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हिंदू आस्था का ज्वार : अयोध्या में राम लला के भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण के लिए 5000 हजार करोड़ से ज्यादा भक्तों ने दिया दान, 4 कुंतल चांदी और सोना अर्पण, भविष्य में हो सकती है तिरुपति बालाजी जैसी व्यवस्था

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मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का अवतरण दिवस हाल ही में पूरे देश ने हर्षोल्लास के साथ मनाया है। इस खुशी के अवसर पर एक अच्छी खबर यह है कि राम जन्मभूमि अयोध्या में बन रहे राम लला के भव्य और दिव्य मंदिर के लिए देशभर में आस्था की गंगा बह रही है। राम भक्त खुले दिल से मंदिर निर्माण के लिए अपनी आहूति दे रहे हैं। इसी के चलते राम मंदिर के लिए मार्च तक पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की नगदी के साथ ही चार कुंतल चांदी और सोना दान में आ चुका है। इतना ही नहीं अयोध्या राम मंदिर में आने वाला चढ़ावा भी इस साल तीन गुना हो गया है। राम मंदिर ट्रस्ट के बैंक खाते में गिनती और नकदी जमा करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने विशेष रूप से दो अधिकारियों को नियुक्त किया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक राम मंदिर में आने वाला दान तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले समय में यहां नकदी की गिनती के लिए तिरुपति बालाजी की तर्ज पर व्यवस्था की जाएगी।भव्य-दिव्य राम मंदिर का पांच सौ वर्षों का सपना अब होगा साकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त 2020 को अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के साथ ही शिलान्यास किया था। पांच सौ वर्षों से ज्यादा के लंबे इंतजार के बाद अब राम भक्तों का सपना साकार होने जा रहा है। पीएम मोदी और सीएम योगी के दिशा-निर्देशन में अयोध्या में प्रभू श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। श्री राम मंदिर के ट्रस्ट की कोशिश है कि जनवरी 2024 तक राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाए और प्रभु श्री राम अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाएं। तेजी से हो रहे मंदिर निर्माण को देखकर हर राम भक्त अपने को धन्य मान रहा है।राम भक्तों ने इतना दे दिया दान कि बैंक में रखनी पड़ी रकम
पावन नगरी अयोध्या में भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के लिए देशभर में आस्था का ज्वार उमड़ रहा है। कभी राम मंदिर कार सेवा के लिए देशभर से ईंटें अयोध्या के लिए भेजी गईं थीं। उससे कहीं अधिक भक्ति भावना अब मंदिर निर्माण को लेकर है। यही वजह है कि श्रीराम मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए दिल खोलकर दान भी कर रहे हैं। नगदी से लेकर सोने-चांदी तक की वस्तुएं मंदिर के लिए दान में आ रही हैं। श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक जनवरी तक 4 कुंतल चांदी और सोना दान में मिल चुका है। नगदी की बात कहें तो राम भक्तों ने 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि रामलला को दान कर दी है।नगदी और चेक के साथ दान में आ रहे हैं सोने-चांदी के आभूषण
मंदिर निर्माण में राम भक्तों ने नगद राशि के साथ-साथ चेक और सोने चांदी का भी दान देना शुरू कर दिया था। कैश के साथ-साथ बड़ी संख्या में सोने और चांदी के दान को देखकर ट्रस्ट ने अपील करते हुए कहा, कि अभी इस तरह के धातुओं की जरूरत नहीं है। लेकिन जो श्रद्धालु इस तरह की वस्तुएं दान कर रहे हैं, उनको ट्रस्ट की ओर से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर में सुरक्षित रख गया है। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में भी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का खाता है जहां के लॉकर में दान की वस्तुओं को रखा गया है।भविष्य में तिरुपति मंदिर की तर्ज पर दान गिनने की हो सकती है व्यवस्था
श्रीराम मंदिर अब दिव्य स्वरूप में दिखाई देने लगा है। बताया जा रहा है कि दिसंबर 2023 तक भगवान राम का गर्भ गृह बन कर तैयार होगा और जनवरी 2024 यानी मकर संक्रांति के बाद गर्भगृह को भक्तों के लिए खोला जा सकता है। गर्भगृह दर्शनार्थ भले ही अगले साल खुले, लेकिन अयोध्या राम मंदिर अभी से दान स्वरूप में मिलने वाली राशि 3 गुना से ज्यादा हो गई है। मंदिर न्यास के अधिकारी के मुताबिक पिछले कुछ ही दिनों के अंदर मंदिर में रखी दानपेटी में करोड़ों रुपये से ज्यादा की राशि आ चुकी है। राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता के मुताबिक दान की गिनती और जमा करने वाले बैंक अधिकारियों ने ट्रस्ट को बताया है कि जनवरी 2023 से दान तीन गुना बढ़ गया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक राम मंदिर के दानपात्र में दान और चंदे में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है और निकट भविष्य में तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर व्यवस्था करनी पड़ेगी। बालाजी मंदिर में सैकड़ों कर्मचारी रोजाना दान के रूप में आने वाली रकम की गिनती करते हैं।राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर को तराशने का काम जोरों पर है
श्रीराम मंदिर स्थल पर एलएंडटी कंस्ट्रक्शन के लगभग 550 कर्मचारी प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगे हुए हैं. चौबीसों घंटे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। राजस्थान में एक हजार लोग मंदिर की मुख्य संरचना के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गुलाबी बलुआ पत्थर को खोदने और तराशने का काम कर रहे हैं। यह पत्थर भी राजस्थान के भरतपुर जिले के बंसी पहाड़पुर से आ रहा है। फिलहाल मंदिर के भूतल तक का काम पूरा हो चुका है। वीके एलएंडटी के परियोजना निदेशक के मुताबिक निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। मंदिर के भूतल में गर्भगृह होगा और ऊपरी मंजिल पर राम दरबार लगाने की योजना है। मंदिर परिसर में राम मंदिर, वाल्मीकि, वशिष्ठ और सबरी सहित छह अन्य देवताओं के मंदिर, तीर्थयात्री सुविधा केंद्र, एक हर्बल गार्डन और एक विद्युत सबस्टेशन, एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और जल उपचार संयंत्र सहित सुविधाएं शामिल होंगी।नेपाल और कर्नाटक से आईं शिलाएं, 2.77 एकड़ में फैला है राम मंदिर
कर्नाटक से लाए गए विशाल ग्रेनाइट पत्थर का इस्तेमाल फर्श के लिए किया जा रहा है। वहीं मंदिर की मुख्य संरचना लगभग 4.70 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार गुलाबी बलुआ पत्थर से बनेगी, जिसे राजस्थान के भरतपुर जिले से खरीदा जा रहा है। 161 फुट ऊंचे मंदिर में तीन मंजिलें होंगी। हर मंजिल 19.5 फीट ऊंची होगी और निर्माण का ये पूरा काम 2.77 एकड़ में फैला होगा। भूतल में गर्भगृह क्षेत्र होगा। मंदिर की लंबाई करीब 344 फीट और चौड़ाई 250 फीट है। यह देश में हाल में बनें मंदिरों में सबसे बड़ा और सबसे ऊंचा होगा। मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित होने वाली रामलला की प्रतिमा और अन्य प्रतिमाओं के लिए शिलाओं का परीक्षण किया गया था। इसके लिए नेपाल से पहुंची देव शिलाओं के बाद कर्नाटक से भी शिला अयोध्या पहुंचीं। कर्नाटक से लाई गई शिला को भी रामसेवकपुरम में देव शिलाओं के पास रखा गया। बता दें कि शालिग्राम शिला नेपाल की गंडकी नदी में मिलती है। ये शिला काफी महंगी होती है। शालिग्राम की शिला की लोग घर में पूजा भी करते हैं और प्रतिमा भी बनती है।

 

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