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असदुद्दीन ओवैसी के सामने मुस्लिम युवकों ने लगाए ‘मोदी-मोदी’ के नारे, काले झंडे भी दिखाए, वीडियो वायरल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे वैसे सियासी सर्गमियां भी बढ़ती जा रही हैं। सभी दल अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी गुजरात के सियासी अखाड़े में कूद पड़े हैं। लेकिन सूरत में एक जनसभा के दौरान उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। कुछ मुस्लिम युवकों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारों और काले झंडे से ओवैसी का स्वागत किया।  

गुजरात में एआईएमआईएम करीब 3 दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी रविवार को सूरत पूर्वी सीट से पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार करने के लिए पहुंचे थे। उनके साथ पूर्व विधायक वारिश पठान भी थे। जैसे ही हैदराबाद के सांसद ने भाषण शुरू किया सभा में मौजूद मुस्लिम युवकों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। काले झंडे दिखाते हुए वे मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे। ओवैसी और उनकी पार्टी के नेताओं के लिए यह बेहद असहज करने वाला वक्त था। असदुद्दीन ओवैसी के विरोध का यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

हालांकि बीजेपी की तरफ से आशंका जतायी जा रही है कि गुजरात चुनाव के दौरान चर्चा में बने रहने के लिए ओवैसी खुद ही इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। पिछले सप्ताह एआईएमआईएम प्रवक्ता ने आरोप लगाया था कि ओवैसी को निशाना बनाकर वंदे भारत ट्रेन पर पत्थर फेंके गए। हालांकि, पुलिस ने इन दावों को खारिज किया था। पश्चिम रेलवे की बड़ौदा जीआरपी के मुताबिक ट्रेन पर कोई पथराव नहीं किया गया था। ट्रेन की गति अधिक होने के कारण कुछ पत्थर उछल कर ट्रेन के शीशे से जाकर टकरा गए थे, इससे सीसे में दरार आ गई थी।

सियासी जानकारों के मुताबिक ओवैसी की एंट्री से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को होने वाले मतदान में 4.9 करोड़ मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे। राज्य की 117 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 10 प्रतिशत से अधिक है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का रुख काफी महत्वपूर्ण हो गया है।

अब सवाल उठ रहे हैं कि इस चुनाव में गुजरात के मुस्लिम वोटर किसके साथ है। वैसे यदि गुजरात के पूर्व के चुनावों को देखा जाए तो मुस्लिम मतों का अधिकांश हिस्सा अभी तक कांग्रेस के पक्ष में जाता हुआ दिखा है। लेकिन इस बार कांग्रेस के लिए राह बहुत आसान नहीं मानी जा रही है। कांग्रेस पहले ही चुनावी तैयारियों में कमी,चुनाव प्रचार में तेजी का अभाव और संगठनात्मक ढांचे की कमजोरी से जूझ रही है। इस बीच आम आदमी पार्टी और ओवैसी की गुजरात के सियासी मैदान में एंट्री ने राज्य के समीकरण बदल दिए हैं।

 

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