बाद टायर खोलने वाले औजार और चाकू से उनपर हमला करने लगे। पीड़ित लहूलुहान हो गया। कट्टरपंथी आयुष को जान से मार देते लेकिन किसी तरह आयुष अपनी जान बचाकर भाग निकला और लोगों से मदद मांगी। आयुष बुरी तरह जख्मी हो गया था और उसके शरीर से खून बह रहा था। आसपास के लोगों ने उसकी जान बचा ली और हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। जिसके बाद आयुष को उज्जैन रेफेर कर दिया गया। आयुष बजरंग दल का प्रखंड संयोजक है। उसने नूपुर शर्मा को मिल रहीं जान से मारने और रेप की धमकियों के खिलाफ उनका समर्थन करते हुए 16 जून को ज्ञापन दिया था। इसी से इलाके के कट्टरपंथी नाराज हो गए थे और आयुष को जान से मारने के लिए पहुंचे थे।

बिहार के सीतामढ़ी में अंकित पर चाकुओं से हमला

बिहार के सीतामढ़ी का युवक अंकित झा अपने मोबाइल पर नूपुर शर्मा का वीडियो देख रहा था। इसी दौरान चार मुस्लिम युवकों ने उसके शरीर में चाकू से छह बार गोद कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। अंकित ने बताया कि वो अपने दोस्त के साथ एक दुकान पर बैठकर मोबाइल में स्टेटस देख रहा था। उसमें नूपुर शर्मा का वीडियो था। पीछे से कुछ लोग आए और पूछा कि नूपुर शर्मा के समर्थक हो। मैंने जैसे ही हां कहा, चाकू मारने लगे। बाजार में दौड़ा-दौड़ाकर अंकित पर 6 बार चाकू से हमला किया गया। चाकू मारने के बाद मुस्लिम युवकों ने अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाया और वहां से फरार हो गए।

राजस्थान में कन्हैयालाल की हत्या

राजस्थान में कट्टरता की हदों को पार करते हुए उदयपुर में एक दर्जी कन्हैयालाल का ‘सर तन से जुदा’ कर दिया। उसका कुसूर सिर्फ इतना ही था कि उसने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी। दो हत्यारों ने न सिर्फ उसकी गला रेतकर दिनदहाड़े हत्या कर डाली, बल्कि नृशंसता से की इस हत्या का वीडियो भी बनाया है। इतना ही नहीं एक धर्म से संबंधित हत्यारों ने कत्ल के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर हत्या की जिम्मेदारी ली है। आरोपी 28 जून को कन्हैयालाल की दुकान में कपड़े सिलवाने गए थे। यहां नाप लेते वक्त आरोपियों ने कन्हैया पर हमला कर दिया और बेरहमी से हत्या कर दी। जांच में पता चल रहा है कि कन्हैया लाल का हत्यारा रियाज राजस्थान में दावत-ए इस्लामी का स्लीपर सेल खड़ा कर रहा था।

महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या

महाराष्ट्र के अमरावती में रहने वाले केमिस्ट उमेश कोल्हे की बीती 21 जून को गला रेतकर हत्या कर दी गई। हत्या तब हुई जब रात के समय उमेश कोल्हे अपने मेडिकल स्टोर से घर लौट रहे थे। यह हत्याकांड कन्हैयालाल की हत्या से एक सप्ताह पहले का बताया जा रहा है। नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट की वजह से कोल्हे की निर्मम हत्या की गई है। उमेश कोल्हे महाराष्ट्र के अमरावती जिले में अमित मेडिकल नाम से एक मेडिकल स्टोर चलाते थे। 54 वर्षीय कोल्हे 21 जून की रात को जब बेटे संकेत और बहू वैष्णवी के साथ अलग-अलग बाइक पर अपने घर जा रहे थे। तभी घात लगाकर बैठे हमलावरों ने उनकी गर्दन पर पीछे से चाकू से हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले में वो बुरी तरह से जख्मी हो गए थे। घटना के बाद उनके बेटे और बहू ने उन्हें लहूलुहान हालत में अस्पताल पहुंचाया। हालांकि उनकी जान नहीं बचाई जा सकी, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए थे। उमेश कोल्हे ने व्हाट्सएप पर नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर किया था। जो गलती से एक मुस्लिम सदस्यों के ग्रुप में चला गया। जिनमें कुछ उनके ग्राहक भी थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक ने पुलिस को बताया कि उनके मुताबिक यह पैगंबर का अपमान था। इसलिए उनकी हत्या की गई।

बिहार के आरा में नूपुर के समर्थन में पोस्ट पर पिटाई

करीब दो हफ्ते पहले नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट डालने पर बिहार के भोजपुर जिले के आरा में एक युवक को जमकर पीटा गया था। एक चाय की दुकान पर 20-30 युवकों ने उसे घेरकर लात-घूंसों से पीटा था। चाय की दुकान में भी तोड़फोड़ की और दुकानदार को भी मारा। बिहार के आरा के दीपक ने कुछ दिन पहले फेसबुक पर नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट किया था। इसके बाद रईस नाम के लड़के ने उसके पोस्ट पर अभद्र टिप्पणी कर दी। इस पर विवाद बढ़ गया। रईस अपने साथ करीब 20 से 30 लोगों को ले आया। सभी ने युवक की पिटाई शुरू कर दी। लात-घूंसों से जमकर दीपक को पीटा गया। चाय की दुकान में तोड़फोड़ के साथ दुकानदार से भी मारपीट की गई।

मध्य प्रदेश के सीहोर में जान से मारने की धमकी

सीहोर के रोहित सालवी ने 11 जून को नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया में पोस्ट डाली थी। कुछ लोग गणेश मंदिर के पास उसके घर पर मारपीट करने भी पहुंच गए थे। ये लोग पड़ोसी को रोहित समझकर जान से मारने की धमकी देकर भाग निकले। रोहित घर आया, तब उसके पड़ोसी ने बताया कि कुछ लोग उसे मारने आए थे। इसके बाद एक बार फिर वही लोग आए और रोहित को डराने-धमकाने लगे। रोहित ने इसकी शिकायत थाना कोतवाली में की थी। पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर कस्बा निवासी साहिल और चार अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

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