प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के इस संकट ने World Culture के साथ ही Nature of Job को भी बदलकर के रख दिया है। बदलती हुई नित्य नूतन टेक्नोलॉजी ने भी उस पर प्रभाव पैदा किया है। उन्होंने कहा कि एक सफल व्यक्ति की बहुत बड़ी निशानी होती है कि वो अपनी स्किल बढ़ाने का कोई भी मौका जाने ना दे।
पीएम मोदी ने कहा कि स्किल सिर्फ रोजी-रोटी और पैसे कमाने का जरिया नहीं है। जिंदगी में उमंग चाहिए, उत्साह चाहिए, जीने की जिद चाहिए तो स्किल हमारी ड्राइविंग फोर्स बनती है, हमारे लिए नई प्रेरणा लेकर आती है। उम्र कोई भी हो, अगर आप नई-नई स्किल सीख रहे हैं, तो जीवन के प्रति उत्साह कभी कम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि Skill के प्रति अगर आप में आकर्षण नहीं है, कुछ नया सीखने की ललक नहीं है तो जीवन ठहर जाता है। एक रुकावट सी महसूस होती है। एक प्रकार से वो व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को, अपनी Personality को ही बोझ बना लेता है। वहीं skill के प्रति आकर्षण, जीने की ताकत देता है, जीने का उत्साह देता है।
उन्होंने कहा कि Skill आपके काम की ही नहीं, आपकी भी प्रतिभा को, प्रभाव को, प्रेरक बना देती है। और साथियों यहां एक और चीज समझनी बहुत जरूरी है। कुछ लोग knowledge और skill को लेकर के हमेशा confusion में रहते हैं, या confusion पैदा करते हैं। कुछ लोग नॉलेज और स्किल को लेकर हमेशा कंफ्यूज रहते हैं। इस फर्क को समझना शासन से लेकर समाज के हर स्तर पर बहुत जरूरी होता है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज के दौर में प्रासंगिक रहने का अर्थ है -स्किल, री-स्किल और अपस्किल। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती हुई आज की दुनिया में अनेक सेक्टरों में लाखों कुशल लोगों की जरूरत है, विशेषकर स्वास्थ्य सेवाओं में तो बहुत बड़ी संभावनाएं बन रही हैं। यही समझते हुए अब कौशल विकास मंत्रालय ने दुनिया भर में बन रहे इन अवसरों की मैपिंग शुरू की है। कोशिश यही है कि भारत के युवा को अन्य देशों की जरूरतों के बारे में, उसके संबंध में भी सही और सटीक जानकारी मिल सके।