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वाराणसी पुलिस की जांच में खुलासा, नेपाली युवक निकला भारतीय, पैसे की लालच में कराया मुंडन, भारत को बदनाम करने की साजिश

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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली जहां अपने सियासी फायदे के लिए भारत और नेपाल के पारंपरिक रिश्ते को खराब करने में लगे हैं, वहीं भारत स्थिति कुछ असामाजिक तत्व उनके बयान को आधार बनाकर अपने ही देश को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। वाराणसी पुलिस ने नेपाली युवक के मुंडन मामले में हैरान करने वाली साजिश का खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक जिस नेपाली युवक का वीडियो वायरल किया गया, वह युवक वास्तव में भारतीय है, जिसे पैसे की लालच देकर उसका मुंडन कराया गया। 

विश्व हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने मुंडन का पोस्टर बनारस में अलग-अलग स्थानों पर चस्पा किया, लेकिन सबसे ज्यादा यह पोस्टर नेपाली मंदिर के बाहर चस्पा किया गया। जब यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो वाराणसी के भेलूपुर पुलिस ने सर मुंडवाने और आपत्तिजनक नारेबाजी का वीडियो वायरल होने के सम्बंध में मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। पुलिस ने इस मामले में प्राप्त सबूतों के आधार पर अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है।  

वाराणसी के एसएसपी (SSP) अमित पाठक के मुताबिक वीडियो में दिख रहा कथित नेपाली युवक शुद्ध रूप से भारतीय हैं। युवक अपने भाई के साथ वाराणसी के भेलूपुर इलाके में स्थित जल संस्थान के सरकारी क्वार्टर में रहता है। 16 जुलाई को शिव सेना से जुड़े अरुण पाठक के दो समर्थक राजेश राजभर और जय गणेश नाई उसके घर पर मिले। दोनों ने युवक को एक कार्यक्रम में घाट पर चलकर बाल बनवाने पर 1000 रुपये मिलने का प्रलोभन दिया। इसके बाद युवक उनके साथ घाट पर जा कर अपना मुंडन कराया। बाल मुडवाने के बाद राजेश राजभर ने युवक को 1000 रुपये भी दिया। युवक अरुण पाठक, राजेश राजभर और जय गणेश को पहले से जानता है। 

कथित नेपाली युवक ने बताया कि उसका नाम धर्मेंद्र सिंह है। वो साड़ी की दुकान में काम करता है। लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी के कारण संस्था के सदस्यों ने 1000 रुपये का लालच देकर वीडियो बना लिया। राज खुलने के बाद अब विश्व हिंदू सेना के संस्थापक और मुख्य आरोपी अरुण पाठक फरार हो चुका है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है। 

बता दें कि इससे पहले खुलासा हुआ था कि पाठक ने अपने फेसबुक प्रोफाइल के बॉयो में लिखा है, “बाला साहेब का शिष्य एवं एक सनातन।” इसके अलावा अन्य जानकारियों में भी इस बात का उल्लेख है कि वो साल 2000 से 2003 तक शिवसेना का जिलाध्यक्ष रह चुका है। उसकी फेसबुक पर अपलोड तस्वीर देखने पर भी मालूम चलता है कि शिवसेना के बड़े नेताओं के साथ भी उसका उठना-बैठना रहा है।

उसकी टाइमलाइन पर कई पोस्टर भी हैं। इनमें बाला साहेब की तस्वीर साफ देखी जा सकती है। यहाँ बता दें शिवसैनिक अरुण पाठक ने पीएम ओली की टिप्पणी के बाद उनकी निंदा के लिए विश्व हिंदू सेना के बैनर तले गंगा किनारे घाटों और मंदिरों पर पोस्टर लगवाए थे। इनके माध्यम से उसने ओली को चीन के इशारों पर चलना बंद करने की चेतावनी भी दी थी। उसने ही इस हरकत की साजिश रची थी।

इस घटना का मस्टरमाइंड अरुण पाठक ने असि घाट पर उक्त नेपाली युवक को पकड़ कर उसका मुंडन करवाया और उसके सिर में जय श्रीराम लिख दिया। आरोप यह भी है कि उक्त युवक से ओली मुर्दाबाद और जय श्रीराम के नारे लगवाए गए। इस संबंध में नगर पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

बताया जाता है कि नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली के उस बयान के बाद जिसमें उन्होंने भगवान राम को नेपाली और अयोध्या को नेपाल में बताया था, विश्व हिंदू सेना ने एक पोस्टर जारी किया था। उक्त पोस्टर में हिंदू सेना ने यह चेतावनी दी है कि नेपाली प्रधानमंत्री अपने बयान को वापस लेते हुए माफी मांगें नहीं तो भारत में नेपालियों को गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे। इसके बाद विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक ने स्वयं गुरुवार को अपने फेसबुक पर नेपाली युवक के मुड़े हुए सिर और उसपर श्रीराम लिखी वीडियो डाल दी।

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