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हाथरस मामले में एक और खुलासा: हिंसा की साजिश रचने वाला PFI का चेयरमैन अब्दुल सलाम निकला सरकारी कर्मचारी

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हाथरस मामले में नए-नए विस्फोटक खुलासे हो रहे हैं। दंगे की साजिश में कांग्रेसी नेताओं के शामिल होने से जुड़े रिपब्लिक भारत टीवी चैनल के स्टिंग के साथ ही एबीपी न्यूज ने एक बड़ा खुलासा किया है। दरअसल, एबीपी न्यूज और रिपब्लिक के खुलासे यह स्पष्ट कर रहे हैं कि कैसे हाथरस के बहाने असामाजिक तत्व अपने नापाक इरादों को अंजाम देने में लगे हैं और सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर मोदी सरकार और योगी सरकार को बदनाम करने पर तुले हैं। एबीपी न्यूज पर हाथरस केस को लेकर दंगों की साजिश रचने वाले PFI को लेकर बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। चैनल पर बताया गया है कि हाथरस की वारदात के बाद यूपी में बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने की साजिश हो रही है और इस साजिश में पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ सामने आया है।

अब्दुल सलाम केरल का सरकारी कर्मचारी

बताया जा रहा है कि PFI का चेयरमैन केरल में सरकारी कर्मचारी है। PFI का चेयरमैन ओ एम अब्दुल सलाम केरल में बिजली विभाग में काम करता है। अब्दुल सलाम केरल विद्युत बोर्ड में वरिष्ठ सहायक सह कैशियर के पद पर तैनात है। एबीपी न्यूज के मुताबिक उसके पास पीएफआई के चेयरमैन की कई जानकारियां हैं। दरअसल, यही वह शख्स है जो सरकारी कर्मचारी रहते हुए देश में हिंसा की साजिश रच रहा है। अब्दुल सलाम साल 2000 से सरकारी नौकरी कर रहा है। वह केरल के मल्लापुरम जिले का रहने वाला है। अब्दुल पर बिना इजाजत विदेश जाने के भी आरोप लगे हैं।

योगी सरकार का आरोप

अब्दुल सलाम उस पीएफआई संगठन का मुखिया है, जिस पर यूपी के हाथरस में दंगा भड़काने की साजिश का आरोप है। यूपी सरकार की ओर से कहा गया है कि पीएफआई हाथरस कांड में पीड़ित लड़की की मौत को मुद्दा बनाकर जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रच रही थी। जाहिर है, बार-बार के खुलासों से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि हिन्दू समाज को बांटने के लिए हाथरस का इस्तेमाल प्रयोगशाला के तौर पर किया जा रहा है।  

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