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मोदी राज में रैंकिंग: QS World Future Skills Index में भारत का जलवा, भारतीय पेशेवर US के बाद सबसे कुशल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की साख दुनियाभर में मजबूत हुई है। मोदी सरकार आने के बाद से भारत की तमाम रैंकिंग में सुधार हुआ है। अब क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स- QS World Future Skills Index ने भारत को भविष्य की मांग वाली नौकरियों, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डिजिटल और ग्रीन टेक्नोलॉजी के लिए प्रमुख बाजार बताया गया है। 16 जनवरी, 2025 को जारी QS World Future Skills Index की ताजा रिपोर्ट की ‘फ्यूचर ऑफ वर्क’ श्रेणी में भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। भारत ने इसमें 99.1 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के बाद भारत दूसरा देश है, जहां के युवाओं को AI, डिजिटल तकनीक और ग्रीन सेक्टर जैसे उच्च मांग वाले क्षेत्रों में सबसे योग्य माना गया है। रिपोर्ट में भारत की वर्कफोर्स को सबसे अधिक पेशेवर और सक्षम माना गया है और कहा है कि भारत की वर्कफोर्स आधुनिक तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर काम कर रही है।

रिपोर्ट ने भारत की वेंचर कैपिटल निवेश को आकर्षित करने और AI को कार्यबल में शामिल करने की तैयारी की भी प्रशंसा की है। QS World Future Skills Index की चार पैमानों वाली रैंकिंग में भारत कुल मिलाकर 25वें पायदान पर रहा है। इसके चार पैमानों में ‘फ्यूचर ऑफ वर्क’ में दूसरा स्थान, एकेडमिक रेडीनेस में 26वां, स्किल फिट में 37वां और आर्थिक बदलाव में 40वां स्थान प्राप्त किया है। रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य की जरूरतों को देखते हुए भारतीय युवा अपने कौशल में तेजी से सुधार कर रहे हैं और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स में डिजिटल कौशल के मामले में भारत को दूसरा स्थान मिलने पर खुशी जाहिर की है। क्यूएस क्वाक्वेरेली साइमंड्स लिमिटेड के सीईओ और प्रबंध निदेशक नुंजियो क्वाक्वेरेली की पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा है कि ‘यह देखकर खुशी होती है! पिछले दशक में, हमारी सरकार ने हमारे युवाओं को ऐसे कौशल से लैस करके उन्हें मजबूत बनाने पर काम किया है जो उन्हें आत्मनिर्भर बनने और धन अर्जित करने में सक्षम बनाते हैं। क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स से प्राप्त जानकारियां समृद्धि और युवा सशक्तिकरण की दिशा में हमारी यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।’

आइए एक नजर डालते हैं किस तरह भारत ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय इंडेक्स में अपनी स्थिति में सुधार किया- 

नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स में टॉप 50 देशों में भारत
भारत नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2024 (NRI- एनआरआई) में 11 स्थान की छलांग लगाकर 49वें पायदान पर पहुंच गया है। एनआरआई रैंकिंग में भारत पिछले साल 2023 में 60वें स्थान पर था। अमेरिका के वाशिंगटन डीसी स्थित पोर्टुलन्स इंस्टीट्यूट की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत ने ना सिर्फ रैंकिंग में सुधार किया है, बल्कि अपने पिछले साल के स्कोर 49.93 को इस साल 2024 में 53.63 कर लिया है।

भारत ने एआई वैज्ञानिक प्रकाशन, एआई प्रतिभा की सघनता और आईसीटी सेवा निर्यात में पहला स्थान हासिल किया है। इसी तरह भारत ने बिल्डिंग इंटरनेट सब्सक्रिप्शन, देश के भीतर मोबाइल ब्रॉडबैंड इंटरनेट ट्रैफिक और अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट बैंडविड्थ में दूसरा स्थान हासिल किया है। भारत ने घरेलू बाजार पैमाने में तीसरा स्थान और दूरसंचार सेवाओं में वार्षिक निवेश में चौथा स्थान हासिल किया है। इसके साथ ही निम्न-मध्यम आय वाले देशों के समूह में भारत वियतनाम के बाद दूसरे स्थान पर है। वैश्विक मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड रैंकिंग में भी देश में काफी तेजी से सुधार हुआ है और भारत 118वें से 15वें स्थान पर पहुंच गया है।

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 39वें स्थान पर भारत
भारत ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2024 यानि वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) में 39वां स्थान हासिल किया है। 133 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में भारत पिछले साल 40वें स्थान पर था। भारत की प्रगति का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि साल 2015 में वह 81वें स्थान पर था। सितंबर 2024 में जारी इंडेक्स से पता चलता है कि स्टार्टअप के लिए बेहतर माहौल तैयार करने और नवाचार को बढ़ावा देने में भारत लगातार सुधार कर रहा है। जीआईआई दुनिया भर के देशों में नवाचार के नेतृत्व वाले सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों का आकलन करने के लिए दुनिया भर की सरकारों के लिए एक विश्वसनीय उपकरण है। यह 133 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के इनोवेशन इकोसिस्टम के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है और नवीनतम वैश्विक नवाचार रुझानों को ट्रैक करता है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के जीआईआई 2024 के अनुसार, भारत पिछले एक दशक में सबसे तेजी से ऊपर आने वाले देशों में शामिल है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा कि भारत मध्य और दक्षिणी एशिया क्षेत्र की 10 अर्थव्यवस्थाओं में भी पहले स्थान पर है। भारत निम्न-मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में भी पहले स्थान पर है और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO-डब्ल्यूआईपीओ) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (S&T) क्लस्टर रैंकिंग में चौथे स्थान पर है। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई दुनिया के शीर्ष 100 एसएंडटी क्लस्टरों में सूचीबद्ध हैं और भारत अमूर्त संपत्ति तीव्रता में वैश्विक स्तर पर 7वें नंबर पर है।

रूस-जापान को पछाड़ भारत बना तीसरा सबसे शक्तिशाली देश
प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों का असर है कि आज भारत रूस और जापान को पीछे छोड़ते हुए तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है। ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट की ओर जारी ‘एशिया पावर इंडेक्स-2024’ के अनुसार शक्तिशाली देशों की सूची में भारत से आगे सिर्फ अमेरिका और चीन है। अमेरिका 81.7 अंक के साथ पहले और चीन 72.7 अंक के साथ दूसरे स्थान पर है। भारत को 39.1 अंक मिले हैं। रैंकिंग में भारत को एक पायदान के साथ 2.8 अंक का फायदा हुआ है। जापान 38.9 अंक के साथ चौथे, ऑस्ट्रेलिया 31.9 अंक के साथ पांचवें और रूस 31.1 अंक के साथ छठे नंबर पर है। पाकिस्‍तान 14.6 अंक के साथ 16वें नंबर पर है। एशिया पावर इंडेक्‍स-2024 में कुल 27 देशों और क्षेत्रों का आकलन किया गया।

भारत को यह उपलब्धि सक्रिय विकास, युवा आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के दम पर हासिल हुई है। भारत में कोरोना महामारी के बाद बड़े स्तर पर आर्थिक सुधार किए गए हैं, जिससे इसकी आर्थिक क्षमता में 4.2 अंकों की वृद्धि हुई है। भारत के भविष्य के संसाधनों के स्कोर में 8.2 अंकों की वृद्धि हुई है। भारत को अपनी युवा आबादी का भी लाभ मिलता है जो कि आने वाले दशकों में आर्थिक विकास को और गति देती रहेगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख काफी मजबूत हुई है। प्रधानमंत्री मोदी एक ग्लोबल लीडर के तौर पर उभरे हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष में भी दुनिया की नजरें भारत पर लगी हुई है।

भारतीय पासपोर्ट की साख हुई और मजबूत
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय पासपोर्ट वैश्विक स्तर पर और ज्यादा मजबूत हो गया है। लंदन स्थित हेलने एंड पार्टनर्स ने दुनिया के सबसे पावरफुल पासपोर्ट की रैंकिंग जारी कर दी है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2024 में भारतीय पासपोर्ट को 82वें स्थान पर रखा गया है। इस साल भारतीय पासपोर्ट ने दो अंकों की उछाल लगाते हुए 82वां स्थान हासिल किया है। पिछले साल 2023 में भारत की ग्लोबल रैंकिंग 84वें स्थान पर थी। भारतीय पासपोर्ट पर अब आप 58 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के मुताबिक हालिया रिपोर्ट में पहले नंबर पर सिंगापुर है। सिंगापुर के पासपोर्ट पर आप 195 देशों की वीजामुक्त यात्रा कर सकते हैं। सबसे कमजोर पासपोर्ट की लिस्ट में अफगानिस्तान सबसे ऊपर है। सबसे कमजोर पासपोर्ट में पाकिस्तान नीचे से पांचवें नंबर पर है।

2023-24 में SDG सूचकांक स्कोर बढ़कर 71 पर पहुंचा
2023-24 में भारत का राष्ट्रीय सतत विकास लक्ष्य (SDG) सूचकांक का कुल स्कोर बढ़कर 71 पर पहुंच गया है। 2020-21 में एसडीजी इंडेक्स का यह स्कोर 66, 2019-20 में 60 और बेसलाइन ईयर 2018 में 57 था। एसडीजी इंडिया इंडेक्स सतत विकास लक्ष्यों पर राष्ट्रीय प्रगति को मापने का प्रमुख उपकरण है। एसडीजी इंडेक्स 113 संकेतकों पर सभी राज्यों की राष्ट्रीय प्रगति को मापता है और ट्रैक करता है। यह सभी राज्यों के लिए 16 लक्ष्य-वार स्कोर की गणना करता है। ये अंक 0 से 100 के बीच होते हैं। यदि कोई राज्य 100 का स्कोर प्राप्त करता है, तो यह दर्शाता है कि उसने लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। भारत ने सभी निर्धारित 16 लक्ष्यों में महत्वपूर्ण सुधार हासिल किए हैं।

4 साल के उच्चतम स्तर पर कंज्यूमर कॉन्फिडेंस
अब एक अच्छी खबर यह है कि सितंबर में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस 4 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि सितंबर 2023 में वर्तमान सामान्य आर्थिक स्थिति और रोजगार की स्थिति के बेहतर आकलन के कारण वर्तमान स्थिति सूचकांक (current situation index सीएसआई) चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। शुक्रवार, 6 अक्तूबर को जारी आरबीआई के अपने द्विमासिक उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (consumer confidence survey सीसीएस) के मुताबिक सीएसआई 92.2 पर पहुंच गया है। आरबीआई का यह सर्वेक्षण 2 से 11 सितंबर तक 19 प्रमुख शहरों में 6,077 लोगों के बीच किया गया।

वैश्विक प्रत्यक्ष बिक्री रैंकिंग में 11वें स्थान पर पहुंचा भारत
प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग में 3.23 अरब डॉलर से ज्यादा के खुदरा कारोबार के साथ भारत वैश्विक प्रत्यक्ष बिक्री रैंकिंग में 11वें स्थान पर पहुंच गया है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार भारत की रैंकिंग में एक पायदान का सुधार हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया-प्रशांत क्षेत्र रैंकिंग में भारत छठे स्थान पर बना हुआ है। इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) के अध्यक्ष रजत बनर्जी ने कहा कि भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री बाजार ने तीन वर्षों में 13.3 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर हासिल की है। 

मजबूत ग्रोथ के बीच कारोबारी भरोसा सूचकांक बढ़कर 66.1 पर
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) का कारोबारी विश्वास सूचकांक (बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स) बढ़कर 66.1 हो गया है। मांग में सुधार से कई क्षेत्रों में क्षमता इस्तेमाल बढ़ा है जिससे निजी निवेश को और रफ्तार मिलेगी। 

लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में 6 पायदान की छलांग लगा 38वें स्थान पर भारत
भारत विश्व बैंक के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक 2023 में 6 स्थान की छलांग के साथ 139 देशों की सूची में 38वें पायदान पर पहुंच गया है। भारत 2018 में इस सूचकांक में 44वें स्थान पर था। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के प्रदर्शन में 2014 से लगातार सुधार देखने को मिल रहा है। उस दौरान वह 54वें स्थान पर था। मोदी सरकार ने अक्तूबर, 2021 में लॉजिस्टिक्स लागत घटाने के लिए पीएम गति शक्ति पहल की घोषणा करने का साथ 2022 में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति शुरू की। जिसका उद्देश्य तेजी से सामान पहुंचाना, परिवहन संबंधी चुनौतियों को खत्म करना, विनिर्माण क्षेत्र के लिए समय को घटाना और धन को बचाना था। विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन नीतियों से भारत को लाभ मिला है।

पेटेंट दाखिल कराने में भारत विश्व स्तर पर सातवें स्थान पर
भारत में पिछले 11 साल में पहली बार घरेलू पेटेंट फाइलिंग की संख्या विदेशी फाइलिंग से ज्यादा है। यह भारत की बढ़ती वैज्ञानिक शक्ति को दर्शाता है। पेटेंट दाखिल कराने में भारत की रैंक विश्व स्तर पर सातवीं है जबकि ट्रेडमार्क पंजीकरण में यह पांचवें स्थान पर है। पिछले पांच वर्षों में भारत के पेटेंट पंजीकरण में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 

जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में भारत ने लगाई दो स्थानों की छलांग
जलवायु सुरक्षा के मामले में भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया है। कॉप 27 में जारी जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक(CCPI -2023) में भारत दो स्थानों की छलांग लगाकर 8वीं रैंक हासिल किया। पिछले साल भारत की 10वीं रैंकिंग थी। वहीं जलवायु परिवर्तन के प्रदर्शन के आधार पर भारत को विश्व के शीर्ष 5 देशों में शामिल किया गया, जबकि G20 देशों में भारत टॉप पर है। सीसीपीआई की इस रिपोर्ट में भारत से ऊपर चार देश है। इनमें डेनमार्क को चौथे, स्वीडन को पांचवें, चिली को छठे और मोरक्को को सातवें स्थान पर रखा गया है। किसी भी देश को पहला, दूसरा और तीसरा स्थान नहीं दिया गया है। मोदी सरकार बनने के समय साल 2014 में CCPI में भारत 31वें स्थान पर था।

बौद्धिक संपदा रैंकिंग में सुधार,आईपी स्कोर बढ़कर 38.6 प्रतिशत पर
यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की ओर से बौद्धिक संपदा अधिकार व्यवस्था पर जारी एक वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने अपने समग्र आईपी स्कोर में 38.4 प्रतिशत से 38.6 प्रतिशत तक सुधार किया और अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में 55 देशों में से 43 वें स्थान पर पहुंच गया। यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर की रिपोर्ट में कहा गया कि यह संकेतक 32 पर स्कोर वृद्धि को दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि यह समीक्षा स्वागत योग्य है और भारत के राष्ट्रीय आईपी पर्यावरण की ताकत और कमजोरियों का व्यापक और विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, इनोवेटर्स और क्रिएटर्स बेहतरीन और उज्ज्वल कल देने के लिए लगातार होड़ कर रहे हैं।

भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे आकर्षक मैन्‍युफैक्‍चरिंग हब
अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया का दूसरा सबसे आकर्षक मैन्‍युफैक्‍चरिंग हब बन गया। रियल एस्टेट कंसल्‍टेंट कुशमैन एंड वेकफील्ड के मुताबिक, चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर पहुंच गया। पिछले साल की रिपोर्ट में अमेरिका दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर था। इस रैंकिंग से पता चलता है कि अमेरिका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की तुलना में मैन्‍युफैक्‍चरर भारत को ज्‍यादा पसंद कर रहे हैं। यह इंडेक्‍स यूरोप, अमेरिका और एशिया-पैसेफिक (एपीएसी) के 47 देशों में से ग्‍लोबल मैन्‍युफैक्‍चरिंग के लिए आकर्षक या प्रॉफिटेबल डेस्टिनेशन की रैंकिंग करता है। 

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