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अब नवजोत सिद्धू ने दी पार्टी हाईकमान को धमकी, पंजाब मॉडल को लागू करने की गारंटी मिलने पर ही लड़ूंगा चुनाव, वरना मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं

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विधानसभा चुनाव के बिल्कुल करीब आकर पंजाब को कांग्रेस हाईकमान ने उसके ही हाल पर छोड़ दिया लगता है। कांग्रेस सरकार में ‘माझा की तिकड़ी’ कांग्रेस विधायकों की खबर लेती है। कांग्रेस विधायक अपने प्रदेश प्रधान सिद्धू के खिलाफ बोलते हैं। सिद्धू सीधे-सीधे कभी मुख्यमंत्री तो कभी हाईकमान को धमकाते हैं। हाईकमान कान में तेल डाले सोया हुआ है। इस सारी राजनीति पर कांग्रेस के पूर्व प्रधान ट्वीट पर ट्वीट कर मजे लेते हैं। ऐसा लगता है कि ‘सरदारों की राजनीति’ प्रदेश प्रभारी बने राजस्थान के विधायक के पल्ले नहीं पड़ रही है।

सोनिया के निर्देशों की कई बार कर चुके हैं अवहेलना
कांग्रेस की स्वयंभू अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब कांग्रेस के विवाद के समय स्पष्ट निर्देश दिए थे कि पार्टी की कोई बात, विवाद पार्टी के स्तर पर ही उठाया जाए। इसके लिए सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों का इस्तेमाल न किया जाए, लेकिन सिद्धू कई बार इसकी अवहेलना कर चुके हैं। यहां तक की अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ एकाधिक बार बोल चुके हैं। अब उन्होंने एक कदम आगे जाकर सीधे ही हाईकमान को धमकी दे डाली है।

पंजाब मॉडल को लागू करने की गारंटी तभी लड़ूंगा चुनाव
सिद्धू ने लुधियाना में व्यापारियों के साथ बैठक के दौरान अपना पंजाब मॉडल उनके सामने भी रखा। सिद्धू ने अपने पंजाब मॉडल के जरिए प्रदेश को तरक्की की राह पर ले जाने और आत्मनिर्भर बनाने का दावा किया। इस मौके पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने एक तरह से पार्टी हाईकमान को सीधी धमकी दे डाली। सिद्धू ने कहा कि अगर कांग्रेस हाईकमान उनके पंजाब मॉडल को लागू करने की गारंटी देगा तो ही वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। हाईकमान ने मंजूरी नहीं दी तो वह किसी बात के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

अभी कांग्रेस सरकार होते हुए भी सही ढंग से काम नहीं हुआ
सिद्धू ने कहा कि 2007 से 2017 के दौरान अकाली-भाजपा सरकार ने पंजाब में इन्वेस्टमेंट को लेकर बड़े-बड़े दावे किए, मगर प्रदेश में कोई बड़ी इन्वेस्टमेंट नहीं आई। 2015 की इन्वेस्ट समिट में 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपए आने का वादा किया गया, लेकिन 6 हजार करोड़ रुपए ही आ पाए। पिछले साढ़े 4 साल में कांग्रेस पार्टी की सरकार होते हुए भी सही ढंग से काम नहीं हुआ। सिंगल विंडो के माध्यम से मुख्यमंत्रियों ने सभी विभाग अपने हाथ में रखे, जिसे अब बदला जाएगा।

खुद को अगले मुख्यमंत्री की तरह पेश करते हुए सिद्धू
सिद्धू ने कहा कि वह पंजाब की बेहतरी के लिए लोगों के सुझाव लेने के लिए डिजिटल पोर्टल ला रहे हैं। सिद्धू दिनभर खुद को अगले मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करते हुए दिखे। पहले पत्रकारों के सामने अपने पंजाब मॉडल की बात की और फिर पार्षदों के साथ बैठक में भी इसी पर बात करते दिखे। बाद में व्यापारियों से भी बार-बार कहते रहे कि वह पंजाब मॉडल को प्रदेश में लागू करेंगे और हाईकमान से इसकी मंजूरी लेंगे।पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ बोले-‘आपके बंदर, आपकी सर्कस’
इस बीच पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने नवजोत सिद्धू के संगठन बनाने को लेकर दिलचस्प ट्वीट किया है। जाखड़ ने कहा कि’आपके बंदर, आपकी सर्कस’, मैं इस कहावत को फॉलो करता हूं। मैंने न किसी को कुछ सुझाव दिया है और न ही दूसरे के ‘शो’ में हस्तक्षेप किया है। दरअसल पार्टी और मीडिया में चर्चा है कि सिद्धू ने संगठन बनाते वक्त जाखड़ की सिफारिश नहीं मानी। जाखड़ के कहने के मुताबिक प्रधान या अन्य ओहदेदार नियुक्त नहीं किए। इस पर जाखड़ ने ट्वीट कर साफ किया कि वह पंजाब कांग्रेस में कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहे। उसमें क्या करना है, वह नवजोत सिद्धू ही जानें।

जाखड़ का ट्वीट पंजाब में राजनीति ड्रामा हो गई है
जाखड़ लगातार ट्वीट को लेकर चर्चा में रहते हैं। जाखड़ ने दो दिन पहले कहा था कि पंजाब में राजनीति ड्रामा हो गई है, जो बिल्कुल क्रिप्टो करंसी की तरह है। जो बिकती खूब है, लेकिन विश्वसनीय नहीं है। उनका यह ट्वीट सिद्धू से जोड़कर देखा गया। इससे पहले वह समझौते के लिए केदारनाथ गए सिद्धू और सीएम चरणजीत चन्नी को राजनीतिक तीर्थयात्री बता चुके हैं। जाखड़ ज्यादातर इशारों में कांग्रेस नेताओं पर ही हमला करते रहते हैं।

सिद्धू ने सवाल उठाए तो शायरी से दिया था जवाब
कुछ दिन पहले नवजोत सिद्धू ने कहा कि आजकल पुराने प्रधान खूब ट्वीट करते हैं। कभी उन्होंने मेरी तरह मुद्दे उठाए हैं। जाखड़ ने सिद्धू के बयान का यह हिस्सा ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘बुत हमको कहे काफिर, अल्लाह की मर्जी है, सूरज में लगे धब्बा, फितरत के करिश्में हैं। बरकत जो नहीं होती, नीयत की खराबी है।’ हालांकि इसके बाद सिद्धू ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।इससे पहले सिद्धू के खिलाफ दो विधायक बोल चुके हैं। यह दोनों विधायक वही हैं, जो कैप्टन अमरिंदर सिंह के तख्ता पलट के वक्त बागी ग्रुप के साथ थे। दरअसल, पंजाब में ‘गुरू’ की शैली अब उसके खासमखास नेताओं को भी समझ में नहीं आ रही है। कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ लड़ाई में सिद्धू के साथ खड़े रहे कुछ कांग्रेस विधायक अब सिद्धू के रवैये से खार खाने लगे हैं। इससे पंजाब में कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के खिलाफ बगावत के आसार बन गए हैं। कांग्रेसी विधायक कुलबीर जीरा और वरिंदरमीत पहाड़ा ने सिद्धू के रवैए पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू के मुद्दे हैं लेकिन उन्हें पार्टी फोरम पर बात रखनी चाहिए। इस बीच सिद्धू ने एक बार फिर चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पर निशाना साधकर अपनी ही सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठने की धमकी दे डाली है।सिद्धू के करीबी विधायकों के भी उसके खिलाफ सुर
जीरा से कांग्रेस विधायक कुलबीर जीरा ने कहा कि नवजोत सिद्धू की बात अगर सही है तो उसे इसका हल आपस में बैठकर निकालना चाहिए। सिद्धू को सीएम या डिप्टी सीएम के साथ बैठकर बात करनी चाहिए। पब्लिकली तो पार्टी की बदनामी ही होती है। गुरदासपुर से कांग्रेस विधायक वरिंदरमीत पहाड़ा ने कहा कि सिद्धू की रिपोर्ट खोलने की बात ठीक है। हम सब भी उस पर लगे हुए हैं। सिद्धू पार्टी प्रधान हैं और अपने ढंग से सरकार पर प्रेशर डाल रहे हैं। मुझे लगता है कि सिद्धू को पार्टी प्लेटफार्म पर यह बात करनी चाहिए।सिद्धू के ‘माझा की तिकड़ी’ के साथ रिश्ते बिगड़ गए
सिद्धू के खिलाफ बागी स्वरों को अब कांग्रेसियों और खासकर माझा के दिग्गज नेताओं की शह से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेसी विधायकों के इस रूख के बाद कांग्रेस के भीतर सिद्धू की मुश्किलें बढ़ सकती है। दरअसल सिद्धू के विरोध के दो कारण हैं। पहला, सिद्धू को लेकर विधायकों की सबसे बड़ी चिंता टिकट की है। खासकर, उनकी जो कैप्टन अमरिंदर सिंह के कट्‌टर विरोधी रहे हैं। कांग्रेस से टिकट न मिली तो उन्हें कैप्टन के यहां भी जगह नहीं मिलेगी। सिद्धू कह चुके हैं कि सिर्फ जीतने की क्षमता वालों को टिकट देंगे और सब विधायक यह न समझें कि उन्हें टिकट मिलेगी। दूसरा, सिद्धू का माझा की तिकड़ी डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा, मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा और सुख सरकारिया के साथ रिश्ते बिगड़ गए हैं। इन्हीं तीनों की अगुवाई में कैप्टन को सीएम की कुर्सी से हटाया गया। अब सिद्धू एसटीएफ रिपोर्ट और बेअदबी को लेकर सीएम चरणजीत चन्नी के बहाने ज्यादा रंधावा पर निशाना साधते हैं क्योंकि उनके पास ही गृह मंत्रालय है।

पहली बार सिद्धू के खिलाफ बयान, कैप्टन भी उठा चुके सवाल
कांग्रेस विधायकों की बयानबाजी कांग्रेस की सियासत के मायने में अहम है। जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी से हटाया गया तो कुछ इसी तरह से शुरुआत हुई थी। कुछ विधायकों की बयानबाजी के बाद इसे बगावत का रूप दे दिया गया। सिद्धू के रवैए को लेकर पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी सवाल उठा चुके हैं। वह सिद्धू को ‘अनस्टेबल’ तक कह चुके हैं। यही वजह है कि बार-बार सीएम चन्नी और सरकार को निशाने साध रहे सिद्धू का कांग्रेस के भीतर से ही विरोध होना शुरू हो गया है।

ड्रग केस की रिपोर्ट कैप्टन के बाद अब चन्नी सरकार दबा रही है
उधर, सिद्धू ने एक बार फिर चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पर निशाना साधा है। सिद्धू ने कहा कि दो महीने पहले जब चरणजीत सिंह चन्नी सरकार बनी थी तो हमने कहा था कि ड्रग तस्करी संबंधी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा, लेकिन अभी तक यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है। सिद्धू ने कहा कि लोग उनसे सवाल पूछते हैं। पंजाब कांग्रेस प्रधान ने कहा कि अगर ये रिपोर्ट जल्द नहीं खोली जाएगी तो वह सरकार के खिलाफ और भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। सिद्धू ने कहा कि पिछली कैप्टन सरकार रिपोर्ट को दबाकर बैठी थी। अब वही काम चन्नी सरकार कर रही है। अब इसको इसको खोल देना चाहिए।रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की तो चन्नी सरकार के खिलाफ भूख-हड़ताल
मोगा रैली में सीएम जब तक मंच पर रहे, नवजोत सिंह सिद्धू उनके साथ नजर आए, लेकिन चन्नी के जाते ही सिद्धू ने सरकार पर हमला कर दिया। सिद्धू ने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का नाम लिए बिना कहा कि दो महीने पहले सरकार क्या वादा करके आई थी, अब ड्रग्स के मामले में पंजाब सरकार ने रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की तो वे सरकार के खिलाफ मरणव्रत पर बैठेंगे, जो गुनाह किया है भुगतना पड़ेगा। चन्नी सरकार पर सिद्धू पहले भी आक्रामक होते रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने सीधे-सीधे भूख हड़ताल पर बैठने की धमकी दे दी है। सिद्धू के आक्रामक तेवरों से कार्यकर्ता भी असहज हो रहे हैं।

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