राजस्थान कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। सचिन पायलट ने कांग्रेस से बगावत कर पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र की पोल खोलकर रख दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस में आलाकमान के प्रति निष्ठा रखने वाले नेताओं को अहम जिम्मेदारियां मिलती हैं, जबकि युवा और जमीन से जुड़े नेताओं को दरकिनार किया जाता है। जो भी नेता पार्टी की नकारात्मक राजनीति के खिलाफ कुछ बोलने की हिम्मत करता है, उसकी आवाज दबा दी जाती है। सचिन पायलट और संजय झा इसके ताजा शिकार है। वहीं कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
राजस्थान सरकार में उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से अशोक गहलोत और उनके करीबी उन्हें निशाना बनाने लगे थे और ऐसे में उनके लिए स्वाभिमान की रक्षा करना मुश्किल हो गया था। उन्होंने अपनी पीड़ा को ट्विट के माध्यम से व्यक्त करते हुए कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है, पारजित नहीं।
सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) July 14, 2020
इसी तरह का ट्विट सोमवार को रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने भी किया था। उनका यह ट्वीट उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर हृदय नारायण दीक्षित द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराने की उनकी पार्टी की दलीलों को खारिज करने के बाद आया।
सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं।
— Aditi Singh (@AditiSinghRBL) July 13, 2020
बता दें कि अदिति सिंह को पार्टी के ह्विप क उल्लंघन करते हुए पिछले साल 2 अक्टूबर को विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। लेकिन अदिति सिंह ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। उन्हें उनके जवाब के लिए पार्टी की तरफ से रिमाइंडर भेजा गया था, फिर भी उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया। इसके बाद पार्टी ने विधानसभा से अयोग्यता के लिए याचिका दायर की थी। इससे पहले मजदूरों के लिए कांग्रेस की तरफ से बस चलाए जाने की पेशकश पर अपनी पार्टी को नसीहत देने पर विधायक अदिति सिंह को निलंबित कर दिया गया। उन्हें कांग्रेस की महिला विंग की महासचिव पद से भी हटा दिया गया था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। कुछ ही महीने पहले दिसंबर 2019 में उन्होंने सचिन पायलट और अदिति सिंह की तरह ही ट्विट किया था। तब वह कांग्रेस पार्टी में थे। उन्होंने ट्विट में लिखा था कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं।
उधर कांग्रेस नेता एवं पूर्व प्रवक्ता संजय झा को ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता’’ के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। पार्टी की महाराष्ट्र इकाई ने मंगलवार को यह जानकारी दी। संजय झा का गुनाह बस इतना था कि उन्होंने राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में मची कलह पर भी अपनी राय रखते हुए सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की सलाह दी थी, जो पार्टी को नागवार गुजरा।
Shri Sanjay Jha has been suspended from the Congress Party with immediate effect for anti-party activities and breach of discipline. pic.twitter.com/TaT0gWbCc7
— Maharashtra Congress (@INCMaharashtra) July 14, 2020
कांग्रेस से निलंबित किए जाने के बाद संजय झा ने ट्विट कर कहा कि मेरी वफादारी कांग्रेस की विचारधारा के प्रति है। मेरी निष्ठा किसी व्यक्ति या परिवार के प्रति नहीं है। मैं ऐसे मुद्दे उठाता रहूंगा जो अपनी पार्टी के पुनरुत्थान के लिए मौलिक हैं। लड़ाई अभी शुरू हुई है।
My loyalty is to the Congress ideology. My fidelity is not to any individual or family.
I remain a Gandhi-Nehruvian idealist ( a vanishing breed within Congress). I will continue to raise issues that are fundamental to the resurgence of my party.
The battle has just begun.
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) July 15, 2020