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रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर, दूसरी तिमाही में नौकरियों की संख्या में दो लाख की वृद्धि, 32.1 प्रतिशत हुई महिलाओं की हिस्सेदारी

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कोरोना महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था को काफी झटका लगा है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व और उनकी सरकार के प्रयासों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस के शिकंजे से बाहर निकालने में मदद की है। आज देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। इसका असर रोजगार के क्षेत्र में भी दिखाई दे रहा है। सोमवार (10 जनवरी, 2021) को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने श्रम ब्यूरो  द्वारा तैयार तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (QES) को जारी किया। बीते साल जुलाई से सितंबर के दौरान नौ चयनित क्षेत्रों में कुल रोजगार की संख्या बढ़कर 3.10 करोड़ हो गई। यह अप्रैल-जून 2021 की तिमाही के मुकाबले दो लाख अधिक है। अप्रैल-जून 2021 में नौ चुनिंदा क्षेत्रों में कुल रोजगार 3.08 करोड़ था।

जिन नौ क्षेत्रों में रोजगार के ढेरों अवसर बने हैं, उनमें विनिर्माण, निर्माण, व्यापार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्टोरेंट, आईटी / बीपीओ और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं। मोदी सरकार के मुताबिक ये आंकड़े कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद लॉकडाउन प्रतिबंधों के हटने से आर्थिक गतिविधियों में हुए सुधार को दर्शाते हैं। गौरतलब है कि श्रम मंत्रालय की यह दूसरी रिपोर्ट है। पहली रिपोर्ट अप्रैल-जून 2021 की थी। इस अध्ययन में 10 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को शामिल किया गया था। केंद्रीय श्रम मंत्री के मुताबिक इन अध्ययनों से सरकार को साक्ष्य आधारित नीति बनाने में मदद मिलगी। वहीं कोरोना की तीसरी लहर के कारण अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने की आशंका जतायी जा रही है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से मोर्चा संभालकर अर्थव्यवस्था और लोगों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाना शुरू कर दिया है।

महिलाओं की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी

रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है। श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई से सितंबर 2021 की दूसरी तिमाही में कुल रोजगार में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़कर 32.1 प्रतिशत पर पहुंच गई। जबकि इसके पहले अप्रैल-जुलाई तिमाही में यह 29.3 प्रतिशत थी। श्रम बल में महिलाओं की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ने पर देश की आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) को अधिक तेज रफ्तार मिलती है। विशेषज्ञों के मुताबिक वर्क फ्रॉम होम और डिजिटल के बढ़ते उपयोग से महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिल रहे हैं।

87 प्रतिशत हुआ नियमित रोजगार

केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में कुल रोजगार में 87 प्रतिशत हिस्सेदारी नियमित रोजगार की रही है। इसमें ठेके पर रखे जाने वाले श्रम बल की हिस्सेदारी महज दो प्रतिशत है। मंत्री के मुताबिक नौ क्षेत्रों में से कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में 20 प्रतिशत रोजगार ठेके पर आधारित थे। वहीं 6.4 प्रतिशत नियमित थे। इसके अलावा कुल अनुमानित नौकरियों में 39 प्रतिशत केवल मैन्युफेक्चरिंग क्षेत्र में थीं, जिसके बाद 22 प्रतिशत के साथ शिक्षा और क़रीब 10-10 प्रतिशत के साथ, स्वास्थ्य और आईटी-बीपीओ क्षेत्र थे।

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