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Modi Story: जानिए प्रधानमंत्री मोदी के जीवन से जुड़ी सात वो अनसुनी बातें जो पहले सामने नहीं आईं

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narendra modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के अब तक के सबसे लोकप्रिय राजनेता है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपना जीवन देश के आम लोगों के लिए समर्पित कर दिया है। वे देश के गरीब-वंचिचों के लिए दिन-रात काम करते रहते हैं। लेकिन देश के लोगों को अब भी प्रधानमंत्री मोदी के जीवन से जुड़ी कई बातों की जानकारी नहीं है। ऐसे में हाल ही में एक नई वेबसाइट ‘द मोदी स्टोरी’ (modistory.in) लॉन्च की गई। इसमें उनके जीवन से जुड़ीं ढेरों प्रेरक प्रसंगों और अनसुनी कहानियों को पेश की गई हैं। आइए आज इसी में जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी के जीवन से जुड़ीं सात वो अनसुनी बातें जो पहले सामने नहीं आईं…

1. दूरी मापने के नरेन्द्र मोदी के अनोखे आइडिया को सभी ने किया पसंद
गुजरात के एक सहयोगी पराग नायक ने उन दिनों को याद किया जब वे अहमदाबाद के उत्तम नगर इलाके में आयोजित होने वाले शिविर के लिए ग्राउंड तैयार कर रहे थे। हर कोई पैदल ही उस विशाल ग्राउंड को माप रहा था और तभी श्री मोदी ने एक अनोखा विचार सुझाया।

यह वाकया 1985 का है, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एक विशाल शिविर आयोजित करने की योजना बनाई थी। श्री नायक ने कहा कि नरेन्द्र भाई ने हमें पैदल ही जमीन नापना बंद करने और दूरी मापने के लिए जीप की मदद लेने को कहा। इस आइडिया ने पराग नायक और अन्य लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया कि कोई वाहन का उपयोग करके पूरे ग्राउंड का सटीक माप कैसे प्राप्त कर सकता है!

पराग नायक ने कहा, “नरेन्द्र भाई वहां आए और पूछा कि हम लोग क्या कर रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि हम ग्राउंड को चलकर मापने और मोटा-मोटी के बजाय सटीक माप प्राप्त करने के लिए मीटर को शून्य पर सेट कर जीप चलाते हैं। ऐसे सुझाव जो उन्होंने हर बार दिए, वे इतने मूल्यवान थे कि हमने उन पर बार-बार अमल किया।”

2. पंजाब के पूर्व मंत्री ने किया इनोवेटिव इलेक्शन टिप्स को याद
पंजाब के पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ एक बातचीत को याद किया, जब वे भाजपा के राष्ट्रीय सचिव थे। उन्होंने याद किया कि कैसे एक बैठक के दौरान श्री मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार के दौरान अपनी जेब में टॉफियां ले जाने और बच्चों को देने की सलाह दी थी।

यह वाकया मनोरंजन कालिया ने एक वीडियो में बताया। श्री कालिया ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के रूप में नरेन्द्र मोदी ने चंडीगढ़ में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर राज्यों की एक बैठक को संबोधित किया, जहां उन्होंने चुनावी सुझाव साझा किए जो ‘असाधारण’ थे।

श्री कालिया ने कहा, “बैठक के दौरान उन्होंने हमें कई चुनावी टिप्स दिए। एक दिलचस्प सलाह उन्होंने दी थी कि उम्मीदवार के रूप में चुनाव प्रचार करते समय टॉफियां अपनी जेब में रखनी चाहिए। अगर किसी माता-पिता के पास बच्चा है, तो बच्चे को टॉफ़ी दें। बच्चे खुश होंगे, तो उनके माता-पिता भी खुश होंगे। यह बहुत छोटी बात है लेकिन इसका बहुत बड़ा प्रभाव है।”

3. जब आपातकाल के दौरान पुलिस को चकमा देकर बचते रहे…
आपातकाल के काले दिनों के दौरान नरेन्द्र मोदी कांग्रेस सरकार द्वारा की गई ज्यादतियों के खिलाफ भूमिगत आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे। 1975 का एक दिलचस्प वाकया बताते हुए गुजरात के रहने वाले रोहित अग्रवाल ने कहा, “नरेन्द्र काका, सरदारजी का वेश बनाकर पुलिस को चकमा देकर बचते रहे।”

श्री अग्रवाल ने उस घटना को याद किया जब नरेन्द्र मोदी सरदार के वेश में घर से बाहर निकल रहे थे और ठीक उसी समय पुलिस उनकी तलाश में वहां पहुंच गई। अग्रवाल ने कहा कि सिर्फ पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि उनके घर में कोई भी उन्हें तुरंत नरेन्द्र मोदी के रूप में नहीं पहचान सका।

रोहित अग्रवाल ने कहा, “1975 में जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था, नरेन्द्र काका उस समय हमारे घर मधु कुंज में सरदारजी के वेश में हमारे साथ रह रहे थे। एक बार वह सरदार जी के वेश में बाहर निकल ही रहे थे तभी पुलिस पहुंच गई और उनसे पूछा- नरेन्द्र मोदी कहां रहते हैं? मोदी ने जवाब दिया मुझे नहीं पता। आप अंदर जाकर पूछ सकते हैं। जब पुलिस घर के अंदर गई तब तक वो मेरे भाई के साथ स्कूटर पर बैठकर वहां से चले गए। सिर्फ पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि हम भी नरेन्द्र मोदी की शक्ल से धोखा खा जाते थे।”

4. सदन के अंदर जाने से क्यों किया इंकार?
राज्यसभा के उपसभापति चुनाव के दौरान एक वाकया को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पीएम मोदी हॉल के बाहर लॉबी में बैठ कर इंतजार करते रहे जहां चुनावी प्रक्रियाएं चल रही थीं और उन्होंने अंदर जाने से साफ इनकार कर दिया। इस अनुकरणीय कदम ने मेघवाल को हैरान कर दिया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह लोकसभा सदस्य थे और उच्च सदन में उपसभापति पद के लिए चुनाव हो रहे थे।

एक वीडियो में मेघवाल ने याद किया कि राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव के दिन पीएम मोदी को राज्यसभा तक ले जाने की उनकी ड्यूटी थी। जब उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की, तो प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या चुनावी प्रक्रिया खत्म हो गई है। उन्होंने मंत्री से टीवी पर समाचार ट्रैक करने और प्रक्रिया समाप्त होने के बाद उन्हें सूचित करने के लिए कहा ताकि वे संसद के लिए रवाना हो सकें।

अर्जुन मेघवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री ने मुझे टीवी न्यूज को ट्रैक करने के लिए कहा ताकि उपसभापति चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने की जानकारी मिल सके। कुछ समय बाद मैंने उनसे आग्रह किया कि जब तक हम पहुंचेंगे, चुनावी प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। हम हॉल में प्रवेश करने वाले थे लेकिन उन्हें बताया गया कि चुनावी प्रक्रिया अभी भी चल रही है। तुरंत उन्होंने अंदर नहीं जाने का फैसला किया और बाहर लॉबी में बैठने का फैसला किया। मार्शल ने आकर उनसे कहा कि प्रधानमंत्री सदन के अंदर जा सकते हैं, लेकिन पीएम मोदी ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि मैं लोकसभा का सदस्य हूं और इसलिए अंदर नहीं जा सकता क्योंकि राज्यसभा के उपसभापति के लिए चुनाव प्रक्रिया चल रही है। संसदीय प्रक्रियाओं के प्रति प्रधानमंत्री की इतनी सादगी और प्रतिबद्धता ने मुझे रोमांचित कर दिया।”

5. कभी नहीं लगा कि हम भारत के प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं
ओलम्पिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा पीएम मोदी के सरल व्यवहार से काफी प्रभावित हैं। नाश्ते पर एथलीटों और सपोर्टिंग स्टाफ की मेजबानी के दौरान प्रधानमंत्री के साथ अपनी बातचीत को याद करते नीरज चोपड़ा ने कहा कि ऐसा कभी नहीं लगा कि हम पीएम से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी वहां मौजूद हर शख्स के साथ बेहद सौहार्दपूर्ण रहे।

नीरज ने कहा कि पीएम मोदी को प्रत्येक खिलाड़ी के बारे में व्यक्तिगत जानकारी थी और ओलंपिक के लिए रवाना होने से पहले किसने क्या कहा था। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का ऐसा विनम्र और सरल व्यवहार, बेहद सुखद और स्वाभाविक लगा। प्रधानमंत्री ने भारतीय खेल जगत में हो रहे परिवर्तनों के बारे में भी बात की।

उन्होंने आगे कहा, “नरेन्द्र मोदी सर के पीएम बनने के बाद भारतीय गेम्स में खेलो इंडिया जैसे कई बदलाव देखने को मिले हैं। किसी भी इवेंट में हिस्सा लेने से पहले हमें उनका काफी सपोर्ट मिलता है। वह नागरिकों से हमारे लिए जयकार करने के लिए कहते हैं। इस बार ओलंपिक के दौरान चीजें बहुत अलग थीं। गेम्स से लौटने के बाद सभी एथलीटों को समान सम्मान मिला, भले ही उन्होंने पदक जीता हो या नहीं। पदकों को अलग रखते हुए उन्होंने प्रत्येक एथलीट से मुलाकात की, जो बहुत ही सुखद अनुभव था।”

6. कैसे पीएम मोदी की प्रशंसा ने प्रेरित किया
बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने एक वीडियो में याद किया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निरंतर समर्थन और प्रशंसा ने उन्हें देश का नाम रोशन करने के लिए और अधिक मेहनत करने के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम किया। उन्होंने 2021 में टोक्यो ओलंपिक से पहले और बाद में और साथ ही पद्म भूषण प्राप्त करने के दौरान पीएम मोदी के साथ अपनी मुलाकात को याद किया और उन्हें ‘सबसे यादगार पल’ करार दिया।

सिंधु ने कहा कि जब पीएम मोदी ने उन्हें यह कहकर बधाई दी, “आपने देश के लिए वास्तव में अच्छा किया है” उनके लिए बहुत मायने रखता है। आगे उन्होंने कहा कि जब एथलीटों को पदक मिले, तो पीएम की प्रशंसा ने सभी को वास्तव में खुश कर दिया। उन्होंने याद किया कि कैसे पीएम मोदी ने सभी एथलीटों से युवाओं को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।

पीवी सिंधु ने कहा, “पीएम मोदी, सिर्फ एक नेता से कहीं ज्यादा हैं। खेल के प्रति उनका दृष्टिकोण अनुकरणीय है। वह जो कुछ भी कहते हैं और जिस तरह से कहते हैं कि….. हम करेंगे और हम कर सकते हैं… प्रोत्साहित करना और शिक्षित करना बहुत बड़ी बात है। ओलंपिक के लिए जाने से पहले उन्होंने सभी एथलीटों के साथ एक ऑनलाइन बातचीत की थी। उनके शब्दों ने हमें बहुत आत्मविश्वास और प्रोत्साहन दिया। जिस तरह से उन्होंने हमें प्रोत्साहित किया वह बहुत मायने रखता है क्योंकि किसी कार्यक्रम से पहले इस तरह के प्रेरक शब्द बहुत बड़ी बात है।”

7. अपने प्रति पीएम मोदी की चिंता दिल को छू गई
स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति भवन में दीपा मलिक सहित अन्य खिलाड़ी विशेष आमंत्रित थे। जब पीएम मोदी उनसे बातचीत करने आए तो एथलीट, उनका अभिवादन करने के लिए इतने उत्साहित थे कि वे व्हीलचेयर पर बैठी दीपा मलिक के ऊपर लगभग चढ़ गए। यह देखकर पीएम ने उनसे दीपा का ध्यान रखने का आग्रह किया क्योंकि उनकी रीढ़ की हड्डी की कई सर्जरी हुई थी।

इस प्रसंग का जिक्र करते हुए दीपा मलिक ने कहा कि उनके लिए पीएम मोदी की चिंता, उनके दिल को छू गई और उन्हें खुशी हुई। दीपा ने घटना को याद करते हुए कहा कि कैसे पीएम मोदी ने अन्य एथलीटों को उनपर गिरने से रोका और खुद उनके सिर के पीछे हाथ रखा था।

दीपा ने कहा, “लोगों ने मेरे ऊपर से उनके पास पहुंचने की कोशिश की। फिर जल्दी से मोदी जी ने मेरे सिर के पीछे हाथ रखा और मेरी रक्षा की। प्रधानमंत्री ने उन लोगों को बताया की मेरी पीठ की कई सर्जरी हुई हैं। उन्होंने एथलीटों से मुझे चोट न पहुंचाने का आग्रह किया। मुझे बहुत खुशी हुई कि प्रधानमंत्री ने मेरी रीढ़ की हड्डी की चोटों के बारे में चिंता और मेरी रक्षा की।

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