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प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भारत ने लगाई 6 पायदान की छलांग, रैंकिंग में 43 से 37वें स्थान पर पहुंचा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दुनियाभर में भारत की साख मजबूत हुई है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की तमाम रैंकिंग में सुधार हुआ है। अब भारत इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (आइएमडी) के सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक में 6 अंकों की छलांग लगाकर 43वें से 37वें स्थान पर पहुंच गया है। आइएमडी के अनुसार 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धा में महत्त्वपूर्ण सुधार देखा गया है और भारत ने एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से वृद्धि की है। 63 देशों की सूची में डेनमार्क पहले और स्विट्जरलैंड दूसरे स्थान पर है। इस रैंकिंग के बढ़ने से पता चलता है कि देश में लोगों तक सुविधाओं और सेवाओं की पहुंच बेहतर हुई है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की तमाम रैंकिंग में सुधार हुआ है। नजर डालते हैं ग्लोबल रैंकिंग में भारत की कुछ अहम उपलब्धियों पर…

बौद्धिक संपदा रैंकिंग में सुधार,आईपी स्कोर बढ़कर 38.6 प्रतिशत पर
हाल ही में यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की ओर से बौद्धिक संपदा अधिकार व्यवस्था पर जारी एक वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने अपने समग्र आईपी स्कोर में 38.4 प्रतिशत से 38.6 प्रतिशत तक सुधार किया है और अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में 55 देशों में से 43 वें स्थान पर पहुंच गया है। यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह संकेतक 32 पर स्कोर वृद्धि को दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह समीक्षा स्वागत योग्य है और भारत के राष्ट्रीय आईपी पर्यावरण की ताकत और कमजोरियों का व्यापक और विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, इनोवेटर्स और क्रिएटर्स बेहतरीन और उज्ज्वल कल देने के लिए लगातार होड़ कर रहे हैं।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट, भारत में कम हुआ भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार के प्रति मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति रही है। मोदी सरकार की इस सख्ती का असर भी देखाई दे रहा है। पिछले एक साल में भारत में भ्रष्टाचार कम हुआ है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के नवीनतम भ्रष्टाचार संवेदन सूचकांक (सीपीआइ 2021) में भारत एक अंक चढ़कर 85वें स्थान पर आ गया है। 2020 में भारत 86वें स्थान पर था। इस सूचकांक में 180 देशों और क्षेत्रों को अंक दिए गए हैं। इसमें भारत को 40 अंक मिले हैं। वहीं डेनमार्क, न्यूजीलैंड और फिनलैंड 88-88 अंकों के साथ पहले स्थान पर है। जबकि दक्षिण सूडान 11 अंकों के साथ सबसे निचले स्थान पर है। उधर अमेरिका दो स्थान लुढ़कर 27वें पायदान पर पहुंच गया है। जहां तक भारत के पड़ोसी देशों की बात है तो चीन को छोड़कर सभी उससे पीछे हैं। चीन को 45 अंक मिले हैं। पाकिस्तान 28 अंकों के साथ 16 पायदान और नीचे गिर गया है।

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में भारतीय पासपोर्ट ने लगाई 7 पायदान की छलांग
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय पासपोर्ट वैश्विक स्तर पर और ज्यादा मजबूत हो गया है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स इंडेक्स में भारतीय पासपोर्ट 7 पायदान ऊपर चढ़कर 83वें स्थान पर पहुंच गया, पिछले साल साल 2020 में यह 90वें स्थान पर था। अब भारतीय पासपोर्ट आपको 60 देशों में वीजा-मुक्त पहुंच की अनुमति देता है। इसके पहले आप सिर्फ 58 देशों में बिना वीजा के जा सकते थे। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स इंडेक्स के मुताबिक हालिया रिपोर्ट में जापान और सिंगापुर शीर्ष रैंकिंग पर बने हुए हैं।

जलवायु प्रदर्शन सूचकांक-2022 : भारत लगातार तीसरे साल शीर्ष 10 में शामिल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसका नतीजा है कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (सीसीपीआई) 2022 में भारत लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देशों में अपना स्थान बरकरार रखा है। 9 नवंबर, 2021 को COP-26 की ओर से जर्मनवाच द्वारा रिपोर्ट जारी की गई। इसमें बताया गया कि किसी भी देश ने सभी श्रेणियों में इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया कि सीसीपीआई में समग्र रूप से उच्च रैंकिंग प्राप्त कर सके। इसलिए ओवरऑल रैंकिंग में एक बार फिर पहले तीन स्थान को खाली रखा गया हैं। डेनमार्क को चौथा स्थान दिया गया है, जो सीसीपीआई 2022 में सर्वोच्च रैंक वाला देश है। वहीं इस सूचकांक में भारत 10वें और देशों के क्रम में सातवें स्थान पर कायम है। गौरतलब है कि मोदी सरकार बनने के समय साल 2014 में भारत 31वें स्थान पर था। 

विनिर्माण जोखिम पावर इंडेक्स में दुनिया के भारत चौथा सबसे प्रभावशाली देश
लॉवी इंस्टीट्यूट ने एशिया पावर इंडेक्स में भारत दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में चौथे स्थान पर है। भारत को एशिया की मध्य शक्ति के रूप में दर्शाया गया है। यह खुलासा ऑस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी स्थित लॉवी इंस्टीट्यूट ने एशिया पावर इंडेक्स 2021 रिपोर्ट में हुआ है। इसमें 26 देशों की सूची जारी की गई है, जिसमें पहले नंबर पर अमेरिका, दूसरे पर चीन, तीसरे पर जापान और चौथे नंबर पर भारत है।

फ्लाइट कैपिसिटी रिकवरी इंडिकेटर में ऊंची उड़ान
इस कोविड रेसीलियंस रैंकिंग में 12 इंडिकेटर के आधार पर राष्ट्रों का आकलन किया गया है। इनमें भारत की रैंकिंग में सबसे अहम योगदान नवंबर में दुनिया के कई देशों से वैक्सीनेटेड नागरिकों के लिए अपनी सीमाओं को फिर खोलने के फैसले को लेकर रहा। इसी माह में फ्लाइट क्षमता को बढ़ाकर फिर से 2019 के स्तर तक पहुंचाने की रही। इससे लोगों को बिजनेस और यात्रा दोबारा से शुरू करने में मदद मिली। इसकी बदौलत भारत अब फ्लाइट कैपिसिटी रिकवरी इंडिकेटर में टॉप 10 की सूची में शामिल है। भारत में नवंबर-दिसंबर में प्रति व्यक्ति संक्रमण की दर कम रही है। इसके अनुसार 1 लाख लोगों में से सिर्फ 23 लोग ही संक्रमित हैं। वहीं वित्तीय वर्ष 2022 में जीडीपी को लेकर 9.5% का अनुमान विश्व में सबसे अधिक है जो कि अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर संकेत है। 

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 46वें स्थान पर पहुंचा भारत
व‌र्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी आर्गनाइजेशन (डब्ल्यूआइपीओ) की ओर से जारी ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2021 में भारत दो पायदान की छलांग लगाकर 46वें स्थान पर पहुंच गया। डब्ल्यूआइपीओ के मुताबिक यह रैंकिंग सरकारी और निजी शोध संस्थानों द्वारा शानदार काम और बेहतर स्टार्टअप इकोसिस्टम का प्रमाण है। परमाणु ऊर्जा विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, बायोटेक्नोलाजी विभाग एवं अंतरिक्ष विभाग जैसे विभागों ने भारत के नेशनल इनोवेशन इकोसिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। मोदी सरकार के पिछले सात साल में भारत ने इस सूचकांक में जबरदस्त तरक्की की है। 2015 में जहां भारत का जीआईआई 81 था, वहीं 2021 में यह 46वें पायदान पर पहुंच गया है। 

भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे आकर्षक मैन्‍युफैक्‍चरिंग हब
अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया का दूसरा सबसे आकर्षक मैन्‍युफैक्‍चरिंग हब बन गया। रियल एस्टेट कंसल्‍टेंट कुशमैन एंड वेकफील्ड के मुताबिक, ग्‍लोबल मैन्‍युफैक्‍चरिंग रिस्‍क इंडेक्‍स- 2021 में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर पहुंच गया। पिछले साल की रिपोर्ट में अमेरिका दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर था। इस रैंकिंग से पता चलता है कि अमेरिका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की तुलना में मैन्‍युफैक्‍चरर भारत को ज्‍यादा पसंद कर रहे हैं। यह इंडेक्‍स यूरोप, अमेरिका और एशिया-पैसेफिक (एपीएसी) के 47 देशों में से ग्‍लोबल मैन्‍युफैक्‍चरिंग के लिए आकर्षक या प्रॉफिटेबल डेस्टिनेशन की रैंकिंग करता है। 

व्यापार सुविधा रैंकिंग में 11.83 प्रतिशत अंक की उछाल
मोदी सरकार की व्यापार प्रोत्साहन योजनाओं को असर वैश्विक स्तर पर देखने को मिला है। इन सुधारों की वजह से भारत की व्यापार सुविधा रैंकिंग बेहतर हुई। वित्त मंत्रालय के मुताबिक डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार सुविधा पर संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक सर्वेक्षण में भारत की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ। भारत ने 2021 के सर्वेक्षण में 90.32 प्रतिशत अंक हासिल किए, जबकि इससे पहले 2019 में उसे 78.49 प्रतिशत अंक मिले थे। दुनिया भर की 143 अर्थव्यवस्थाओं के मूल्यांकन के बाद 2021 के सर्वेक्षण में भारत की स्थिति पारदर्शिता, संस्थागत व्यवस्था और सहयोग, कागज रहित व्यापार सहित कई लिहाज से बेहतर हुई।

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट में भारत की स्थिति सुधरी
संयुक्त राष्ट्र की विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट-2021 में भारत को 139वां स्थान मिला। वर्ष 2019 में भारत 140वें पायदान पर था। संयुक्त राष्ट्र स्थायी विकास उपाय नेटवर्क की ओर से जारी रिपोर्ट में कोरोना और उससे लोगों पर पड़ने वाले असर पर ध्यान केंद्रित किया गया। सूची में अमेरिका को 19वां और पाकिस्तान को 105वां स्थान मिला।

वैश्विक एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स 2020 में 74वें स्थान पर भारत
विश्व आर्थिक मंच ने 13 मई, 2020 को वैश्विक एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स 2020 जारी किया। इस सूचकांक में भारत को 74 वां स्थान प्राप्त हुआ। भारत की रैंकिंग में दो स्थानों का सुधार हुआ। सूचकांक के मुताबिक मोदी सरकार द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा में सुधार की वजह से यह संभव हो सका। इस सूचकांक में स्वीडेन ने लगातार तीसरे वर्ष सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया।

रिसॉल्विंग इन्सॉल्वेंसी इंडेक्स
विश्व बैंक के रिसॉल्विंग इन्सॉल्वेंसी इंडेक्स 2019 में 56 अंकों की छलांग लगाकर भारत 52वें पायदान पर पहुंच गया। यूपीए सरकार के दौरान 2014 में भारत 137वें स्थान पर था। रिसॉल्विंग इन्सॉल्वेंसी इंडेक्स में भारत का यह बेहतर प्रदर्शन मोदी सरकार की ओर से सन 2016 में लागू इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 (IBC) के कारण संभव हो सका है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 63वें स्थान पर पहुंचा भारत
विश्वबैंक की कारोबारी सुगमता पर संशोधित रैंकिंग में भारत ने चीन को नीचे धकेल दिया। कारोबारी सुगमता की संशोधित रैंकिंग में भारत 14 पायदान की छलांग लगाकर 63वें स्थान पर पहुंच गया। भारत ने पिछले पांच साल (2014- 2019) में 79 पायदान की छलांग लगायी। विश्वबैंक की संशोधित रिपोर्ट में चीन की रैंकिंग सात अंक गिरकर 85वें स्थान पर पहुंच गई। इसके पहले चीन के साथ कई देशों के गलत आंकड़े पेश करने पर अगस्त 2020 में विश्वबैंक ने अक्टूबर 2020 में आने वाली रैंकिंग लिस्ट पर रोक लगा दी थी।

विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में चार पायदान की छलांग
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में भारत का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। डिजिटल प्रतिस्पर्धा के मामले में भारत ने चार पायदान की छलांग लगायी। भारत अब 44 वें स्थान पर पहुंच गया है। आईएमडी की विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धात्मकता रैकिंग 2019 के अनुसार, भारत 2018 में 48वें स्थान से आगे बढ़कर 2019 में 44वें पर पहुंच गया। भारत ने सभी कारकों ज्ञान, प्रौद्योगिकी और भविष्य की तैयारी के मामले में काफी सुधार दर्ज किया है। अमेरिका इस लिस्ट में पहले स्थान पर है।

विश्व यात्रा पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक में छह पायदान की छलांग
वैश्विक यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019 में छह पायदान की छलांग लगाकर भारत 34वें स्थान पर पहुंच गया है। वर्ष 2017 में भारत 40वें स्थान था, जबकि सन 2013 में 65वें स्‍थान पर था। मोदी सरकार के दौरान रैंकिंग में भारत ने 31 पायदान की छलांग लगाई है। विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के अनुसार इसकी वजह प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन के मामले में भारत का समृद्ध होना और कीमत के लिहाज से बेहद प्रतिस्पर्धी होना है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत दक्षिण एशिया में सबसे प्रतिस्पर्धी यात्रा-पर्यटन अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

भारत की ईज ऑफ ट्रैवल रैंकिंग में सुधार
भारत की ईज ऑफ ट्रैवल रैंकिंग में सुधार हुआ है। भारत ने 2019 के लिए जारी की गई हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में 80वां स्थान हासिल किया है। पिछले साल 2018 में भारत 81वें स्थान पर था और 2015 में जब बार इलेक्ट्रॉनिक वीजा या ई-वीजा की शुरुआत की गई थी तब भारत 88वें स्थान पर था। अब भारतीय पासपोर्ट धारक 60 देशों में वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं।

विश्व के सबसे भरोसेमंद देशों में शामिल हुआ भारत
भारत अब कारोबार, सरकार, एनजीओ और मीडिया के मामले में विश्व के सबसे भरोसेमंद देशों में शामिल हो गया है। ‘एडलमैन ट्रस्ट बैरोमीटर-2019’ रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक विश्वसनीयता सूचकांक में तीन अंक के सुधार के साथ भारत 52 अंक पर पहुंच गया है। ये रिपोर्ट 27 बाजारों में किये गए ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है। इनमें 33,000 से अधिक लोगों के जवाब शामिल किये गए हैं।

वैश्विक आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक में 26वीं पायदान पर
मोदी राज में वैश्विक आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक (Economic Freedom Of the World Ranking) 2021 के सूचकांक में, भारत 56.5 अंकों के साथ, एशिया-प्रशांत देशों के बीच मध्य स्थान पर; 40 देशों में से 26 वें स्थान पर आया।  यद्यपि इसका समग्र स्कोर अपरिवर्तित है, लेकिन व्यावसायिक स्वतंत्रता में सुधार किए गए थे। न्यायिक प्रभावशीलता और अन्य अंकों में गिरावट से इसकी भरपाई हुई।

ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में टॉप पर भारत
मोदी राज में भारत वैश्विक उपभोक्ता विश्वास (ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस) 2019 सर्वे में पहले पायदान पर है। नेल्सन के सर्वे के अनुसार भारत में वैश्विक उपभोक्ता विश्वास सबसे ज्यादा है। इस सर्वे के परिणाम दर्शाते हैं कि भारत में उपभोक्ता का विश्वास दो साल के शीर्ष पर है। नेल्सन के इस सर्वे में 64 देशों के 32 हजार उपभोक्ताओं ने हिस्सा लिया। भारत कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (CCI) में 133 अंकों के साथ पहले पायदान पर है। सर्वे में 131 अंकों के साथ फिलीपिंस दूसरे और 127 अंकों के साथ इंडोनेशिया तीसरे पायदान पर है।

ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडेक्स में 10वें स्थान पर भारत
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनियाभर में भारत की साख मजबूत हुई है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की तमाम रैंकिंग में सुधार हुआ है। अब आईटीयू ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडेक्स 2020 में 37 स्थान की छलांग लगाकर भारत 10वें स्थान पर पहुंच गया है। ग्‍लोबल साइबर सिक्‍योरिटी इंडेक्‍स में भारत इससे पहले 47वें स्‍थान पर था। इंटरनेशनल टेलिकम्युनिकेशन यूनियन की तरफ से जारी GCI 2020 के अनुसार साइबर सिक्योरिटी के मामले में भारत को 100 में से 97.5 अंक मिले हैं। पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत चौथे स्थान पर है, एशिया प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया और जापान भारत से आगे है। चीन और पाकिस्‍तान भारत से काफी पीछे है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की ओर से की गई इस स्‍टडी में चीन 33वें और पाकिस्‍तान 79वें स्‍थान पर है।

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