पूरा विश्व कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है। इस बीमारी से अब तक दुनियाभर में 24 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि एक लाख 70 हजार के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि 135 करोड़ की आबादी वाले भारत में इसका प्रभाव कम है। भारत में अब तक कोरोना वायरस से 18 हजार संक्रिमत हो चुके हैं, जबकि 590 लोगों की जान जा चुकी है।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मोदी सरकार दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा सफल होती दिख रही है। एक आंकड़े के मुताबिक भारत में कोरोना का पहला केस सामने आने के बाद 80 दिनों में इस बीमारी से संक्रमित होने वालों की संख्या 18,000 है, जबकि अमेरिका और अन्य देशों में यह आंकड़ा कई गुणा ज्यादा है। भारत के केरल में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था। कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद 80 दिनों में विश्व के देशों की स्थिति क्या रही? (सोर्स- इंडिया टुडे)
80 दिनों में विश्व के देशों की स्थिति
देश- संक्रमित लोगों की संख्या
अमेरिका- 4,95,535
स्पेन- 1,98,674
इटली- 1,78,972
जर्मनी- 1,41,397
फ्रांस- 1,21,173
इरान- 82,211
चीन- 27, 409
इंडिया- 16,116
भारत में कोरोना का पहला केस 80 दिन पहले मिला था. 80 दिन में अमेरिका में मरीज़ों की तादाद लगभग पाँच लाख छू रही है. भारत में अब तक जितनी टेस्टिंग हुई है, उसके मुताबिक़ अपने यहाँ ये आँकड़ा अभी बीस हज़ार से कम है. pic.twitter.com/BjuZ9QGUoq
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) April 21, 2020
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कोरोना के पहला मामला सामने आने के बाद 12वें सप्ताह में भारत की तुलना में अमेरिका में 39 गुणा, फ्रांस में 7 गुणा, जर्मनी में 11 गुणा लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं।
Well done India! In the 12th week since the reporting of the first case in each country, cases in USA were 39 times higher than India, France cases were 7 times higher than India, Germany 9 times higher and Italy 11 times. India has consistently been an outlier! ??@PMOIndia pic.twitter.com/WoVi3zc9fZ
— Amitabh Kant (@amitabhk87) April 20, 2020
इसी तरह कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद मौतों की संख्या में भारत की स्थिति विश्व के अन्य देशों के मुकाबले बेहतर कही जा सकती है। आइए जानते हैं कि कोरोना का पहला केस मिलने के बाद 80 दिनों के दौरान किस देश में कितने लोगों की मौत हुई। (सोर्स- इंडिया टुडे)
इटली- 23,660
स्पेन- 23, 453
अमेरिका- 18, 586
फ्रांस- 17,188
ग्रेट ब्रिटेन- 16,060
ईरान- 5,118
जर्मनी- 4352
चीन- 562
भारत- 219
दक्षिण कोरिया- 208
मलेशिया- 82
जापान- 77
ऑस्ट्रेलिया-62
कोरोना टेस्टिंग में भी भारत दुनिया के देशों से आगे
ICMR के डॉक्टर रमन गंगाखेड़कर के अनुसार दुनिया में सबसे बेहतर टेस्टिंग करने वाले देशों से भी भारत कहीं आगे हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि टेस्टिंग के मामले में जापान का सबसे अधिक उदाहरण दिया जा रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि जापान एक मरीज को ढूंढने के लिए 11.7 टेस्ट करता है। इसी तरह एक मरीज के लिए इटली औसतन 6.7 टेस्ट, अमेरिका 5.3 टेस्ट और ब्रिटेन 3.4 टेस्ट कर रहा है। वहीं भारत को एक मरीज ढूंढने के लिए औसतन 24 टेस्ट करने पड़ रहे हैं। इस तरह प्रति मरीजों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में कई गुना अधिक टेस्ट कर रहा है। गंगाखेड़कर ने कहा कि इसके अलावा हम कोरोना से अछूते इलाको में भी सर्दी-खांसी-जुकाम और सांस से संबंधित बीमारियों से ग्रसित लोगों का कोरोना टेस्ट कर रहे हैं।
भारत कोरोना के मामलों में सबसे सुरक्षित
विश्व के शक्तिशाली देश कोरोना वायरस के सामने घुटने टेक चुके हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार कोरोना से जंग लड़ रहा है। कोरोना से भारत सुरक्षित है और कम्युनिटी संक्रमण के खतरे से फिलहाल बाहर है। एक नजर डालते हैं कि कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद किस देश ने कब इमरजेंसी की घोषणा की।
जानकारी के मुताबिक अमेरिका में कोरोना का पहला मरीज 20 जनवरी को मिला था जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल इमरजेंसी की घोषणा 13 मार्च को की थी। इन 54 दिनों के अंदर अमेरिका में 1264 मरीज मिले थे और 36 लोगों की मौत हुई थी, जबकि भारत की बात करें तो यहां पर 30 जनवरी को पहला कोरोना मरीज केरल में मिला था, जबकि 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इन 55 दिनों में भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संखया 434 थी जबकि 9 लोगों की मौत हुई थी।
फ्रांस में 51 दिन में 36 हजार मरीज
फ्रांस में कोरोना का पहला मामला 24 जनवरी को मिला था। राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने देश में 14 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इन 51 दिनों में फ्रांस को बड़ा नुकसान हुआ और यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 36 हजार के आंकड़े को पार कर गई और इस दौरान 79 लोगों की मौत हुई।
जर्मनी में 56 दिन में 21 हजार मरीज
जर्मनी में कोरोना वायरस का पहला मामला 27 जनवरी को आया था। यहां पर सरकार ने 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी। देश में पहला मामला आने और लॉकडाउन के बीच 56 दिन बीत गए थे। इस दौरान यहां पर 21,463 लोग संक्रमित हो चुके थे और 67 लोगों की मौत हो चुकी थी।
57 दिनों में इटली में 4032 लोगों की मौत
इटली में पहला केस 31 जनवरी को मिला था, जबकि इटली ने अपने देश में 21 मार्च को ही लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। पहला केस मिलने और लॉकडाउन की घोषणा के बीच 57 दिन गुजर गए थे जबकि यहां पर उस समय तक ही 47,021 कोरोना मरीजों का पता लगाया जा चुका था, जबकि 4032 लोगों की मौत हो चुकी थी।
ब्रिटेन में 53 दिन में 281 की मौत
भारत में पहला मामला सामने आने के दूसरे दिन यानि 31 जनवरी को ब्रिटेन में पहला मामला सामने आया था। कोरोना का मामला बढ़ता देख प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 23 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इन 53 दिनों में ही ब्रिटेन की हालत बिगड़ गई और कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 5,687 हो गया। इस दौरान ब्रिटेन में 281 लोगों की मौत हुई।
चीन में 27 दिन में 2400 लोगों की मौत
चीन के वुहान में कोरोना वायरस का पहला मामला 28 दिसंबर को आया था। पहला केस मिलने के बाद 23 जनवरी को यहां पर लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी। हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी और 77 हजार लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके थे। इस दौरान यहां पर 2400 लोगों की मौत हुई।