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ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर ने की हिन्दुओं को बदनाम करने की साजिश, वीडियो शेयर कर लोगों को किया गुमराह

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देश में कुछ ऐसी वामपंथी और प्रोपेगैंडा न्यूज वेबसाइट है, जो हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए मौके की तलाश में रहती है। जैसे ही मौका मिलता है, वे अपनी साजिशों को अंजाम देने के लिए हथकंडे अपनाने लगाती है। उनमें से एक वेबसाइट है ‘ऑल्ट न्यूज़’। यह वेबसाइट फैक्ट चेकिंग का काम करती है, लेकिन इसे कई बार फेक न्यूज फैलाते पकड़ा गया है। इस वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने एक वीडियो पोस्ट कर फिर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की।

मोहम्मद जुबैर ने तनिष्क विवाद का फायदा उठाते हुए ट्विटर पर इंदौर के एक शोरूम का वीडियो शेयर किया, जिसमें यह साबित करने का प्रयास किया गया है कि तनिष्क के शोरूम के सामने लोग ‘जय श्री राम’ का नारा लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। आक्रोशित लोग तनिष्क के शोरूम में घुसकर काम कर रहें लोगों को डराने और धमकाने की कोशिश कर रहे है। 

जब इस वीडियो की जांच की गई, तो जो सच्चाई सामने आयी, वो काफी हैरान करने वाली थी। जुबैर के इस ट्वीट के बाद ‘बेफिटिंग फैक्ट’ नाम से एक ट्विटर यूजर ने तनिष्क शोरूम के बाहर हो रहे प्रदर्शन का वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो ने जुबैर की साजिश को बेनकाब कर दिया। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कुछ लोग शोरूम के बाहर जमीन पर बैठकर शांतिपूर्ण तरीके से सिर्फ ‘जय श्री राम’ का नारा लगा रहे हैं। जुबैर ने शोरूम के अंदर की तस्वीरों और ‘जय श्री राम’ के नारे की आवाज को आधार बनाकर हिन्दुओं को ‘आक्रामक’ साबित करने की कोशिश की। 

बता दें कि तनिष्क के विज्ञापन में एक हिंदू महिला की गोदभराई की रस्म को दिखाया गया था। इस लड़की की शादी मुस्लिम परिवार में हुई थी। इसमें हिंदू संस्कृति को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम परिवार द्वारा सभी रस्मों रिवाजों को हिंदू धर्म के हिसाब से करता दिखाया गया। इससे हिन्दू संगठनों ने लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाकर विरोध किया। 

ऐसा पहली बार नहीं है, जब मोहम्मद जुबैर ने लोगों को बदनाम करने की कोशिश की हो। इससे पहले जुबैर ने 07 अगस्त, 2020 को एक ट्विटर यूजर को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा करने के लिए नाबालिग बच्ची की तस्वीर सार्वजानिक कर दी थी। बताया गया था कि यह बच्ची उस यूजर की पोती थी और उसे जुबैर के ट्वीट के बाद रेप की धमकियां मिली थी।

नाबालिग लड़की की ऑनलाइन प्रताड़ना के आरोप में जुबैर के खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दी। इस मामले में ट्विटर को भी नोटिस भेजा गया था।

ट्विटर के निवेदन के बाद NCPCR ने उसे मोहम्मद जुबैर के ट्वीट के सम्बन्ध में और अधिक जानकारी देने के लिए 10 दिनों का अतिरिक्त समय दिया। जुबैर के ट्वीट के बाद उसे फॉलो करने वाले ट्विटर एकाउंट्स @de_real_mak और @syedsarwar ने भी बच्ची के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया था, इसीलिए एफआईआर में उनका नाम भी शामिल किया गया।

 

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