प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दुनियाभर में भारत की साख मजबूत हुई है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की तमाम रैंकिंग में सुधार हुआ है। अब आईटीयू ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडेक्स 2020 में 37 स्थान की छलांग लगाकर भारत 10वें स्थान पर पहुंच गया है। ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडेक्स में भारत इससे पहले 47वें स्थान पर था। इंटरनेशनल टेलिकम्युनिकेशन यूनियन की तरफ से जारी GCI 2020 के अनुसार साइबर सिक्योरिटी के मामले में भारत को 100 में से 97.5 अंक मिले हैं। पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत चौथे स्थान पर है, एशिया प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया और जापान भारत से आगे है। चीन और पाकिस्तान भारत से काफी पीछे है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से की गई इस स्टडी में चीन 33वें और पाकिस्तान 79वें स्थान पर है।
?In a big leap, India jumps 37 places to be ranked ?th in Global Cybersecurity Index (GCI) 2020 launched by @ITU
4️⃣th in Asia-Pacific,
demonstrating India’s success and commitment to cybersecurity. @PMOIndia @DrSJaishankar @GoI_MeitY @MEAIndiahttps://t.co/DvBcw4RVIG pic.twitter.com/xnXo2qRpdk— India at UN, Geneva (@IndiaUNGeneva) June 29, 2021
विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट में भारत की स्थिति सुधरी
संयुक्त राष्ट्र की विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट-2021 में भारत को 139वां स्थान मिला है। वर्ष 2019 में भारत 140वें पायदान पर था 149 देशों में फिनलैंड शीर्ष पर है। संयुक्त राष्ट्र स्थायी विकास उपाय नेटवर्क की ओर से जारी रिपोर्ट में कोरोना और उससे लोगों पर पड़ने वाले असर पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सूची में अमेरिका को 19वां और पाकिस्तान को 105वां स्थान मिला है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत की साख विश्व में काफी तेजी से बढ़ी है और भारत हर एक क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे ही कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं-
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 63वें स्थान पर पहुंचा भारत
विश्वबैंक की कारोबारी सुगमता पर संशोधित रैंकिंग में भारत ने चीन को नीचे धकेल दिया। कारोबारी सुगमता की संशोधित रैंकिंग में भारत 14 पायदान की छलांग लगाकर 63वें स्थान पर पहुंच गया। भारत ने पिछले पांच साल (2014- 2019) में 79 पायदान की छलांग लगायी। विश्वबैंक की संशोधित रिपोर्ट में चीन की रैंकिंग सात अंक गिरकर 85वें स्थान पर पहुंच गई। इसके पहले चीन के साथ कई देशों के गलत आंकड़े पेश करने पर अगस्त 2020 में विश्वबैंक ने अक्टूबर 2020 में आने वाली रैंकिंग लिस्ट पर रोक लगा दी थी।
क्लाइमेट चेंज इंडेक्स के टॉप 10 परफॉर्मर में भारत
ग्लोबल क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स में भारत टॉप 10 में शामिल है। पेरिस जलवायु समझौते की पांचवीं वर्षगांठ पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार क्लाईमेट चेंज परफारमेंस इंडेक्स (सीसीपीआई)-2021 में भारत टॉप 10 देशों में स्थान पाने में सफल रहा है। इंडेक्स में भारत दसवें स्थान पर रहा। मोदी सरकार बनने के समय साल 2014 में भारत 31वें स्थान पर था। इस ग्लोबल क्लाइमेट चेंज इंडेक्स में चीन और अमेरिका भारत से पीछे हैं। चीन 33वें पायदान पर है जबकि अमेरिका सूची में सबसे नीचे है। रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष दस में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान पाने में कोई भी देश नाकाम रहा। चौथे पर स्वीडन, पांचवें पर यूके, छठे पर डेनमार्क, सातवें पर मोरक्को, आठवें पर मोरक्को, नौवे पर चिली तथा दसवें पर भारत रहा।
इनोवेशन रैंकिंग में पहली बार टॉप 50 में भारत
इनोवेशन के मामले में भी पिछले कुछ वर्षों में भारत की स्थिति में लगातार सुधार आ रहा है। भारतवासियों के लिए खुशी की बात है कि इस साल के Global Innovation Index 2020 में भारत 4 स्थान के सुधार के साथ 48वें स्थान पर पहुंच गया है। 2015 में भारत ग्लोबल इंडेक्स में 81वें नंबर पर था। 2016 में 66वें, 2017 में 60वें, 2018 में 57वें और 2019 में 52वें स्थान पर था। Global Innovation Index 2020 में दिलचस्प बात यह है कि मध्य और दक्षिण एशिया में भारत पहले स्थान पर है।
Global Innovation Index 2020 released a few minutes ago.https://t.co/0vv49tyJTi
Happy to see India jump by 4 ranks to 48 now.Here is India’s steady climb…
2020 (48)
2019 (52)
2018 (57)
2017 (60)
2016.(66)
2015.(81)— Raghunath Mashelkar (@rameshmashelkar) September 2, 2020
वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक, 2020
जुलाई 2020 में अमेरिकी संपत्ति कंसल्टेंट कुशमैन एंड वेकफील्ड द्वारा ‘वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक’ (Global Manufacturing Risk Index), 2020 जारी किया गया। इस सूचकांक में 48 देशों को शामिल किया गया। इसका मकसद यूरोप, अमेरिका और एशिया के 48 देशों के बीच वैश्विक विनिर्माण के लिए उपयुक्त स्थानों को रैंक देना है। इसमें भारत तीसरे नंबर पर पहुंच गया। वहीं चीन और अमेरिका पहले दो स्थान पर काबिज रहे। वर्ष 2019 के इस सूचकांक में भारत चौथे स्थान पर था।
वैश्विक एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स 2020 में 74वें स्थान पर भारत
विश्व आर्थिक मंच ने 13 मई, 2020 को वैश्विक एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स 2020 जारी किया। इस सूचकांक में भारत को 74 वां स्थान प्राप्त हुआ। भारत की रैंकिंग में दो स्थानों का सुधार हुआ। सूचकांक के मुताबिक मोदी सरकार द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा में सुधार की वजह से यह संभव हो सका। इस सूचकांक में स्वीडेन ने लगातार तीसरे वर्ष सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया।
रिसॉल्विंग इन्सॉल्वेंसी इंडेक्स
विश्व बैंक के रिसॉल्विंग इन्सॉल्वेंसी इंडेक्स 2019 में 56 अंकों की छलांग लगाकर भारत 52वें पायदान पर पहुंच गया। यूपीए सरकार के दौरान 2014 में भारत 137वें स्थान पर था। रिसॉल्विंग इन्सॉल्वेंसी इंडेक्स में भारत का यह बेहतर प्रदर्शन मोदी सरकार की ओर से सन 2016 में लागू इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 (IBC) के कारण संभव हो सका है।
विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में चार पायदान की छलांग
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में भारत का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। डिजिटल प्रतिस्पर्धा के मामले में भारत ने चार पायदान की छलांग लगायी है। भारत अब 44 वें स्थान पर पहुंच गया है। आईएमडी की विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धात्मकता रैकिंग 2019 के अनुसार, भारत 2018 में 48वें स्थान से आगे बढ़कर 2019 में 44वें पर पहुंच गया है। भारत ने सभी कारकों ज्ञान, प्रौद्योगिकी और भविष्य की तैयारी के मामले में काफी सुधार दर्ज किया है। अमेरिका इस लिस्ट में पहले स्थान पर है।
वैश्विक आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक में 17 पायदान की छलांग
मोदी राज में वैश्विक आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक (Economic Freedom Of the World Ranking) में 17 पायदान की लंबी छलांग लगाते हुए भारत दुनिया के 162 देशों में 79वें क्रम पर पहुंच गया है। सूचकांक में पिछले साल भारत 96वें स्थान पर था। कैनेडियन थिंकटैंक फ्रेजर इंस्टिट्यूट और भारतीय थिंकटैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी द्वारा शुक्रवार को संयुक्त रूप से ‘वैश्विक आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक 2019’ जारी किया गया। यह सूचकांक दुनियाभर के देशों में सरकार के आकार, कानून व्यवस्था व संपत्ति का अधिकार, मुद्रा की सुगमता, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की आजादी और नियमन आदि जैसे पांच क्षेत्रों के बाबत जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर जारी किया जाता है।
विश्व यात्रा पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक में छह पायदान की छलांग
वैश्विक यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019 में छह पायदान की छलांग लगाकर भारत 34वें स्थान पर पहुंच गया है। वर्ष 2017 में भारत 40वें स्थान था, जबकि सन 2013 में 65वें स्थान पर था। मोदी सरकार के दौरान रैंकिंग में भारत ने 31 पायदान की छलांग लगाई है। विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के अनुसार इसकी वजह प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन के मामले में भारत का समृद्ध होना और कीमत के लिहाज से बेहद प्रतिस्पर्धी होना है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत दक्षिण एशिया में सबसे प्रतिस्पर्धी यात्रा-पर्यटन अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
भारत की ईज ऑफ ट्रैवल रैंकिंग में सुधार
भारत की ईज ऑफ ट्रैवल रैंकिंग में सुधार हुआ है। भारत ने 2019 के लिए जारी की गई हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में 80वां स्थान हासिल किया है। पिछले साल 2018 में भारत 81वें स्थान पर था और 2015 में जब बार इलेक्ट्रॉनिक वीजा या ई-वीजा की शुरुआत की गई थी तब भारत 88वें स्थान पर था। अब भारतीय पासपोर्ट धारक 60 देशों में वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं।
भारतीय पासपोर्ट ने लगाई 10 पायदान की छलांग
भारत का पासपोर्ट Henley पासपोर्ट इंडेक्स में 84वें स्थान पर है। भारत को इसमें 58 प्वॉइंट्स दिए गए हैं। यानी कुल 58 देश भारतीय पासपोर्ट धारकों को बिना किसी पूर्व वीजा के प्रवेश की इजाजत देते हैं. इस स्थान पर भारत के साथ मॉरिटानिया और तजाकिस्तान हैं लेकिन इनमें से एक भी विकसित देश नहीं है। बीते 15 साल में भारत की रैंकिंग काफी नीचे आ गई है।
ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स में चीन से आगे निकला भारत
विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा जारी ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स में भारत 74 वें स्थान पर आ गया है। विश्व आर्थिक मंच ने 13 मई, 2020 को वार्षिक रैंकिंग जारी की है। भारत ने अपनी बेहतर रैंकिंग के साथ आर्थिक सुरक्षा, आर्थिक विकास और पर्यावरण स्थिरता के प्रमुख मापदंडों में सुधार दिखाया है। विश्व आर्थिक मंच जिनेवा में स्थित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो सार्वजनिक और निजी सहयोग के लिए काम करता है। यह रैंकिंग जारी करते हुए आगे कहा गया है कि मौजूदा कोविड -19 संकट के कारण विकसित और विकासशील देश स्वच्छ ऊर्जा के लिए संक्रमण से समझौता करेंगे।
विश्व के सबसे भरोसेमंद देशों में शामिल हुआ भारत
भारत अब कारोबार, सरकार, एनजीओ और मीडिया के मामले में विश्व के सबसे भरोसेमंद देशों में शामिल हो गया है। ‘एडलमैन ट्रस्ट बैरोमीटर-2019’ रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक विश्वसनीयता सूचकांक में तीन अंक के सुधार के साथ भारत 52 अंक पर पहुंच गया है। ये रिपोर्ट 27 बाजारों में किये गए ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है। इनमें 33,000 से अधिक लोगों के जवाब शामिल किये गए हैं।
ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में टॉप पर भारत
मोदी राज में भारत वैश्विक उपभोक्ता विश्वास (ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस) 2019 सर्वे में पहले पायदान पर है। नेल्सन के सर्वे के अनुसार भारत में वैश्विक उपभोक्ता विश्वास सबसे ज्यादा है। इस सर्वे के परिणाम दर्शाते हैं कि भारत में उपभोक्ता का विश्वास दो साल के शीर्ष पर है। नेल्सन के इस सर्वे में 64 देशों के 32 हजार उपभोक्ताओं ने हिस्सा लिया। भारत कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (CCI) में 133 अंकों के साथ पहले पायदान पर है। सर्वे में 131 अंकों के साथ फिलीपिंस दूसरे और 127 अंकों के साथ इंडोनेशिया तीसरे पायदान पर है।