Home समाचार केजरीवाल का पंजाब के लोगों से धोखा, पहले फ्री का चुनावी वादा...

केजरीवाल का पंजाब के लोगों से धोखा, पहले फ्री का चुनावी वादा कर वोट लिया,अब सीएम मान को कटोरा थमा दिया

SHARE

झूठे वादे को चुनावी सफलता का मूल मंत्र मान चुके आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब विधानसभा चुनाव में खूब वादे किए। राज्य की वित्तीय स्थिति खराब होने के बावजूद लोगों को खूब सपने दिखाएं। यहां तक कि वादे पूरे करने के लिए पैसा कहां से आएंगे उसका फॉर्मूला भी समझाया। लेकिन आम आदमी पार्टी की जीत और सरकार बनने के बाद केजरीवाल के सारे फॉर्मूले धरे के धरे रह गए हैं। सत्ता में आने के एक सप्ताह बाद ही उन्हें समझ में आ गया कि अपने बूते वादों को पूरा करना मुश्किल है। इसलिए केजरीवाल ने जनता को धोखा देने के लिए वादा तो कर दिया, लेकिन राज्य को कर्ज से उबारने और मदद मांगने के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी की शरण में न जा कर सीएम भगवंत मान को भेज दिया।

एक लाख करोड़ रुपये के पैकेज की मांग

संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान सीएम भगवंत मान ने राज्य की आर्थिक स्थिति से अवगत कराया और बताया कि उन पर 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। इसके अलावा, उन्होंने राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए पंजाब के लिए दो साल के लिए प्रति वर्ष 50000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की। उन्होंने कहा कि इन 2 वर्षों में पंजाब अपने खजाने और वित्तीय स्थिति को संभाल लेगा और पंजाब फिर से अपने पांव पर खड़ा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी वित्त मंत्री से बात कर पंजाब को दोबारा रंगला पंजाब बनाने में मदद करेंगे।

पंजाब की खराब हालत, विपक्ष पर निशाना

भगवंत मान ने पंजाब की खराब हालत के लिए पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी वजह से आज पंजाब की इतनी बुरी हालत हो गई है, जिसे कभी देश का नग माना जाता था। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें चुनाव जीतने और मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी और यह आश्वासन भी दिया कि मिल कर देश को आगे बढ़ाना है, पंजाब का विकास करना है। मान ने दावा किया कि पंजाब को दोबारा देश का नंबर वन राज्य बनाएंगे।

कैसे पूरे होंगे जनता से किए वादे ?

  • पंजाब में 18 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को 1000 रुपये देने का वादा किया था।
  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में सभी लोगों को चौबीसों घंटे 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया था।
  • लोगों के डोमेस्टिक बिजली के सारे पुराने बकाया बिलों और एरियर माफ करने का वादा किया था। 
  • राज्य के व्यापारियों से वादा किया कि अगले 5 साल पंजाब में कोई नया टैक्स नहीं लगाएंगे, कोई टैक्स नहीं बढ़ाएंगे।
  • दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज़ पर पंजाब में 16,000 ‘पिंड क्लीनिक’ खोले जाएंगे।
  • पंजाब में जितने टीचर्स ठेके पर काम कर रहे हैं। उन सब लोगों को पक्का किया जाएगा।
  • सरकारी अस्पताल के अंदर 10 लाख से लेकर 20 लाख रुपये तक के ऑपरेशन फ्री किए जाएंगे। 
  • पंजाब में किसी का भी रोड एक्सिडेंट होगा उसके इलाज का पूरा खर्चा सरकार देगी।
  • किसानों को 30 अप्रैल तक फसल की बर्बादी का पूरा मुआवजा देने का ऐलान किया।
  •  शपथ ग्रहण के तुरंत बाद भगवंत मान ने 25,000 सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी।

वादों की चक्की में पीसेंगी पंजाब की जनता 

पंजाब के पूरी तरह कर्ज में डूबने की हकीकत को जानते-बूझते हुए भी आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त वादों की झड़ी लगा दी। अब राज्य में सरकार बनने के बाद मुफ्त के वादों को पूरा करने में ‘आप’ की कोई रुचि नहीं दिख रही। सरकार बनने के एक हफ्ते बाद ही भगवंत मान ने खराब वित्तीय हालात को लेकर रोना शुरू कर दिया है। अगर केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला तो ऐसे में सवाल उठा रहा है कि ये वादे कैसे पूरे होंगे ? इसके लिए भगवंत मान की सरकार जनता का ही शोषण करेगी। एक हाथ से लेकर दूसरे हाथ से देने की कोशिश करेगी। आखिरकार केजरीवाल के वादों की चक्की में जनता को पीसना पड़ेगा। दिल्ली गवाह है कि केजरीवाल किस तरह वादे करके उनसे मुकर जाते हैं।

केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से खूब वादे किए। आइए देखते हैं कि केजरीवाल कौन-कौन से वादे पूरा करने में नाकाम रहे…

केजरीवाल ने दावा किया कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों को अपने तरीके से टीकाकरण की अनुमति दे, तो हम तीन महीने के अंदर पूरी दिल्ली को हम वैक्सीन लगा सकते हैं। जब केंद्र सरकार ने 19 अप्रैल, 2021 को राज्यों को सीधे कंपनियों से टीका खरीदने की छूट तो दी, तो केजरीवाल ने दवा कंपनियों फाइजर, मॉडर्ना पर ही वैक्सीन नहीं बेचने का आरोप लगाया। आखिरकार दिल्ली को 18+ आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान को रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा।

अक्टूबर 2019 में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की 540 किमी लंबी 9 सड़कों को रि-डिजाइन करने और यूरोपीय शहरों की तर्ज पर विकसित करने का ऐलान किया। अभी तक सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। दिल्ली की सड़कों पर जाम और प्रदूषण की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।

सितंबर 2020 में केजरीवाल ने कहा था कि विकसित देशों की तरह दिल्ली में पानी की सप्लाई करेंगे। घरों में 24 घंटे साफ सुथरा पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे। लेकिन राजधानी दिल्ली के अधिकांश हिस्सों को कई दिनों तक लगातार जलापूर्ति नहीं होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। आज भी लोग पानी के लिए जल बोर्ड के टैंकरों पर निर्भर है।

कोरोना संकट काल में केजरीवाल ने 4 मई को दिल्ली के सभी 72 लाख राशन कार्डधारियों को मई-जून का राशन फ्री दिए जाने की घोषणा की थी। लेकिन एक हफ्ते के अंदर ही 10 मई, 2021 को दिल्ली सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि मई का राशन मुफ्त नहीं, बल्कि सामान्य दरों पर ही मिलेगा।

केजरीवाल सरकार ने राजधानी में प्रदूषण पर लगाम और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था मजबूत करने का वादा किया था। आलम यह है कि दिल्ली विश्व की सबसे प्रदूषित शहरों में एक है। प्रदूषण कम करने की दिशा में कोई खास योजनाएं नहीं दिखी। ऑड-इवेन फॉर्मूला का प्रयोग भी नाकाम रहा।

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 11 हजार नई बसें चलाने का वादा किया था। इसके साथ ही पांच नई बस डिपो का प्रस्‍ताव भी रखा था, लेकिन अभी इस मामले में क्या हुआ अब तक पता नहीं चल रहा।

उच्‍च शिक्षा गारंटी स्‍कूल के तहत केजरीवाल ने 20 नये डिग्री कॉलेज खोलने का वादा किया था। दूसरी बार सत्ता में आ गए लेकिन वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

अरविंद केजरीवाल ने चुनाव के दौरान पूरी दिल्ली में वाई-फाई लगाने का वादा किया था, लेकिन ये वादा भी पूरा नहीं हुआ।

‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ का पूरा आंदोलन ही लोकपाल के गठन पर केंद्रित था। दिल्ली में अब तक लोकपाल का गठन नहीं हो सका है। इसके लिए भी केजरीवाल सरकार केंद्र पर आरोप मढ़ती है।

केजरीवाल ने वादा किया था कि दिल्ली में 15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, लेकिन अब तक कितने सीसीटीवी कैमरे लगे इसका आंकड़ा खुद केजरीवाल भी नहीं दे सकते हैं।

केजरीवाल ने पूरी दिल्ली में 1000 मोहल्ला क्लीनिक खोलने का वादा किया था, लेकिन अभी तक 500 मोहल्ला क्लीनिक ही शुरू हो पाएं हैं। जो शुरू हो चुके हैं, उनमें से अधिकांश में न दवा है और न डॉक्टर है। यहां तक कि कई मोहल्ला क्लीनिक बदाली की हालत में है। 

यमुना नदी को साफ़ करने का दावा करने वाली AAP की सरकार के दौरान प्रदूषण और बढ़ ही रहा है। आए दिन यमुना नदी में तैरते सफ़ेद जहरीले झाग की तस्वीरें वायरल होती हैं।

Leave a Reply