प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आज बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया गया। कैबिनेट बैठक में मिशन कर्मयोगी को मंजूरी दी गई। इस मिशन का मकसद सरकारी अधिकारी अपेक्षाओं पर खरे उतरे इसके लिए उन्हें तैयार करना है। इसके तहत नियुक्ति के बाद अधिकारियों समेत अन्य सरकारी कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें खास ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बताया कि सरकार में मानव संसाधन का यह सबसे बड़ा सुधार है।
#MissionKarmayogi – National Program for Civil Services Capacity Building approved in today’s cabinet will radically improve the Human Resource management practices in the Government. It will use scale & state of the art infrastructure to augment the capacity of Civil Servants. pic.twitter.com/RNl3uDS7IL
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2020
एक दूसरे ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि इस मिशन के तहत मानव संसाधन प्रबंधन और निरंतर सीखने की प्रवृति को बढ़ावा दिया जाएगा। मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य पारदर्शिता और प्रौद्योगिकी के माध्यम से भविष्य के लिए सिविल सेवकों को अधिक क्रीएटिव, कन्स्ट्रक्टिव और इनोवेटिव बनाना है।
The iGOT platform will enable the transition to a role-based HR management & continuous learning. Mission Karmayogi aims to prepare Civil Servants for the future by making them more creative, constructive & innovative through transparency and technology. #CivilService4NewIndia pic.twitter.com/NxGBcAxUGo
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2020
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के सेक्रेटरी सी चन्द्रमौली ने बताया कि एक सिविल सेवा से जुड़े अधिकारी को कल्पनाशील और नवाचारी, सक्रिय एवं सरल, पेशेवर और प्रगतिशील, ऊर्जावान एवं समर्थकारी, पारदर्शी एवं तकनीकी युक्त, रचनात्मक एवं सृजनात्मक होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यही कल के सिविल सर्वेंट का विजन होगा। ‘मिशन कर्मयोगी’ सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए एक नया नैशनल आर्टिटेक्चर देखता है। यह न केवल व्यक्तिगत क्षमता निर्माण बल्कि संस्थागत क्षमता निर्माण और प्रक्रिया पर भी केंद्रित है।
A civil servant should be imaginative & innovative, proactive & polite, professional & progressive, energetic & enabling, transparent & tech-enabled, constructive & creative in order to meet the challenges of the society – C. Chandramouli, Secretary, @DoPTGoI #MissionKarmayogi pic.twitter.com/c4tCP9LW1C
— PIB India (@PIB_India) September 2, 2020
क्या है मिशन कर्मयोगी ?
मिशन कर्मयोगी एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है, इसके तहत प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक काउंसिल होगी जिसमें सदस्यों के रूप में राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। इस स्कीम के तहत यह काउंसिल सिविल सेवाओं की क्षमता के विकास से जुड़ी योजनाओं को मंजूरी देगी। शुरुआत में इस मिशन पर 510 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। इसके साथ ही इस योजना के तहत एक ‘क्षमता विकास आयोग’ गठित करने का भी प्रस्ताव है। इस मिशन के तहत करीब 46 लाख केंद्रीय कर्मचारी कवर होंगे।
इसे नेशनल प्रोग्राम फॉर सिविल सर्वेसिज कैपिसिटी बिल्डिंग के नाम से जाना जाएगा। इस मिशन में सिविल सर्वेंट को उनके पद की जरूरतों के मुताबिक उन्हें आवंटित कार्यों को उनकी क्षमता के साथ तालमेल बिठाना है। यही नहीं इसमें मानव संसाधन प्रबंधन में ‘नियम आधारित (रूल्स बेस्ड)’ की जगह ‘भूमिका आधारित (रोल्स बेस्ड)’ प्रबंधन को तबज्जो दिया जाएगा।
मिशन कर्मयोगी का लक्ष्य
इस मिशन का लक्ष्य नौकरशाहों को भविष्य की जरूरतों के मुताबिक तैयार करना है और सरकार में भर्ती के बाद के सुधार किए जाने हैं। भविष्य के लिए नौकरशाह तैयार करने का मतलब है उन्हें ज्यादा ‘रचनात्मक, सृजनात्मक, कल्पनाशील, नवाचारी और ज्यादा ऐक्टिव बनाना है। इससे कर्मचारियों के विस्तार से विश्लेषण करने और वैज्ञानिक उपकरणों और निश्चित उद्देश्यों के साथ रियल टाइम समीक्षा करने में भी सहायता मिलेगी। माना गया है कि इससे विशिष्ट भूमिकाओं में दक्ष सिविल सेवक उच्चतम गुणवत्ता मानकों वाली प्रभावकारी सेवा सुनिश्चित कर पाने में ज्यादा समर्थ साबित होंगे।