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मन की बात : पीएम मोदी बोले- देश में पहले से दस गुना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है, अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यानि 30 मई, 2021 को 77वीं बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम के तहत अपने विचार शेयर किए। संयोग से, महीने का आखिरी रविवार उस दिन पड़ा है जब केंद्र में मोदी सरकार के सात साल पूरे हो रहे हैं। 77वें एपिसोड में प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 संकट पर मुख्‍य रूप से बात की। उन्‍होंने देश के कोने-कोने में ऑक्सिजन पहुंचाने वाले ‘कोरोना वारियर्स’ से बातचीत की। इसमें ऑक्सिजन टैंकर ड्राइवर और ऑक्सिजन एक्‍सप्रेस के लोको पायलट्स शामिल रहे।

कोरोना महामारी पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘देश पूरी ताकत के साथ कोविड से लड़ रहा है, पिछले 100 सालों में ये सबसे बड़ी महामारी है। इसी महामारी के बीच भारत ने अनेक प्राकृतिक आपदाओं का भी डटकर मुकाबला किया है। इस दौरान चक्रवात अम्फान, निसर्ग, अनेक राज्यों में बाढ़ आई, अनेक भूकंप आए, भूस्खलन हुए।’

प्रधानमंत्री मोदी कहा कि मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है। हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं जिन्होंने इस आपदा का नुकसान झेला है। कोरोना की शुरुआत में देश में केवल एक ही टेस्टिंग लैब थी लेकिन आज ढाई हजार से ज्यादा लैब काम कर रही हैं। शुरू में कुछ सौ टेस्ट एक दिन में हो पाते थे, अब 20 लाख से ज्यादा ज्यादा टेस्ट एक दिन में होने लगे हैं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में डॉक्टरों-नर्सों ने अपनी चिंता छोड़कर लोगों की मदद की है। संक्रमितों मरीजों के बीच जाना, उनका सैंपल लेना, ये कितनी सेवा का काम है। अपने बचाव के लिए इन साथियों को इतनी गर्मी में भी लगातार पीपीई किट पहने ही रहना पड़ता है। इसके बाद ये सैंपल लैब पहुंचता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कई लोग ऐसे भी हैं,जिनकी कोरोना की सेकेंड वेव से लड़ने में बहुत बड़ी भूमिका रही है। साथियों, जब सेकेंड वेव आई, अचानक से ऑक्सिजन की मांग कई गुना बढ़ गई तो बहुत बड़ा चैलेंज था। मेडिकल ऑक्सिजन को देश के दूर-सुदूर हिस्सों तक पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनौती थी। ऑक्सिजन टैंकर ज़्यादा तेज़ चले। छोटी-सी भी भूल हो, तो उसमें बहुत बड़े विस्फोट का ख़तरा होता है।” इसके बाद प्रधानमंत्री ने उत्‍तर प्रदेश में ऑक्सिजन टैंकर के ड्राइवर दिनेश बाबूलनाथ उपाध्याय का अनुभव साझा क‍िया। प्रधानमंत्री मोदी ने दिनेश से बात करके जाना कि क्‍या चुनौतियां आती हैं और वे उनसे कैसे निपटते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनौती के इस समय में ऑक्सीजन के परिवहन को आसान करने के लिए भारतीय रेल आगे आई। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने सड़क पर चलने वाले ऑक्सीजन टैंकर से कहीं ज्यादा तेजी से, कहीं ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन देश के कोने-कोने में पहुंचाया। सामान्य दिनों में हमारे यहां एक दिन में 900 मीट्रिक टन ऑक्सिजन का उत्‍पादन होता था जो अब 10 गुना तक बढ़ गया है। आज करीब-करीब 9500 मीट्रिक टन प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक ऑक्सिजन एक्‍सप्रेस जिसे पूरी तरह महिलाएं चला रहीं हैं, उसकी लोको पायलट शिरिषा गजनी से बात की। फिर प्रधानमंत्री मोदी ने सेना, नौसेना और वायुसेना के योगदान के बारे में भी बताया। हिंडन एयरबेस पर तैनात ग्रुप कैप्‍टन पटनायक जी से बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रुप कैप्‍टन की बेटी अदिति से भी बात की। अदिति ने कहा कि उनके पापा जो कुछ भी कर रहे हैं, उसपर उसे बहुत गर्व होता है।

किसानों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हमारे देश के किसान, कई क्षेत्रों में नई व्यवस्थाओं का लाभ उठाकर कमाल कर रहे हैं। जैसे कि अगरतला के किसानों को ही लीजिए ! ये किसान बहुत अच्छे कटहल की पैदावार करते हैं। इनकी मांग देश-विदेश में हो सकती है, इसलिए इस बार अगरतला के किसानों के कटहल रेल के जरिए गुवाहाटी तक लाये गए। गुवाहाटी से अब ये कटहल लंदन भेजे जा रहे हैं। ऐसे ही आपने बिहार की ‘शाही लीची’ का नाम भी सुना होगा। 2018 में सरकार ने शाही लीची को GI Tag भी दिया था ताकि इसकी पहचान मज़बूत हो और किसानों को ज़्यादा फ़ायदा हो। इस बार बिहार की ये ‘शाही लीची’ भी हवाई-मार्ग से लंदन भेजी गई है।

पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण हमारा देश ऐसे ही अनूठे स्वाद और उत्पादों से भरा पड़ा है। दक्षिण भारत में, विजयनगरम के आम के बारे में आपने ज़रुर सुना होगा ? अब भला ये आम कौन नहीं खाना चाहेगा ! इसलिए, अब किसान-रेल, सैकड़ों टन विजयनगरम आम दिल्ली पंहुचा रही है। दिल्ली और उत्तर भारत के लोगों को विजयनगरम आम खाने को मिलेगा और विजयनगरम के किसानों को अच्छी कमाई होगी। किसान-रेल अब तक करीब – करीब 2 लाख टन उपज का परिवहन कर चुकी है। अब किसान बहुत कम कीमत पर फल, सब्जियां, अनाज, देश के दूसरे सुदूर हिस्सों में भेज पा रहा है।

बतौर प्रधानमंत्री सात साल पूरे करने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास’ के मंत्र पर चला है। देश की सेवा में हर क्षण समर्पित भाव से हम सभी ने काम किया है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, “जब हम ये देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है, तो हम सबको गर्व होता है। जब हम देखते हैं कि अब भारत अपने खिलाफ साज़िश करने वालों को मुंहतोड़ ज़वाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है। जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती हैं, तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं।”

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