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पंजाब-गोवा के बाद उत्तराखंड में भी महिलाओं को 1,000 रुपए प्रति माह देने का ‘आप’ का वादा, केजरीवाल दिल्ली की महिलाओं को दिखा रहे अंगूठा

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खोखली घोषणाएं और हवाबाजी करने में माहिर गोवा आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब और गोवा के बाद उत्तराखंड में भी महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए वही पासा फेंका है। यह अलग बात है कि जो दिवास्वप्न केजरीवाल पंजाब, गोवा, उत्तराखंड में दिखा रहे हैं, वे उनको दिल्ली में ही लागू नहीं कर पाए हैं। केजरीवाल ने कहा कि गोवा में उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर ‘गृह आधार योजना’ में दी जाने वाली राशि को 1500 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा जो महिलाएं 18 वर्ष से अधिक उम्र की हैं और ‘गृह आधार योजना’ के तहत कवर नहीं हैं, उन्हें प्रति माह एक हजार रुपये दिए जाएंगे।

चुनावी राज्यों में आप का महिला सशक्तिकरण, दिल्ली में क्यों नहीं
दिल्ली के मुख्यमंत्री की लंबी फेंकने की परिपाटी गोवा में भी जारी रही। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच केजरीवाल ने दावा किया कि हर महीने एक हजार रुपये की योजना महिला सशक्तिकरण का दुनिया में सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी हकीकत में महिला सशक्तिकरण करती है, जबकि अन्य दल सिर्फ इसके लिए घोषणाएं करते हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी गोवा के सर्वांगीण विकास की योजना बना रही है।गोवा में आप के साथ तृणमूल कांग्रेस भी दिखा रही दिवास्वप्न

बड़ा सवाल यही है कि महिला सशक्तिकरण की जिस घोषणा को वे गोवा और पंजाब में लागू करने का वादा कर रहे हैं, उसके लिए दिल्ली की लाखों महिलाओं को अंगूठा दिखा रहे हैं। ‘आप’ ने भाजपा शासित गोवा की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जहां अगले साल चुनाव होने हैं। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के अलावा ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना और अन्य दल भी मैदान में होंगे। यहां ममता बनर्जी भी इसी तरह के खोखले वादे करने में लगी हैं।

केजरीवाल ने उत्तराखंड में युवाओं को दिया भत्ते का लालच
इधर उत्तराखंड में भी केजरीवाल ने युवाओं को नौकरी देने के अपने वादे को भी दोहराया और कहा कि उन्हें नौकरी मिलने तक प्रत्येक को 5000 रु प्रति माह बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। केजरीवाल ने सत्ता में आने के एक महीने के भीतर काशीपुर, रानीखेत, रुड़की, डीडीहाट, यमुनोत्री और कोटद्वार को जिले घोषित करने का भी वादा किया। वह उत्तराखंड में 18 साल से ऊपर की सभी महिलाओं को 1000 रुपये मासिक भत्ता देगी। उन्होंने कहा कि पैसे में बडी ताकत होती है, इसलिए आप के सत्ता में आने पर 18 साल से उपर की हर महिला के खाते में हजार—हजार रूपये डाले जाएंगे। उन्होंने कहा, जेब में अगर पैसा हो तो आजादी रहती है। बाहर जाओ तो गोलगप्पे खा लो, एक सूट खरीद लो।महिलाओं के लिए ही 12 हजार करोड़ से ज्यादा की आवश्यकता होगी
इससे पहले ‘आप’ ने पंजाब में भी 18 साल से अधिक उम्र की हर महिला को 1,000 रुपये प्रति माह नकद सहायता देने का वादा किया है। पंजाब विधानसभा चुनाव भी अगले साल की शुरुआत में होने हैं। केजरीवाल के वायदे पर अगर गौर किया जाए तो इसे लागू करना पत्थर के चने चबाने जैसा है। जनगणना के आधार पर आंकलन करें तो पंजाब में वर्तमान में 99.08 लाख युवतियां और महिलाएं 18 वर्ष से ऊपर की हैं। अभी फाइनल वोटर सूची चुनाव आयोग को जारी करनी है। अनुमान है कि फाइनल वोटर सूची जारी होने पर यह संख्या एक करोड़ से ऊपर चली जाएगी। अगर सभी महिलाओं को एक हजार रुपये दिए गए तो माह में 1000 करोड़ और वर्ष में 12,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।

पंजाब की आर्थिक सेहत इस बोझ को बर्दाश्त कर पाएगी ?
वर्तमान में पंजाब सरकार 20,315 करोड़ रुपये ब्याज कर की अदायगी कर रही है व इसके चुनावी वर्ष होने के कारण और भी बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में अगर केजरीवाल चुनाव जीत जाते हैं (जिसकी संभावना नगण्य है) तो वह अपने 300 यूनिट फ्री बिजली और 1000 रुपये महिलाओं को देने के वायदे को पूरा करेंगे तो उसमें ही प्रत्येक माह 11,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। पंजाब की वर्तमान आर्थिक सेहत इस बोझ को हरगिज बर्दाश्त नहीं कर पाएगी।

गोवा में मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर का सियासी जाप !

पश्चिम बंगाल चुनाव में दीदी ने हिंदू-मुसलमान के नाम पर वोट बटोरने की रणनीति से परहेज नहीं किया , लेकिन गोवा में TMC के नाम को लेकर भाईचारे की सीख देती नजर आ रही हैं। दीदी भले ही भूल जाएं लेकिन देश के लोग नहीं भूले हैं कि किस तरह बंगाल में वोटों के लिए उन्होंने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं पर प्रहार किया। पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को आज भी निशाना बनाया जा रहा है। दीदी पश्चिम बंगाल में तालिबानी राज पर चुप हैं, लेकिन गोवा में वोट की राजनीति के लिए टीएमसी ने एक बार फिर रंग बदला है। गोवा में दीदी मंदिर, मस्जिद और चर्च के नाम पर वोटों की सियासत में जुट गई हैं ।  

गोवा में नहीं चलेगा ‘दादी’ का दोहरा दांव !

गोवा में दीदी लोगों को टेंपल, मॉस्क (मस्जिद) और चर्च का पाठ पढ़ा रही हैं। कह रही हैं TMC का मतलब से T से टेंपल , M से मॉस्क (मस्जिद) और सी फॉर चर्च यानी गिरजाघर। लेकिन पश्चिम बंगाल में दीदी की मंदिरों के प्रति ये ममता कहां गायब हो जाती है, जहां मंदिरों पर खुलेआम हमले होते हैं। बेकसूर हिंदुओं को निशाना बनाया जाता है ।  

पश्चिम बंगाल में चुनावी सभा में दीदी ‘चंडी पाठ’ करती नजर आईं थीं। गोवा में भी दीदी वही दांव आजमाती दिख रही हैं । क्योंकि ममता बनर्जी को पता है कि अगर गोवा में खाता खोलना है तो हिंदू विरोधी छवी से किनारा करना ही होगा। यही वजह है कि दीदी गोवा में नया ‘धार्मिक फॉर्म्युला’ गढने की कोशिश में है । टीएमसी के मतलब की माला जपने के पीछे ममता बनर्जी की यही असली मंशा है।

गोवा के दंगल में ममता बनर्जी दावा कर रही हैं कि “उनकी पार्टी लोगों को धार्मिक आधार पर नहीं बांटती, भले ही वे हिंदू, मुस्लिम या ईसाई हों.” लेकिन गोवा के लोगो को ममता की ये बात रास नहीं आ रही है। उन्हें दीदी के दावों पर भरोसा नहीं है। 

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी हिंदुओं की आस्था पर लगातार हमले करती रही हैं। विधानसभा चुनावों में उनके बयानों की वजज से चुनाव आयोग ने उनपर बैन भी लगाया था। गोवा के वोटर दीदी के इस सियासी दांव को अच्छी तरह से समझ रही हैं , वजह है कि गोवा में ममता बनर्जी की दोहरी राजनीति का लगातार विरोध हो रहा है। 

पश्चिम बंगाल में ममता राज में तालिबानी शासन ! 

पश्चिम बंगाल की हिंदू विरोधी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदुओं की आस्था पर लगातार प्रहार करती रहती हैं। ममता राज में राज्य में पूरी तरह से तालिबानी शासन है।

पश्चिम बंगाल में हिंदू देवी-देवताओं का नाम लेना अपराध बन गया है। यहां हिन्दुओं को चुन चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। हद तो तब हो गई जब बंगाल में राम नाम मास्क बांटने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

 

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