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मोदी सरकार ने किसान-अल्पसंख्यक कल्याण और स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए उठाए कई कदम

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश को प्रगति के पथ पर ले जाने और देशवासियों के कल्याण के कार्य में लगी है। बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई जनहितकारी फैसले लिए गए हैं। केंद्र सरकार ने जहां नए एम्स का ऐलान किया है, वहीं तीन शहरों में एयरपोर्ट को अपग्रेड करने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए योजनाओं को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। एक नजर डालते हैं मोदी कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसलों पर।

‘हरित क्रांति-कृषोन्‍नति योजना’ जारी रखने की स्‍वीकृति
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि क्षेत्र में छतरी योजना ‘हरित क्रांति-कृषोन्‍नति योजना’ को 12वीं पंचवर्षीय योजना से आगे यानी 2017-18 से 2019-20 तक जारी रखने को मंजूरी दी है। इसमें कुल केंद्रीय हिस्‍सा 33,269.976 करोड़ रुपये का है। छतरी योजना में 11 योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं का उद्देश्‍य समग्र और वैज्ञानिक तरीके से उत्‍पादन और उत्‍पादकता बढ़ाकर तथा उत्‍पाद पर बेहतर लाभ सुनिश्‍चत करके किसानों की आय बढ़ाना है। ये योजनाएं 33,269.976 करोड़ रूपये के व्‍यय के साथ तीन वित्‍तीय वर्षों यानी 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए जारी रहेंगी। इन 11 योजनाओं का फोकस उत्‍पादन संरचना सृजन, उत्‍पादन लागत में कमी और कृषि तथा संबंद्ध उत्‍पाद के विपणन पर है। ये योजनाएं अलग-अलग अवधि के लिए पिछले कुछ वर्षों से क्रियान्वित की जा रही हैं।

गन्ना किसानों का बकाया निपटाने के लिए चीनी मिलों को वित्तीय सहायता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में चीनी सीजन 2017-18 में पेराई किये गये प्रति क्विटंल गन्ने पर 5.50 रुपये की वित्तीय सहायता चीनी मिलों को देने की मंजूरी दी गई है। इससे गन्ने की लागत की भरपाई हो सकेगी और चीनी मिलों को किसानों की बकाया गन्ना रकम निपटाने में मदद मिलेगी। यह सहायता चीनी मिलों की ओर से सीधे किसानों को दी जाएगी। यह सहायता उन चीनी मिलों को दी जाएगी जो सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता शर्तों को पूरा करेंगी।

वरिष्ठ नागरिकों को 10,000 रुपये पेंशन का रास्ता साफ
मोदी सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री वय वंदन योजना (पीएमवीवीवाई) में महत्वपूर्ण बदलाव कर निवेश की सीमा बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने का फैसला किया है। केंद्र के इस कदम से वरिष्ठ नागरिकों को हर माह 10,000 रुपये पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। साथ ही वरिष्ठ नागरिक अब 31 मार्च 2020 तक इस योजना के सदस्य बन सकेंगे।
केंद्र सरकार ने यह कदम वित्तीय समावेशन और सामाजिक सुरक्षा के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता के तहत उठाया है। प्रधानमंत्री वय वंदन योजना का क्रियान्वयन भारतीय जीवन बीमा निगम के माध्यम से किया जा रहा है। इसका मकसद 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना को लेने वाले सदस्यों को दस साल तक 8 प्रतिशत सुनिश्चित रिटर्न के रूप में वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन मिलती है। वरिष्ठ नागरिक मासिक, तिमाही, छमाही या वार्षिक आधार पर पेंशन ले सकते हैं। अगर एलआइसी इस योजना के फंड पर आठ प्रतिशत रिटर्न जेनरेट नहीं कर पाती है तो सरकार उसकी भरपाई करने के लिए सब्सिडी देती है।

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना 2019-20 तक जारी रखने की स्वीकृति
देश में स्वास्थ्य सेवा संरचना के विस्तार को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) को12वीं पंचवर्षीय योजना से आगे 2019-20 तक जारी रखने की स्वीकृति दी है। इसके लिए 14,832 करोड़ रुपये का वित्तीय आवंटन है। इस योजना के अंतर्गत 20 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित किए जा रहे हैं और सरकारी मेडिकल कॉलेजों को उन्नत बनाया जा रहा है। पीएमएसएसवाई का उद्देश्य देश के विभिन्न भागों में स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं की उपलब्धता में असंतुलन को ठीक करना और विशेष रूप से अपर्याप्त सेवा सुविधा वाले राज्यों में गुणवत्ता संपन्न चिकित्सा शिक्षा के लिए सुविधाओं को मजबूत बनाना है। नए एम्स की स्थापना से न केवल स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशिक्षण में बदलाव आएगा बल्कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के पेशवर लोगों की कमी दूर होगी। नए एम्स का निर्माण पूरी तरह केन्द्र सरकार के धन से किया जाएगा। नए एम्स का संचालन और रख-रखाव भी पूरी तरह केन्द्र सरकार द्वार वहन किया जाएगा। विभिन्न राज्यों में नए एम्स की स्थापना से विभिन्न एम्स की फैकल्टी और गैर-फैकल्टी पदों के लिए लगभग 3,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

नई दिल्‍ली के नजफगढ़ में 100 बेड का अस्‍पताल मंजूर
मोदी सरकार ने नई दिल्‍ली के नजफगढ़ में करीब 95 करोड़ रुपये की लागत से 100 बिस्‍तरों के अस्‍पताल निर्माण को मंजूरी दी है। इस अस्‍पताल में ब्‍लड बैंक, नैदानिक सेवाएं, एवं अलग से ओपीडी सहित मेडिसन, ऑब्‍सटेट्रिक्‍स एंड गायनेकोलॉजी, पेडियाट्रिक्‍स एंड सर्जरी में चार प्रमुख क्‍लीनिकल सेवाएं उपलब्‍ध होंगी। इसमें जनरल मेडिसन, सर्जरी, डेंटल, ईएनटी, ऑप्‍थेलमोलॉजी, ऑडियोमेट्री एवं पेडियाट्रिक केयर ओपीडी के संचालन के लिए 30 डॉक्‍टर, 40 नर्स एवं 50 से अधिक सहायक स्‍वास्‍थ्‍य सेवा कर्मचारी होंगे। इस अस्‍पताल से स्‍थानीय आबादी खासकर महिलाओं और बच्‍चों जैसे वंचित तबकों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित होगी। इस अस्‍पताल के मई 2020 तक शुरू होने की उम्मीद है।

लखनऊ,चेन्नई,गुवाहाटी के हवाई अड्डे होंगे उन्नत, नए टर्मिनल बनेंगे
केंद्रीय कैबिनेट ने 5,000 करोड़ रुपये की लागत से लखनऊ, चेन्नई और गुवाहाटी हवाई अड्डों को उन्नत कर उनके विस्तार के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने देश के विभिन्न हवाई अड्डों के लिए आवंटित 21,000 करोड़ रुपये की निधि से इन हवाई अड्डों को उन्नत करने को मंजूरी दे दी है। जीआरआईएचए-4 स्टार की रेटिंग हासिल करने के उद्देश्य से चेन्नई हवाई अड्डे पर एक नया टर्मिनल बनाने के साथ-साथ हवाई अड्डे को उन्नत करने पर 2,467 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही गुवाहाटी और लखनऊ हवाई अड्डों पर नए टर्मिनल भवन बनाने के लिए 1,383 करोड़ रुपये और 1,232 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।

अब 196 जिलों की जगह 308 जिलों में लागू होगी PMJVK योजना
केंद्रीय कैबिनेट ने बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) को प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के रूप में नामकरण करने और पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने इसे 14वें वित्‍त आयोग की शेष अवधि के दौरान जारी रखने को भी मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों के कल्याण की इस योजना का दायरा 196 जिलों से बढ़ाकर 308 जिलों में करने को स्वीकृति दी है। इसके लिए पिछले साल बजट में 3,972 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। अभी यह प्रोग्राम 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू है जिसका विस्तार अब 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया जाएगा। जिन राज्यों के ज्यादा से ज्यादा जिलों को इस प्रोग्राम के तहत लाभ मिलेगा उनमें उत्तर प्रदेश (43), महाराष्ट्र (27), कर्नाटक, बंगाल और राजस्थान (16-16), गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, केरल (13-13), तमिलनाडु (12), मध्य प्रदेश (8), हरियाणा और मणिपुर (7-7) और पंजाब (2) शामिल हैं। इस कार्यक्रम के तहत अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में स्कूल, छात्रावास आदि का निर्माण तथा अन्य विकास योजनाओं को चलाया जाएगा। इसके तहत 33 फीसदी से 40 फीसदी संसाधन खासतौर पर महिला केंद्रित परियोजनाओं के लिए आवंटित किया जाएगा।

चार्टर्ड एकाउंटेंट को द. अफ्रीका में रोजगार पाना होगा आसान
भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंटों को दक्षिण अफ्रीका में रोजगार के अवसर हासिल करना आसान होगा। केंद्रीय कैबिनेट ने इसके संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) और साउथ अफ्रीकन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (एसएआइसीए) के बीच पारस्परिक मान्यता के समझौते को मंजूरी मिल गई। इससे भारतीय एकाउंटिंग प्रोफेशनल्स को वहां रोजगार हासिल करना आसान होगा।

खत्म होगा तम्बाकू उत्पादों में अवैध व्यापार 
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने तम्बाकू उत्पादों में अवैध व्यापार को समाप्त करने के लिए तम्बाकू नियंत्रण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के समझौते के अंतर्गत प्रोटोकॉल को स्वीकार करने की मंजूरी दी है। प्रोटोकॉल में विभिन्न पक्षों के दायित्व निर्धारित किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि सप्लाई चेन नियंत्रण उपाय सभी पक्षों द्वारा अपनाए जाने चाहिए। इन उपायों में तम्बाकू उत्पाद बनाने के लिए लाइसेंस, तम्बाकू बनाने के लिए मशीनीरी, उत्पादन में शामिल पक्षों के लिए उचित उद्यम, ट्रैकिंग और ट्रैसिंग व्यवस्था, रिकॉर्ड कीपिंग और सुरक्षा शामिल हैं। नियमों को मजबूत बनाकर तम्बाकू उत्पाद में अवैध व्यापार की समाप्ति से व्यापक तम्बाकू नियंत्रण को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी और इससे तम्बाकू उत्पादों का इस्तेमाल कम होगा और परिणामस्वरूप बीमारी बोझ में कमी आएगी और तम्बाकू के इस्तेमाल के कारण होने वाली मृत्यु में भी कमी होगी।

भारतीय खान ब्‍यूरो के पुर्नगठन को मंजूरी
बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में संयुक्‍त सचिव स्‍तर तथा इससे ऊपर के पदों के निर्माण, उन्‍मूलन तथा उन्‍नयन के साथ भारतीय खान ब्‍यूरो (आईबीएम) के पुर्नगठन को मंजूरी दी है। भारतीय खान ब्‍यूरो के वर्तमान 1477 पदों को बनाये रखा गया है। पुनर्गठन से आईबीएम को खान क्षेत्र में नियमों को बदलने तथा सुधार करने में सहायता मिलेगी। इससे आईबीएम, खनिज नियमन तथा विकास में सुधार के लिए आईटी तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की सेवाएं अपनाने में सक्षम होगा। इसके अलावा संगठन के कार्य संचालन में इन पदों से निर्णय प्रक्रिया में तेजी आयेगी तथा उत्‍तरदायित्‍व में वृद्धि होगी। इस फैसले से खनिज क्षेत्र के तेजी से विकास में योगदान के लिए गंभीर उत्‍तरदायित्‍व वाले तकनीकी कर्मियों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। इस प्रकार पूरे क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में उल्‍लेखनीय वृद्धि होगी। आईबीएम के बेहतर प्रदर्शन से खनन क्षेत्र को लाभ मिलेगा।

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