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एक्शन में योगी सरकार : अब मदरसों में भी होगा राष्ट्रगान का सम्मान, कक्षाएं शुरू होने से पहले सभी मदरसों में शिक्षकों और छात्रों के लिए राष्ट्रगान गाना किया अनिवार्य

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उत्तर प्रदेश में एक बार फिर योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रचंड बहुमत से आने के बाद शुक्रवार को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। योगी के पूरी तरह एक्शन में आने से पहले ही उनके विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश में फैसले होने शुरू हो गए हैं। यूपी के मान्यता प्राप्त, अनुदानित व गैर अनुदानित मदरसों में नए शिक्षण सत्र से कक्षाएं शुरू होने से पहले विद्यार्थियों और शिक्षकों को अब राष्ट्रगान गाना होगा। इसे अन्य दुआओं के साथ अनिवार्य कर दिया गया है। मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त सभी तरह के मदरसों में राष्ट्रगान जरूरी
मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मदरसों में कक्षा शुरू होने से पहले राष्ट्रगान गाना अनिवार्य होगा। परिषद की बैठक में राष्ट्रगान को लेकर ये अहम फैसला लिया गया है। राज्य के मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त सभी तरह के मदरसों में ये नियम लागू होगा। छात्रों को नए शैक्षणिक सत्र से अन्‍य दुवाओं के साथ अब राष्‍ट्रीय गान गाना होगा। आज 25 मार्च दिन शुक्रवार को योगी आदित्‍यनाथ दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण से पहले यह आदेश आया है।

टीईटी की तर्ज पर शिक्षकों की भर्ती के लिए मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा शुरू होगी
देश में दो प्रकार की मदरसा शिक्षा प्रणाली के तहत संचालित मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 19 हजार से ज्यादा है। इसके अलावा करीब पांच हजार गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भी संचालित हो रहे हैं। देश में सर्वाधिक मदरसे उत्तर प्रदेश में ही हैं। राज्य में 11621 मान्यता प्राप्त और 2907 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हो रहे हैं। योगी सरकार ने तय किया है कि मदरसों की शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए टीईटी की तर्ज पर शिक्षकों की भर्ती के लिए मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एमटीईटी) भी शुरू किया जाएगा। ये निर्णय बृहस्पतिवार को मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए।

मदरसों के शिक्षकों के बच्चे कहां कर रहे हैं अध्ययन इसका सर्वे भी होगा
उत्तर प्रदेश ने मदरसों में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को अपनाने का निर्णय पहले ही ले लिया गया था। डॉ. जावेद के मुताबिक बोर्ड के रजिस्ट्रार जल्द ही शासन को एमटीईटी के बाबत प्रस्ताव भेजेंगे। मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के बच्चे किन संस्थानों से शिक्षा हासिल कर रहे हैं, इसका सर्वे कराने पर भी सहमति बनी है। बैठक में बोर्ड के सदस्य कमर अली, तनवीर रिजवी, डॉ. इमरान अहमद, असद हुसैन, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय में लेखाधिकारी आशीष आनंद और बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडेय मौजूद रहे।

मदरसों में बायोमीट्रिक हाजिरी सिस्टम लागू करने का भी निर्णय
मदरसों में विद्यार्थियों की घटती संख्या को देखते हुए अनुदानित मदरसों में शिक्षक और विद्यार्थी अनुपात की जांच कराने का निर्णय लिया गया है। छात्रों के अनुपात से ज्यादा शिक्षक होने पर शिक्षकों को समायोजित किया जाएगा। इसके अलावा मदरसों बायोमीट्रिक हाजिरी सिस्टम लागू करने का भी निर्णय लिया गया है।

नए सत्र से छात्रों के ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन की सुविधा भी शुरू की जाएगी
परिषद के चेयरमैन ने बताया कि -नए सत्र से छात्रों के ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन की सुविधा भी शुरू की जाएगी। इसके अलावा मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं 14 से 27 मई के बीच कराई जाएंगी। वहीं माध्‍यमिक शिक्षा परिषद के स्‍कूलों में गर्मी की छुट्टी और यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्‍यांकन के वजह से कॉलेज खाली नहीं रहेंगे, इ‍सलिए मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं मदरसों में ही कराई जाएंगी.। बेसिक शिक्षा परिषद की तर्ज पर कक्षा एक से आठ तक के पाठ्यक्रम दीनियात के विषयों के अलावा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय के प्रश्न पत्र परीक्षा में शामिल होंगे।

योगी सरकार ने पहले कार्यकाल में फर्जी मदरसों से बचाए थे 100 करोड़
योगी सरकार ने पहले कार्यकाल में मदरसों की जांच कराई थी, जिसमें ‘फर्जी‘ पाये गये दो हजार से ज्यादा मान्यता प्राप्त मदरसों पर सालाना 100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किये जाते थे। राज्य सरकार इन फर्जी मदरसों की जांच कराई। तब सभी मदरसों के प्रबन्धन से उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के वेब पोर्टल पर अपने बारे में पूरी जानकारी अपलोड करने को कहा था। ऐसा करने के लिये अंतिम तारीख कई बार बढ़ाये जाने के बावजूद करीब 2300 मदरसों ने भी पोर्टल पर अपना पंजीयन नहीं कराया। इन सभी पर अब तक हर साल करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किये जाते थे। सरकार ने इन्हें फर्जी मानकर 100 करोड़ का खर्चा बचा लिया था।

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