जिस कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकार दिया, उसके नेता अब अयोध्या में राममंदिर निर्माण का क्रेडिट ले रहे हैं। मध्य प्रदेश में उपचुनाव होने वाले हैं और कमलनाथ सरीखे जैसे नेता भगवान श्रीराम का नाम लेते नहीं थक रहे हैं और अखबारों में विज्ञापन देकर रामराज्य की बात कर रहे हैं।
जिन्होंने कहा कि भगवान श्री राम काल्पनिक हैं, अब वो भगवान राम के कारसेवक होने का दावा कर रहे हैं।#JaiShreeRam pic.twitter.com/cIHmZa9VWz
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) August 20, 2020
उधर, सूत्रों से पता चला है कि कांग्रेस आलकमान ने आदेश दिया है कि जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां सिर्फ भगवान श्रीराम का क्रेडिट लें और जहां चुनाव नहीं है, उन राज्यों के नेता अयोध्या और भगवान श्रीराम को खारिज करें और मस्जिद के पक्ष में बोलें और मध्य प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद फिर एंटी हिन्दू एजेंडे पर काम शुरू कर दें।
2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय कमलनाथ ने मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल से कहा था कि संघ के लोग दिन में आते हैं और रात में चले जाते हैं। वे सिर्फ दो लाइन का पाठ पढ़ाने आते हैं-अगर हिंदू को वोट देना है तो हिंदू शेर, मोदी को वोट दो, अगर मुसलमान को वोट देना है तो कांग्रेस को वोट दो। ये इनकी (संघ) रणनीति है। कमलनाथ ने आगे कहा था कि इस समय सजग व सतर्क रहने की जरूरत है। ये लोग आपको (मुस्लिम) उलझाने की कोशिश करेंगे। इनसे हम निपट लेंगे बाद में, मतदान तक आपको सब कुछ सहना पड़ेगा।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में जल्द ही कई सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं और यही कारण है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेसी नेता रामभक्त बन गए हैं लेकिन अगर दूसरे राज्यों की बात करें तो यह साफ पता चलता है कि कांग्रेसी नेता मुस्लिम तुष्टीकरण का एक भी मौका छोड़ना नहीं चाहते हैं। अभी हाल में ही कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में मुस्लिम उन्मादी भीड़ ने कांग्रेस के दलित विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर और थाने को आग के हवाले कर दिया। अपने दलित विधायक के घर जलाने के बाद भी कांग्रेस चुप रही। इस संबंध में उनका एक बयान तक नहीं आया, यहां तक जिस दलित कांग्रेसी विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति का घर जलाया गया, उन्होंने ने भी पुलिस में शिकयत करने से साफ मना कर दिया।