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स्वदेशी स्मार्टफोन कंपनियों के लिए अच्छी खबर, 12 हजार से सस्ते चाइनीज फोन पर लगेगा बैन

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भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मार्केट है। सस्ते मोबाइल फोन और खिलौनों के मामले में चीन लंबे समय से भारतीय बाजार पर कब्जा जमा रखा है। इसमें जहां एक ओर पिछली सरकारों की गलत नीति रही वहीं भारत में उत्पादन पर उतना जोर नहीं था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने पर मेक इन इंडिया अभियान की शुरुआत की गई जिससे भारत के हर उद्योग को पनपने के लिए पंख मिला। मेक इन इंडिया अभियान की सफलता के बाद पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के आह्वान से युवाओं एवं उद्यमियों को जोड़ने का काम किया है। पीएम मोदी की इस दूरदर्शी सोच का ही परिणाम है कि खिलौना उद्योग ने कुछ ही वर्षों के भीतर विकास के नए आयाम गढ़े हैं। पिछले तीन साल में भारतीय खिलौना बाजार में जबरदस्त तेजी आई है। अब सरकार चीन की स्मार्टफोन कंपनियों के 12 हजार मूल्य तक के फोन पर भारतीय बाजार में बिक्री पर रोक लगाने पर विचार कर रही है। इससे जहां स्वदेशी स्मार्टफोन कंपनियों के फलने फूलने का अवसर मिलेगा वहीं चीन की कंपिनयों द्वारा भारत में की जा रही टैक्स की चोरी पर भी लगाम लगाई जा सकेगी।

चीनी मोबाइल कंपनी Oppo को 4,389 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क का नोटिस

कुछ ही दिनों पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के ऊपरी सदन को सूचित किया कि राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) ने कुछ सामानों की गलत घोषणा के आधार पर ओप्पो को कुल 4,389 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क के लिए नोटिस जारी किया, जिसमें कम भुगतान हुआ है। सीतारमण ने कहा कि लगभग 2,981 करोड़ रुपये की ड्यूटी चार्ज चोरी किया गया है। भारत में सक्रिय चीनी मोबाइल निर्माण कंपनियों की धोखाधड़ी सामने के बाद से ही ये सरकार के रडार पर आ गई थी और यह अनुमान लगाया जा रहा था कि जल्द ही इन्हें बड़ा झटका लग सकता है। भारत सरकार ने तीन प्रमुख चीनी मोबाइल कंपनियों Xiaomi, Oppo और Vivo द्वारा कर चोरी के मामलों की जांच शुरू कर दी है। सरकार ने मामले में उन्हें नोटिस भी जारी कर दिए हैं। इन कंपनियों के खिलाफ दर्ज मामलों में सरकार ने आयकर चोरी और सीमा शुल्क उल्लंघन से लेकर धोखाधड़ी और मनी लान्ड्रिंग तक के आरोप लगाए हैं। ससे पहले हुआवे टेक्नोलॉजीज और जेडटीई कॉर्प के टेलीकॉम उपकरणों को बैन करने के लिए भारत सरकार ने अनौपचारिक साधनों का इस्तेमाल किया था।

Vivo के 40 ठिकानों पर छापे

इस मामले में ईडी ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ दर्ज मनी लांन्ड्रिंग मामले के संबंध में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कुछ दक्षिणी राज्यों सहित 40 से अधिक स्थानों पर कथित तौर पर तलाशी भी ली थी। इससे पहले जुलाई में, ईडी ने कथित तौर पर वीवो के भारत से जुड़े लगभग 119 बैंक खातों को सीज भी कर दिया था, जिसके तहत कथित मनी-लान्ड्रिंग की गई थी।

वीवो की 2,217 करोड़ सीमा शुल्क चोरी का लगा पता

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने वीवो मोबाइल इंडिया द्वारा लगभग 2,217 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी का पता लगाया है। Xiaomi को भी इस मामले में तीन नोटिस जारी किए गए हैं। बता दें शिओमी की अनुमानित शुल्क देनदारी लगभग 653 करोड़ रुपये है, जिसमें से उसने केवल 46 लाख रुपये जमा किए हैं।

Xiaomi, Oppo और Vivo को लगेगा झटका

भारत अपने लड़खड़ाते घरेलू उद्योग को किकस्टार्ट करने के लिए चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं को 12,000 रुपये से कम कीमत के डिवाइस बेचने से प्रतिबंधित करना चाहता है, जिससे Xiaomi, Oppo और Vivo ब्रांड को झटका लगा है। इस कदम का उद्देश्य दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल बाजार से चीनी दिग्गजों को बाहर निकालना है। भारत के एंट्री लेवल के बाजार से प्रतिबंध से Xiaomi और उसके साथियों को नुकसान होगा। इन कंपनियों का भारतीय बाजार में व्यापक स्तर पर पकड़ है जिस वजह से घरेलू मैन्यूफैक्चरर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

हुवावे पर भी लगे थे गंभीर आरोप

इसी साल 15 फरवरी 2022 को चीन की टेलिकॉम कंपनी हुवावे पर भी टैक्स चोरी के आरोप लगे थे. इसके चलते हुवावे के दिल्ली, गुरुग्राम और बेंगलुरू में कई ऑफिस पर इनकम टैक्स विभाग ने छापा भी मारा था. मार्च के महीने में जांच से पता चला कि कंपनी ने करीब 400 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है. कंपनी ने बहीखातों में हेरा-फेरी कर के टैक्स चोरी की थी. भारत सरकार ने हुवावे को 5जी सेवाओं की टेस्टिंग से भी बाहर रखा था.

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार

सरकार के इस फैसले का मकसद एंट्री लेवल सेगमेंट में घरेलू कंपनियों के दबदबे को कायम करना है। भारत इस वक्त दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार है, लेकिन कब्जा चाइनीज कंपनियों का है। मार्केट रिसर्च फर्म काउंटरप्वाइंट के अनुसार 150 डॉलर से कम के स्मार्टफोन ने जून 2022 तक तिमाही के लिए भारत की बिक्री की में एक तिहाई का योगदान दिया और इसमें चाइनीज कंपनियों का शिपमेंट 80% तक रहा है।

एप्पल इंक और सैमसंग के फोन पर नहीं पड़ेगा प्रभाव

इस कदम से ऐप्पल इंक या सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी को प्रभावित नहीं होने की आशा है। वजह यह बताई है कि दोनों कंपनियों के मोबाइल फोन 12 हजार से अधिक कीमत की है।

349 चाइनीज एप्स पर पहले ही लग चुका बैन

इससे पहले 2020 में सरकार ने एक बार में करीब 60 चाइनीज एप्स पर बैन लगाए थे और उसके बाद कई बार चाइनीज एप्स पर बैन लगाए गए। अभी तक करीब 349 चाइनीज एप्स पर बैन लगा दिया गया है। हाल ही में पबजी के नए अवतार बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया को सरकार के आदेश के बाद गूगल प्ले-स्टोर और एपल के एप से हटाया गया है।

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