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पीएम मोदी का विपक्ष को जवाब, महाराष्ट्र के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की कुल 225 परियोजनाओं को दी मंजूरी

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महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद विकास को रफ्तार मिली है। मोदी सरकार ने राज्य के विकास और युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए बड़ी पहल की है। गुरुवार (03 नवंबर, 2022) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र में आयोजित रोजगार मेले को संबोधित करते हुए बताया कि महाराष्ट्र के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की कुल 225 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसके जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने विकास परियोजनाओं को लेकर लोगों को गुमराह कर रहे विपक्ष को करारा जवाब दिया।

यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में आयोजित राज्यस्तरीय रोजगार मेला में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश भर में इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं, इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी और अन्य क्षेत्रों में सरकार बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। महाराष्ट्र में 2 लाख करोड़ से भी अधिक के 225 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल गई हैं। महाराष्ट्र में रेलवे के लिए 75 हजार करोड़ और सड़क विकास के लिए 50 हजार करोड़ की मदद की गई है।

इसी अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने यह भरोसा व्यक्त किया कि भविष्य में महाराष्ट्र के युवाओं के लिए रोजगार के और अधिक अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत खर्च कर रही है। इससे युवाओं के लिए रोजगार के लाखों अवसर पैदा होने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्टार्टअप, लघु उद्योगों को केंद्र सरकार हर संभव मदद कर रही है। इससे बड़ी तादाद में युवाओं को अपना हुनर दिखाने का अवसर प्राप्त होगा। केंद्र सरकार के प्रयासों के तहत रोजगार के ये अवसर दलित, आदिवासी और महिलाओं को समान रूप से उपलब्ध होंगे।

गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ शिंदे सरकार पर राज्य में वेदांत-फाक्सकान और टाटा-एयरबस परियोजनाओं को बनाए रखने में विफलता और मोदी सरकार पर इन्हें गुजरात ले जाने का आरोप लगाया था। प्रधानमंत्री मोदी ने 225 परियोजनाओं का जिक्र कर विपक्ष को जवाब दिया है, वहीं एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने आरोप लगाया था कि ये परियोजनाएं पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के कारण महाराष्ट्र से बाहर चली गईं।

महाराष्ट्र सरकार के उद्योग मंत्री सामंत ने कहा था, ‘महाराष्ट्र उद्योग विभाग अगले 30 दिनों में एक श्वेत पत्र जारी करेगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि वेदांत-फाक्सकान और टाटा-एयरबस ने दूसरे राज्यों को क्यों चुना है। श्वेत पत्र में इस बात का जिक्र होगा कि उन परियोजनाओं को महाराष्ट्र में बनाए रखने के लिए पिछली सरकार ने क्या कदम उठाया था।’

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