बिहार में नीतीश कुमार में जिस जंगलराज के खिलाफ आवाज बुलंद कर भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार चलाते रहे आज उन्हीं की गोद में जा बैठे हैं। सत्ता मोह ने उन्हें इस कदर अंधा बना दिया है कि अब उन्हें बिहार में जंगलराज की वापसी की आहट भी सुनाई नहीं दे रही है। भाजपा के सहयोग से सुशासन बाबू की जो छवि उनकी बनी थी वह भी अब तार-तार होती दिखाई दे रही है। आलम यह है कि राजद के साथ जिस नई सरकार का गठन उन्होंने किया है उसमें 72 प्रतिशत मंत्री दागदार हैं। कुल 33 मंत्रियों में से 23 पर मुकदमे दर्ज हैं। 17 मंत्रियों पर तो गंभीर आपराधिक मामले हैं। अब जहां सरकार में ही अपराधियों का बोलबाला हो वहां की जनता का क्या हाल होगा इसकी कल्पना ही की जा सकती है। भाजपा के शासनकाल में बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो गई थी और हत्या, लूट, अपहरण जैसी वारदातों पर लगाम लग गई थी। लेकिन अब इसकी कोई गारंटी नहीं है बिहार में लोग शांति और सुकून से रह सकेंगे। राजद के शासनकाल में अपहरण उद्योग इस कदर फला-फूला था कि लोग डर के मारे शाम के बाद घर से नहीं निकलते थे और अब यही डर लोगों के मन में समाने लगा है।
Over 70% of the new Ministers in Bihar have criminal cases,per a report by ADR. The controversy started with new Law Minister, Kartikeya Singh,who had to be present in Danapur Court in a kidnapping case,on the day of his swearing. But he showed up at the Raj Bhawan to take oath. pic.twitter.com/4gN36GzCSg
— Aroone Harry The Mechanic (@arunharimowar) August 18, 2022
33 में से 23 मंत्रियों पर केस चल रहा
बिहार में महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल गठन के बाद Association for Democratic Reforms (ADR) ने बिहार के नए मंत्रियों की आपराधिक कुंडली खंगाली है। ADR की रिपोर्ट के अनुसार बिहार के 33 में से 23 मंत्रियों पर केस चल रहा है। इनमें से 17 मंत्री तो ऐसे हैं जिनपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि नीतीश कुमार की नई सरकार के 72 प्रतिशत मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। एडीआर की यह रिपोर्ट चुनाव आयोग को विधान सभा या विधान परिषद चुनाव के वक्त दिए गए शपथ पत्र के आधार पर तैयार की गई है। यहां यह भी स्पष्ट कर दें कि खबर एडीआर की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। संभव है कि इस रिपोर्ट में दर्ज कुछ मुकदमे अब समाप्त हो चुके हों।
बिहार में बढ़ा अपराध है क्योंकि कानून मंत्री खुद अपराधी का सरदार है
जब सईया भइल कोतवाल तो डर काहे का!#Bihar #kartikeySingh pic.twitter.com/26eFjRU6o5— Social Tamasha (@SocialTamasha) August 17, 2022
बिहार में RJD कोटे से मंत्री मंत्री कार्तिकेय सिंह पर अपहरण और कई गम्भीर अपराध के लिए नॉन बेलेबल वारंट जारी है। कोर्ट की नज़र में भगोड़ा है। हाई कोर्ट ने बेल की अपील ख़ारिज कर दी है
जिस दिन सरेंडर करना था उसी दिन नीतीश कुमार ने इसको क़ानून मंत्री की शपथ दिलायी।
है ना सुशासन? pic.twitter.com/iJJxuR4VFt
— Shashi Kumar (@iShashiShekhar) August 17, 2022
कानून मंत्री पर अपहरण का केस
नीतीश कुमार आज भ्रष्टाचारियों, अपराधियों और अपहरण उद्योग चलाने वालों के कंधे पर सवार है। नीतीश कुमार के कानून मंत्री पर हुए खुलासे से हड़कंप मचा हुआ है। बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को अपहरण के एक केस में 16 अगस्त, 2022 को दानापुर कोर्ट में सरेंडर करना था, लेकिन कार्तिकेय सिंह शपथ लेने राज भवन पहुंच गए। हालांकि कार्तिकेय सिंह अपने ऊपर लग रहे आरोपों को खारिज कर रहे हैं। लेकिन दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई है, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। अदालत का ये आदेश 12 अगस्त का है।
बहुत दिलचस्प मंत्रिमंडल का गठन हुआ है बिहार में
कानून मंत्री अपराध के केस में फरार
शिक्षा मंत्री नॉन मैट्रिक
पीडब्ल्यूडी मंत्री पुराना घोटालेबाज
एक मज़ेदार "पापड़ी चाट" मंत्रिमंडल है ये
अभी और कुछ मज़ेदार सूचनाएं आनी है
इंतजार कीजिए तब तक!— Vinay Srivastav (@VinaySr15926177) August 17, 2022
सरकार में शामिल मंत्रियों में 27 करोड़पति
गंभीर आपराधिक मामलों की बात करें तो राष्ट्रीय जनता दल के 17 में से 11 मंत्रियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि जनता दल यूनाइटेड के 2, कांग्रेस के 1, हम के 1 तथा निर्दलीय विधायक पर भी गंभीर आपराधिक मामला दर्ज है। गंभीर आपराधिक मामले उन्हें माना जाता है, जिनमें कम से कम 5 वर्ष की सजा का प्रावधान होता है तथा ये गैर जमानती होते हैं। मर्डर, मारपीट, रेप, किडनैपिंग के केस गंभीर आपराधिक मामलों में गिने जाते हैं। नीतीश सरकार में सम्मिलित मंत्रियों में 27 करोड़पति हैं। राष्ट्रीय जनता दल के 16 यानी 94 प्रतिशत मंत्री करोड़पति हैं। जबकि जनता दल यूनाइटेड के 9, हम का 1 मंत्री करोड़पति है। निर्दलीय मंत्री भी करोड़पति हैं। 32 मंत्रियों की औसत संपत्ति 5.82 करोड़ है। कांग्रेस के मुरारी प्रसाद गौतम पर सबसे कम 17.66 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
बिहार है,जहा भ्रष्टाचार की बहार"यही तो बिहार है!
बिहार है, जहां चारा चोर ललुआ"के बछुअन की सरकार!
बिहार है, जहां कानून मंत्री ही अपराध कर फरार है।— Jitendra Tiwari?️???️ (@jitendra9753) August 17, 2022
2024, के पीएम उम्मीदवार का बायोडाटा,लम्बे समय से बिहार के मुख्यमंत्री हैं श्रीमान और अपहरण के आरोपी को मंत्री बनाया,मंत्री के अपराध के वारे में पूछने पर कितनी बेशर्मी और ढिठाई से जवाब दिया कि मुझे इसकी जान करी नहीं, कोर्ट वारंटेड मंत्री के साथ इस मुख्यमंत्री को भी जेल भेजे।
— Dhaniram Chaurasia (@DhaniramChaura9) August 17, 2022
बिहार का कानून मंत्री खुद अपराध के मुकदमे में फंसा हुआ है। जब ऐसे लोग बिहार के कानून मंत्री के तौर पर जिम्मा संभाल रहे हैं तो आप समझ सकते हैं यह मंत्री और विधायक कितने भ्रष्ट होंगे अब बिहार में केवल चारा घोटाला ही नहीं शिक्षा घोटाला से लेकर नौकरी घोटाला भी होगा।
— Abhishek Gupta?? (@KumarAbhi52) August 17, 2022
उपमुख्यमंत्री के खिलाफ भी मामले
बिहार में नए मंत्रिमंडल में शामिल 72 फीसदी मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। ADR के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं। हाल में बीजेपी का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार ने 31 मंत्रियों को शामिल करते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार किया। बिहार मंत्री परिषद के विस्तार के बाद ADR और ‘बिहार इलेक्शन वॉच’ ने मुख्यमंत्री समेत 33 में से 32 मंत्रियों द्वारा 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल एफिडेविट का विश्लेषण किया है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, JDU के नेता और कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी को अपना एफिडेविट जमा करने की जरुरत नहीं है क्योंकि वह विधान परिषद के मनोनीत सदस्य हैं, इसलिए आपराधिक, वित्तीय और अन्य विवरणों संबंधी उनकी जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है।
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर चल रहे 11 केस
महागठबंधन सरकार में शामिल RJD के 17 मंत्रियों में से 15 पर मामले चल रहे हैं। लालू यादव के छोटे पुत्र एवं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर 11 केस दर्ज हैं। ये केस पटना के कोतवाली, सचिवालय, पूर्णिया, हाजीपुर, दिल्ली में CBI ने दर्ज किया है। तेजस्वी पर धारा 302, 420 जैसे सेक्शन लगाए गए हैं। धारा 302 मर्डर केस के रूप में चलाया जाता है। ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले भी है। तेजस्वी यादव पर पूर्णिया में मर्डर करने का केस चल रहा है।
तेज प्रताप पर मर्डर के साथ-साथ घरेलू हिंसा का केस
लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र और वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव पर भी 5 केस दर्ज है जिसमें पटना के कोतवाली, सचिवालय, मैट्रिमोनियल केस और महिला थाने में भी केस दर्ज है। तेज प्रताप यादव पर पूर्णिया में मर्डर केस चल रहा है। तो वही मैट्रिमोनियल केस के तहत डोमेस्टिक वॉयलेंस का मामला भी उन पर चल रहा है।
@NitishKumar सुशासन बाबू कुछ तो करिए पटना में सरेआम गोली मार दी जाती है लड़की को आपकी प्रधानमंत्री बनने की इच्छा पूरी हो ना हो लेकिन बिहार को आपने जंगलराज बना दिया न्यायालय की जगह मंत्री पद की शपथ लेने पहुंच जाते हैं लोग पूरे बिहार से केवल अपराध की सूचना आ रही है कुछ करेंगे?
— Amit Kumar Singh (@Scarlett_57600) August 18, 2022
शिक्षा मंत्री के बैग से एयरपोर्ट पर मिली थी गोलियां
राजद खेमे से मंत्री बने सुरेंद्र राम पर मजमा लगाने, सरकारी काम में बाधा डालने और मारपीट के साथ चोरी करने का भी केस दर्ज है। बिहार के नए बने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर पटना के सचिवालय थाना में, सुपौल के किशनपुर थाना में साथ ही दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर केस दर्ज है। शिक्षा मंत्री बने चंद्रशेखर के बैग से दिल्ली एयरपोर्ट पर लाइसेंसी राइफल की गोली बरामद हुई थी।
राजद MLC सरेंडर के बजाए कानून मंत्री का शपथ ले रहा है और शिक्षा मंत्री के बैग से पेन के बजाय कारतूस निकल रहा है।
वाह कुर्सी कुमार उर्फ पलटीमार जी..आपके भ्रष्टाचार और अपराध से समझौता नहीं करने का प्रण कहां चला गया?
आपके कारनामे के चर्चे सिर्फ बिहार नही पूरे देश में चल रही है। pic.twitter.com/LMXaxhMxMk— Shivam Kumar Singh (@ShivamBJYM_) August 17, 2022
राजद से मंत्री बने सुरेंद्र यादव पर बाल यौन अपराध का मामला
बिहार के नए कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर चावल घोटाले का आरोप है। इसके अलावा सड़क जाम कर यातायात बाधित करने का भी उन पर है। वहीं राजद के मंत्री सुरेंद्र यादव पर 9 केस दर्ज है। जिसमें बाल यौन अपराध, मारपीट और आचार संहिता के केस दर्ज हैं। मंत्री ललित यादव पर लॉकडाउन के अवधि में पटना से गोपालगंज राजनीतिक कारणों से जाने के प्रयास के क्रम में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जिसे कानून ढूंढ रहा हो उसे ही कानून मंत्री बना दो,यह सिर्फ बिहार में ही संभव है।
जंगलराज का ट्रेलर है यह,और मैं ऐसा इसलिए कह रहा हु क्योंकि उस समय भी ऐसाही हुआ था।जिसपर अपहरण, हत्या जैसे जघन्य अपराध का आरोप होता था वही अपने क्षेत्र का प्रधान बन जाता, बाकीसब आप आजतक देखही रहें है— Anup Jha । अनूप झा ?? (@itzAnupDTJ) August 17, 2022
जदयू के 11 में चार मंत्रियों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले
नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के 11 में से 4 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जदयू की ओर से सबसे ज्यादा केस अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री जमा खान पर दर्ज है। उन पर तीन केस दर्ज है तो, वहीं संजय झा और मदन सहनी पर दो-दो केस है। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि जदयू के 11 में से 9 मंत्री करोड़पति हैं जबकि राजद के 17 में से 16 मंत्री करोड़पति हैं।
बिहार में अपराध का स्तर इतना गिर गया है कि cm के शपथ लेते ही 3 हत्याएं और जिस व्यक्ति को 16 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर करना था का्नून मंत्री बन बैठा। और pm का ख्वाब देखने वाला पलटू कह रहा है हमको जानकारी नहीं इस अपराधी के बारे में केजरी, कांग्रेस,अखिलेश ममता ओवैसी कुछ नहीं बोलेंगे
— India My Love (@IndiaMyLove15) August 17, 2022
तथाकथित सुशासन बाबू नीतीश कुमार के पलटू भाई बनने के बाद बिहार मंत्रिमंडल में शामिल राजद के कुल 17 मंत्रियों में से 15 मंत्री दागी और आपराधिक मामलों में लिप्त। बिहार बेड़ा गर्क की ओर तेजी से अग्रसर।
— Ajay Kumar Sharma (@ajayranjana1987) August 17, 2022
बिहार के इन मंत्रियों पर दर्ज है मुकदमेः
जेडीयू
जमा खान: कैमूर जिले के चैनपुर विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जमा खान जेडीयू में शामिल हो गए। भभुआ के अलग-अलग थानों में उनपर तीन मुकदमें दर्ज हैं।
मदन सहनी: बहादुरपुर सीट से जेडीयू विधायक हैं। उनपर बहादुरपुर और घनश्यामपुर थानों में एक-एक मुकदमा दर्ज है।
संजय झा: जेडीयू कोटे से मंत्री बनाए गए संजय झा पर दो मुकदमे दर्ज हैं।
आरजेडी
कार्तिक सिंह: आरजेडी के बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह के करीबी और पटना के एमएलसी हैं। उनपर कुल चार मुकदमे दर्ज हैं।
ललित यादव: दरभंगा ग्रामीण सीट से चुनाव जीते ललित यादव पर पटना में एक मुकदमा दर्ज है।
रामानंद यादव: पटना के फतुहा से आरजेडी विधायक रामानंद यादव पर पटना में तीन और जहानाबाद में एक मुकदमा दर्ज है।
सुरेंद्र यादव: आरजेडी के बेलागंज विधायक सुरेंद्र यादव पर कुल नौ मुकदमे दर्ज हैं।
आलोक मेहता: उजियारपुर से आरजेडी विधायक आलोक कुमार मेहता पर तीन मुकदमे हैं।
कुमार सर्वजीत: बोधगया सुरक्षित क्षेत्र से आरजेडी विधायक पर पटना में एक मुकदमा दर्ज है।
सुधाकर सिंह: आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे और रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह पर दो मुकदमे दर्ज हैं।
तेज प्रताप यादव: हसनपुर से आरजेडी विधायक व लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर पांच मुकदमे दर्ज हैं। इसमें एक दहेज से जुड़ा मामला भी है।
जितेंद्र कुमार राय: पहली बार मंत्री बने मढ़ौरा से आरजेडी विधायक जितेंद्र कुमार राय पर पांच मुकदमे दर्ज हैं।
शहनवाज: एनआइएमआइएम के टिकट पर जोकीहाट पर जीत के बाद आरजेडी में शामिल हो गए शहनवाज पर एक मुकदमा दर्ज है।
चंद्रशेखर: मधेपुरा से आरजेडी विधायक चंद्रशेखर पर तीन मुकदमे दर्ज हैं।
सुरेंद्र राम: छपरा के गरखा से आरजेडी विधायक सुरेंद्र राम पर दिघवारा थाने में चार मुकदमे दर्ज हैं।
अनिता देवी: नोखा से आरजेडी विधायक अनिता देवी पर एक मुकदमा दर्ज है।
मो. इसरायल मंसूरी: मुजफ्फरपुर के कांटी से आरजेडी विधायक मो. इजरायल मंसूरी दो मुकदमों में आरोपित हैं।
कांग्रेस
मुरारी प्रसाद गौतम: चेनारी सीट से आरजेडी विधायक मुरारी गौतम पर एक मुकदमा दर्ज है।
‘हम’
संतोष सुमन: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे पर औरंगाबाद में एक मुकदमा दर्ज है।
निर्दलीय
सुमित सिंह: चकाई से निर्दलीय विधायक सुमित सिंह पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बेटे हैं। उनपर एक मुकदमा दर्ज है।