प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश एक साथ कई मोर्चों पर कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है। पीए मोदी ने कोरोना से लड़ाई में टेक्नोलॉजी का बेहतरीन इस्तेमाल किया है। कोरना संकट शुरू होती है मोदी सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप लॉन्च किया था। आरोग्य सेतु ऐप आज जहां एक तरफ देशवासियों को कोरोना से जुड़ी पल-पल की जानकारी उपलब्ध करा रहा है, वहीं दूसरी तरफ हजारों भारतीयों की जान बचाने वाली भी साबित हुआ है।
आरोग्य सेतु ऐप से पता चले 697 संभावित कोरोना हॉटस्पॉट
अब जब देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 70 हजार के पार हो गया है, ऐसे में आरोग्य सेतु ऐप की उपयोगिता काफी बढ़ गई है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक आरोग्य सेतु की वजह से देशभर में 697 संभावित कोरोना हॉटस्पॉट के बारे में जानकारी मिली है। इससे सरकार और स्थानीय प्रशासन उन जगहों पर कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठा पाया है।
करीब डेढ़ लाख यूजर्स को ऐप के जरिए अलर्ट किया गया
आपको बता दें कि अब तक 9.8 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड किया है। इस ऐप के ब्लूटूथ कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के जरिए 1.4 लाख यूजर्स को संक्रमण के खतरे को लेकर अलर्ट किया गया। इन यूजर्स के संक्रमित लोगों के संपर्क में आने की आशंका है। इतने सब फीचर्स को देखते हुए सरकार इस ऐप को लॉकडाउन के बाद भी हवाई यात्रियों, रेल यात्रियों के लिए अनिवार्य करने पर विचार कर रही है।
आरोग्य सेतु ऐप इतनी खूबियों से लैस है कि देश ही नहीं पूरी दुनिया में मोदी सरकार के इस ऐप की तारीफ हो रही है। डालते हैं एक नजर-
कोरोना संकट: आरोग्य सेतु ऐप बना महत्वपूर्ण हथियार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और जल्द निर्णय लेने के फैसले से भारत आज कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे है। अमेरिका, स्पेन, फ्रांस, इटली और जर्मनी जैसे विकसित देश,जहां इस बीमारी से पस्त दिख रहे हैं, वहीं भारत इसे परास्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कोरोना को परास्त की दिशा में मोदी सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए, उनमें आरोग्य सेतु ऐप काफी महत्वपूर्ण है। आरोग्य सेतु ऐप 2 अप्रैल को लांच किया गया था। एक महीने से कुछ अधिक समय में 9.8 करोड़ लोग इस ऐप को डाउनलोड कर चुके हैं और इसे एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस ऐप को सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 1.25 करोड़, महाराष्ट्र में 95 लाख और गुजरात में 52.44 लाख लोगों ने डाउनलोड किया है। मोदी सरकार की कोशिश है कि इस ऐप को ज्यादा से ज्यादा लोग डाउनलोड करें, क्योंकि इस ऐप का फायदा तभी है जब इसे अधिक से अधिक लोग लोड करें जिससे सरकार आसानी से संक्रमितों को ट्रेस कर सके।
आरोग्य सेतु ऐप क्या है?
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आरोग्य सेतु ऐप काफी कारगार है। आरोग्य सेतु यूजर को तब अलर्ट करता है जबकि वह कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आता है। आरोग्य सेतु ऐप ऐंड्रॉयड और आईफोन के लिए उपलब्ध है। ऐप यूजर के फोन का ब्लूटूथ, लोकेशन और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर यह ट्रैक करता है कि वह किसी कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आया है। इस ऐप में कोरोना के हेल्प सेंटर और सेल्फ असेसमेंट टेस्ट जैसे ऑप्शन मौजूद हैं जिनसे आप यह जांच सकते हैं कि कहीं आपको भी जाने-अनजाने कोविड-19 के संपर्क में तो नहीं है।
आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने का आदेश
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के निर्देश दिए हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, सरकार ने यह निर्देश सभी अधिकारियों, कर्मियों और आउटसोर्स स्टॉफ दिया है। कर्मचारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि घर से दफ्तर आने से पहले वह आरोग्य सेतु ऐप पर स्टेटस जरूर चेक कर लें और तभी दफ्तर आएं जब ऐप पर ‘सेफ’ और ‘लो रिस्क’ का स्टेटस दिखे। अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा गया है कि यदि उन्हें ऐप पर ‘हाई रिस्क’ या फिर ‘मॉडरेट’ दिखाई देता है, तब वह दफ्तर नहीं आएं और खुद को तब तक के लिए आइसोलेट कर लें जब तक ऐप पर उन्हें ‘सेफ’ या फिर ‘लो रिस्क’ नहीं दिखने लगे।
गूगल प्ले स्टोर पर बना नंबर वन एप
आरोग्य सेतु एप लांच होने के साथ ही गूगल प्ले स्टोर पर नंबर वन ट्रेंड करने लगा था। इसके कारण टिकटॉक, जूम के अलावा फेसबुक, व्हाट्सऐप और इंस्टग्राम जैसे सभी एप बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। मोबाइल एप्स पर काम करने वाली संस्था App Annie के एक अधिकारी ने जानकारी दी थी 15 दिनों के भीतर आरोग्य सेतु का नंबर वन बन जाना इंटरनेट के इतिहास में एक रिकॉर्ड है।
वर्ल्ड बैंक ने की आरोग्य सेतु ऐप की तारीफ
आरोग्य सेतु एप का उदाहण देते हुए विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि बड़े पैमाने पर आबादी को शिक्षित करने और कोरोना संक्रमण को ट्रैक करने में ये एप बहुत मदद दे सकता है। विश्व बैंक की दक्षिण आर्थिक केंद्रीत रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के प्रसार की निगरानी के लिए डिजिटल तकनीकों का भी उपयोग किया जा सकता है। इस तरह की पहल, मोटे तौर पर स्वैच्छिक, पूर्वी एशिया में महामारी से निपटने में मदद करने में सफल रही है।’ रिपोर्ट में आगे लिखा है, ‘कोरोना लक्षणों की रिपोर्ट करने वालों को प्रोत्साहन प्रदान किया जा सकता है। भारत ने हाल ही में आरोग्य सेतु एप लॉन्च किया है, जो उपयोगकर्ताओं के स्मार्टफोन की लोकेशन का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं को यह बताता है कि क्या वे किसी ऐसे व्यक्ति के पास हैं, जिसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।’
गूगल और एप्पल भी इस कॉन्सेप्ट से प्रभावित
आपको बता दें कि आरोग्य सेतु एप की लॉन्चिंग के कुछ दिनों बाद दुनिया की शीर्ष टेक्नोलॉजी कंपनियों एप्पल और गूगल ने कहा था कि वे स्मार्टफोन में एक ऐसे सॉफ्टवेयर का निर्माण कर रहे हैं जो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में मदद करेगा और उपयोगकर्ताओं को सूचित करेगा कि वे कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए हैं या नहीं।
India leads the way in contact tracing for COVID-19: privacy-first by design, secure, robust and scalable to billion users. Glad to see Apple and Google joining hands to develop contact tracing on the lines of #AarogyaSetu @tim_cook @sundarpichai pic.twitter.com/JDoSl0A5Qa
— Amitabh Kant (@amitabhk87) April 11, 2020
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने ट्विटर पर एप्पल के सीईओ टिम कुक और गूगल के सीईओ सुंदर पिचई को टैग करते हुए लिखा, ‘भारत कोविड-19 के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। जिसे उपयोगकर्ता की जानकारी गोपनीय रखे जाने के लिहाज से डिजायन किया गया है। हमें खुशी है कि आरोग्य सेतु की तर्ज पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए एप्पल और गूगल मिलकर इस तरह की एप विकसित कर रहे हैं।’
आरोग्य सेतु ऐप ऐसे इस्तेमाल करें
-आरोग्य सेतु ऐप को इस्तेमाल करने के लिए फोन नंबर रजिस्टर करना होता है। फिर फोन नंबर डालने पर एक ओटीपी आता है, जिसे एंटर करने पर ऐप में रजिस्ट्रेशन हो जाता है।
– इसके बाद ऐप आपसे ब्लूटूथ और जीपीएस का ऐक्सिस मांगता है- ऐप खोलने पर पर्सनल डीटेल्स पूछी जाती हैं, जिनमें जेंडर, नाम, उम्र, पेशा और पिछले 30 दिनों की ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में पूछा जाता है।
-अगर आप चाहें तो जरूरत और संकट के इस वक्त में खुद को वॉलिंटियर के तौर पर रजिस्टर कर सकते हैं।
-जब भी आप लो या हाई-रिस्क कैटिगरी में आएंगे तो आप आपक अलर्ट करता है।