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नमामि गंगे अभियान: पीएम मोदी ने किया उत्तराखंड की 6 बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण

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“अगर गंगा जल की स्वच्छता को लेकर अगर वही पुराने तौर-तरीके अपनाए जाते, तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती। लेकिन हम नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े। हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यह बात उत्तराखंड में नमामि गंगे अभियान के तहत 6 बड़ी परियोजनाओं के लोकार्पण के दौरान कही।

वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नमामि गंगे के तहत गंगा को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिए सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया। पहला- गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया दूसरा- सीवर ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें। तीसरा- गंगा नदी के किनारे बसे सौ बड़े शहरों और पांच हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया और चौथा- जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाई गई।

पीएम मोदी ने कहा, “आज नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 30 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं पर या तो काम चल रहा है या फिर पूरा हो चुका है। आज जिन प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण किया गया है, उनके साथ ही उत्तराखंड में इस अभियान के तहत चल रहे करीब-करीब सभी बड़े प्रोजेक्ट्स पूरे हो चुके हैं। हज़ारों करोड़ के इन प्रोजेक्ट्स से सिर्फ 6 सालों में ही उत्तराखंड में वॉटर ट्रीटमेंट की क्षमता करीब-करीब 4 गुना हो चुकी है।”

पीएम मोदी ने कहा कि नमामि गंगे मिशन के तहत ही गंगा जी पर स्थिति सैकड़ों घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है और गंगा विहार के लिए आधुनिक रिवरफ्रंट के निर्माण का भी किया जा रहा है। हरिद्वार में तो रिवरफ्रंट बनकर तैयार है। अब गंगा म्यूजियम के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा। श्री मोदी ने कहा कि आज देश उस दौर से बाहर निकल चुका है जब पानी की तरह पैसा तो बह जाता था, लेकिन नतीजे नहीं मिलते थे। आज पैसा पानी में नहीं बहता, पानी पर लगाया जाता है। आजादी के इतने वर्षों बाद भी 15 करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप से पानी का पानी नहीं पहुंचता था। उत्तराखंड में भी हजारों घरों में यही हाल था। इस समस्या को दूर करने के लिए, देश की पानी से जुड़ी सारी चुनौतियों पर एक साथ ऊर्जा लगाने के लिए ही जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पानी से जुड़ी चुनौतियों के साथ-साथ अब ये मंत्रालय देश के गांवों में, हर घर तक जल पहुंचाने के मिशन में जुटा हुआ है। आज जलजीवन मिशन के तहत हर दिन करीब 1 लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जोड़ा जा रहा है। सिर्फ 1 साल में ही देश के 2 करोड़ से ज्यादा परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने साल 2022 तक ही राज्य के हर घर तक जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कोरोना के इस कालखंड में भी उत्तराखंड में बीते 4-5 महीने में 50 हज़ार से अधिक परिवारों को पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलजीवन मिशन गांव और गरीब के घर तक पानी पहुंचाने का तो अभियान है ही, ये ग्राम स्वराज को, गांव के सशक्तिकरण को भी नई बुलंदी देने वाला अभियान है। जल जीवन मिशन के तहत गांव में पानी से जुड़े कौन से काम हों, कहां काम हों, उसकी क्या तैयारी हो, ये सब कुछ तय करने का, फैसला लेने का अधिकार अब गांव के लोगों को ही दे दिया गया है। सरकार एक सहायक की भूमिका में है. लेकिन पानी के प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग से लेकर रखरखाव और संचालन तक की पूरी व्यवस्था ग्राम पंचायत करेगी, पानी समितियां करेंगी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने जल जीवन मिशन की एक मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया, साथ ही जल जीवन मिशन का लोगो भी लॉन्च किया।

 

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