प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश को विकास के रास्ते पर तेजी से ले जा रही है। मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास के फॉर्मूले पर आगे बढ़ रही है। मोदी राज में पिछले सात साल के दौरान विकास के इतने काम हुए हैं जितने आजादी के बाद सत्तर साल में नहीं हुए। विकास की इसी रफ्तार को और गति देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्रीय कैबिनेट के बुधवार को छह अहम फैसले लिए। आइए जानते हैं इन अहम फैसलों के बारे में…
1. ‘मिड डे मील’ की जगह अब ‘पीएम पोषण’
कैबिनेट की बैठक में स्कूलों में दिए जाने वाले मिड डे मील के नए स्वरूप को मंजूरी दी गई। इसे अब ‘पीएम पोषण’ योजना कर दिया गया है। इस योजना में देश भर के 11.20 लाख स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 11.80 करोड़ बच्चों को दिन में मुफ्त भोजन मिलेगा। बैठक में 54,061.73 करोड़ रुपये और राज्य सरकारों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से 31,733.17 करोड़ रुपये पांच साल की अवधि के लिए ‘स्कूलों में राष्ट्रीय पीएम पोषण योजना’ को जारी रखने की मंजूरी दी गई। इसमें केन्द्र सरकार खाद्यान्न पर करीब 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत भी वहन करेगी। इस प्रकार योजना पर कुल खर्च 1,30,794.90 करोड़ रुपये आएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुपोषण के खतरे से निपटने के लिए हम हरसंभव काम करने को प्रतिबद्ध हैं। पीएम-पोषण को लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल का निर्णय बहुत अहम है और इससे भारत के युवाओं का फायदा होगा।
2. नीमच-रतलाम रेल लाइन का दोहरीकरण
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने नीमच-रतलाम रेल लाइन के दोहरीकरण की मंजूरी दी। इस लाइन के दोहरीकरण की कुल लंबाई 132.92 किमी है। यह परियोजना चार साल में पूरी होगी। नीमच-रतलाम खंड के दोहरीकरण से इस खंड की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इससे आसान कनेक्टिवटी उपलब्ध होने के साथ-साथ इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
3. राजकोट-कनालूस रेल लाइन का दोहरीकरण
बैठक में राजकोट-कनालूस रेल लाइन के दोहरीकरण को भी मंजूरी दी गई। इस लाइन के दोहरीकरण की कुल लंबाई 111.20 किलोमीटर है। यह परियोजना चार साल में पूरी होगी। राजकोट-कनालूस के बीच एकल बड़ी लाइन पर बहुत भीड़-भाड़ हो गई है और परिचालन कार्य को सरल बनाने के लिए एक अतिरिक्त समानांतर बड़ी लाइन बिछाने की जरूरत है। दोहरीकरण के बाद मालगाड़ी और यात्री गाड़ी यातायात की रुकावट में काफी कमी आएगी। राजकोट से कनालूस तक इस दोहरीकरण से सौराष्ट्र क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हो सकेगा।
4. ECGC को 5 साल में मिलेंगे 4400 करोड़ रुपए
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं। कैबिनेट बैठक में देश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (ECGC) को अगले पांच साल में 4400 करोड़ रुपए की पूंजी मुहैया कराने का फैसला किया गया। इससे 5 साल में 5.28 लाख करोड़ रुपए के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और 59 लाख नए रोजगार पैदा होंगे।
5. राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (एनईआईए) योजना अनुदान को मंजूरी
इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता योजना को जारी रखने की मंजूरी दी गई। मोदी सरकार ने पांच वर्षों की अवधि के लिए एनईआईए में 1,650 करोड़ रुपये के सहायता अनुदान राशि के योगदान को मंजूरी दी। देश से निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए 2006 में एनईआईए ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। 1,650 करोड़ रुपये से ट्रस्ट की जोखिम क्षमता बढ़ेगी और यह एनईआईए को पूरी क्षमता के उपयोग के साथ 33,000 करोड़ रुपये के परियोजना निर्यात का समर्थन करने में सक्षम बनाएगा। इससे घरेलू स्तर पर निर्मित वस्तुओं के अनुमानित उत्पादन में लगभग 25,000 करोड़ रुपये अर्जित हो सकेंगे। इससे इस औपचारिक क्षेत्र में लगभग 12,000 श्रमिकों का रोजगार सृजन होगा और कुल श्रमिकों की संख्या में 2.6 लाख की वृद्धि होगी।
6. ईसीजीसी का आएगा आईपीओ
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने निर्यात ऋण गारंटी निगम लिमिटेड को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करने की मंजूरी दे दी। अगले साल इसे लिस्ट किया जाएगा। ईसीजीसी लिमिटेड के सूचीबद्ध होने से कंपनी के वास्तविक मूल्य का निर्धारण होगा। कंपनी की इक्विटी हिस्सेदारी में सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहन देने से ‘लोगों के स्वामित्व’ को बढ़ावा मिलेगा और अधिक जवाबदेही के साथ कॉर्पोरेट शासन को भी बढ़ावा मिलेगा। आईपीओ के माध्यम से ईसीजीसी नई पूंजी जुटाने में सक्षम हो सकती है। इस विनिवेश से मिले धन का उपयोग सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए किया जाएगा।