कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा 4 फरवरी को किसान आंदोलन के दौरान मरे नवरीत सिंह के परिवार से मिलने रामपुर पहुंची। प्रियंका वाड्रा ने नवरीत सिंह के परिजनों से मुलाकात कर किसान आंदोलन पर चल रहे सियासत को और गर्म करने की कोशिश की। प्रियंका नवरीत सिंह की अंतिम अरदास में भी शामिल हुईं और परिवार से कहा कि नवरीत की शहादत व्यर्थ नहीं होने देंगे।
प्रियंका गांधी वाड्रा के रामपुर जाने पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रियंका गांधी पीड़ितों के यहां राजनीति करने जा रही है। काश वह एक बार राहुल गांधी के साथ 1984 सिख नरसंहार के पीड़ितों से भी मिलने गयी होती।
आज प्रियंका जी पीड़ितों के यहाँ राजनीति करने जा रही है ,काश एक बार, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा 84 सिख नरसंहार के पीड़ित से मिलने गए होते।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) February 4, 2021
प्रियंका वाड्रा ने नवरीत को शहीद बताने की कोशिश की जबकि 26 जनवरी को किसानों की ओर से निकाले गए ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली के आईटीओ के पास पुलिस बड़ी बैरिकेटिंग को तोड़ने की कोशिश में नवरीत सिंह का ट्रैक्टर पलट गया था, जिसके कारण उनकी मौत हो गई थी। नवरीत की मौत ट्रैक्टर पलटने से हुई लेकिन पार्टी उसे पुलिस की गोली लगने से हुई मौत बताती रही।
प्रियंका के इस कदम पर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने तंज कसते हुए कहा कि कम से कम लाल किले पर हुए उपद्रव में घायल हुए पुलिस वालों से ही मिल लेती।
26 जनवरी 2021 लाल किले पर हुए उपद्रव में घायल हुए पुलिस वालों से ही मिल लेते।।
— राजेश ??? (@bishnoi_rajesh) February 4, 2021
वहां नहीं जायेगे क्योंकि वहां जाके फायदा नहीं होगा । क्योंकि ये तो देश विरोधी है तो ये समान मे क्या जायेगे ।
— Surendra Kumar (@Surendr23063321) February 4, 2021
और दूसरी तरफ कॉंग्रेसीं जो आज तक दंगा में मारे गए लोगों के पीड़ित परिवारो से गांधी खानदान मिलने तक नहीं गए, सिखों का नरसंहार कराने वाली कॉंग्रेस ने आज तक सिखों से माॅफी तक नहीं मांगी,सिख दंगों का एक आरोपी जगदीश टाइटलर को कॉंग्रेस ने बचाया, वह आज भी कॉंग्रेस का सदस्य है।
— DEEPAK SINGH (@DEEPAKS70045940) February 4, 2021
सारा विश्व जानता है ?1984 में सिक्खों के कत्ल इन दोनों किसानों के बाप ने ही करवाएं थे? लेकिन आज यही कांग्रेसी सिक्खों के सबसे प्यारे हैं ? क्यों कि इन कांग्रेसियों ने सिक्खों को एक बार फिर खलिस्तान के सपने दिखा दिया हैं ?
— suresh (@punditreforms12) February 4, 2021