प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अप्रैल को बासव जयंती के मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन में बारहवीं सदी के महान समाज सुधारक भगवान बसवेश्वर के ‘वचन’ के 23 भारतीय भाषाओं में अनुवाद संस्करणों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बसवेश्वर ने एक लोकतांत्रिक व्यवस्था का सृजन किया। भगवान बसवेश्वर के वचन सिर्फ जीवन का ही सत्य नहीं है, ये सुशासन, गवर्नेंस का भी आधार हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट आचरण एक ऐसा दीमक है जो हमारे लोकतंत्र को, हमारी सामाजिक व्यवस्था को खोखला कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान बसवेश्वर का ‘वचन’ था कि- “जब विचारों का आदान-प्रदान ना हो, जब तर्क के साथ बहस ना हो, तब अनुभव गोष्ठी भी प्रासंगिक नहीं रह जाती और जहां ऐसा होता है, वहां ईश्वर का वास भी नहीं होता”