केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। आज 29 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच साल तक बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह योजना 1 जनवरी, 2024 से लागू होगी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मोदी सरकार लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराएगी। पीएमजीकेएवाई विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक कल्याण योजनाओं में शामिल है। इसका उद्देश्य अगले 5 साल तक 11.80 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 81.35 करोड़ व्यक्तियों के लिए भोजन और पोषण संबंधी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
देश के गरीबों का कल्याण हमेशा से मोदी जी की प्राथमिकता रही है और मोदी सरकार ने गरीब कल्याण के मंत्र को जमीन पर चरितार्थ करके दिखाया है।
केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY)’ को अगले 5 वर्ष तक जारी रखने के लिए मैं मोदी जी को ह्रदय से धन्यवाद देता… pic.twitter.com/3rNAthGVuH
— Amit Shah (@AmitShah) November 29, 2023
फैसले के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में लगभग 13.50 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर आए हैं, जो अपने आप में मोदी सरकार की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसी तरह कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की गई थी जिसका काफी असर देखा गया है, कैबिनेट ने यह निर्णय लिया है कि इस योजना को 1 जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया जाएगा। 81 करोड़ भारतीयों को इससे लाभ मिलना है।
#WATCH | Union Minister Anurag Thakur says, “In the last five years, around 13.50 crore Indians rose above the poverty level. This is a big achievement of the Modi Government. Similarly, during the COVID-19 pandemic, the Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana was introduced.… pic.twitter.com/W9lhquhaUT
— ANI (@ANI) November 29, 2023
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च, 2020 को लॉकडाउन के प्रभाव से 81 करोड़ गरीबों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के एक हिस्से के रूप में सरकार ने महिलाओं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों, किसानों को मुफ्त में अनाज देने और नकद भुगतान करने की घोषणा की। इस पैकेज के तेजी से कार्यान्वयन पर केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से लगातार पैनी नजर रखी गई। राहत के उपाय तेजी से जरूरतमंदों तक पहुंच सके इसके लिए फिनटेक और डिजिटल तकनीक का उपयोग किया गया। डीबीटी यह सुनिश्चित करता है कि राशि सीधे लाभार्थी के खाते में ही जमा हो। डीबीटी से धनराशि के कहीं और न जाने की गुंजाइश ही नहीं रहती।
पीएम गरीब कल्याण धन योजना के तहत किसानों, मनरेगा, गरीब विधवा, गरीब पेंशनधारी और दिव्यांगों, और जनधन अकाउंट धारी महिलाओं, उज्ज्वला योजना की लाभार्थी महिलाएं, स्वयं सेवा समूहों की महिलाओं और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों को मदद दी गई है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में हर गरीब को 5 किलो का अतिरिक्त गेहूं और चावल, यानी कुल 10 किलो का गेहूं या चावल मिला है। इसके साथ ही उन्हें 1 किलो दाल भी मिला है।
अतिरिक्त खाद्यान्न 5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति माह के आधार पर दिया गया है, जो उनके नियमित मासिक राशन वाले अनाज के अलावा उन्हें प्राप्त हुआ है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना रहा कि कोई भी गरीब, कमजोर या जरूरतमंद लाभार्थी या उसका परिवार महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट के दौरान अनाज की कमी के कारण परेशान नहीं होना चाहिए।
पहले 2020-21 के दौरान पीएम-जीकेएवाई योजना की घोषणा केवल तीन महीने अप्रैल, मई और जून 2020 (पहले चरण) के लिए की गई थी। बाद में, गरीबों और जरूरतमंद लाभार्थियों की खाद्य-सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने इसे जुलाई से नवंबर 2020 (दूसरे चरण) तक पांच महीने की अवधि के लिए और बढ़ा दिया था।
कोरोना संकट के 2021-22 में जारी रहने के कारण अप्रैल 2021 में सरकार ने फिर से मई और जून 2021 (तीसरे चरण) और फिर जुलाई से नवंबर 2021 (चौथे चरण) तक पांच महीने के लिए बढ़ा दिया। इसके बाद, नवंबर 2021 में कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने मुफ्त अनाज का वितरण दिसंबर 2021 से मार्च 2022 (पांचवें चरण) तक जारी रखने का फैसला किया। प्रधानमंत्री मोदी ने PMGKAY को एक बार फिर अप्रैल 2022 से बढ़ाकर सितंबर 2022 तक कर दिया। सितंबर में सरकार ने पीएमजीकेएवाई की समयसीमा को तीन महीने के यानी 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया था। फिर इसे दिसंबर 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया। अब इसे पांच साल के लिए और दिसंबर 2028 तक बढ़ा दिया गया है।
पीएम-जीकेएवाई से हर गरीब तक पहुंचा मुफ्त अनाज- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि निर्धन कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में भी हम इसे लेकर प्रतिबद्ध रहे। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने देशवासियों को आश्वस्त किया है कि सरकार हर मुसीबत में उनके साथ खड़ी है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कोरोना काल में 81 करोड़ से अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन की व्यवस्था करके दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश किया है। इस शताब्दी के सबसे बड़े संकट कोरोना महामारी के बावजूद भारत एक ऐसा देश बनकर उभरा जिसमें एक भी गरीब परिवार के घर में चूल्हा न जला हो, ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत 81 करोड़ देशवासियों को प्रति माह पांच किलो अनाज मुफ्त देने का काम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किया गया। इसके साथ ही वन नेशन- वन राशन कार्ड के कारण लगभग 93 करोड़ पोर्टेबिलिटी ट्रांसेक्शन से लोगों ने अपने अन्न को अपने घर की जगह कहीं और से लिया है।
IMF ने की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की तारीफ
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की तारीफ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी की है। आइएमएफ ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान मोदी सरकार ने जिस तरह से काम किया, वह काफी सराहनीय है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चलाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की तारीफ करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि इससे देश में गरीबी रोकने में मदद मिली है। इस योजना से कोरोना महामारी के समय में भी समाज के कमजोर वर्गों को लगातार बुनियादी सुविधाएं मिलती रही। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के माध्यम से महिलाओं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को मुफ्त में अनाज के साथ नकद सहायता मिली है।
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि 2019 में भारत में अत्यधिक गरीबी का स्तर 1 प्रतिशत से कम था जो वर्ष 2020 के दौरान भी उसी स्तर पर बना रहा। ‘महामारी, गरीबी और असमानता : भारत के सबूत’ पर जारी शोध के रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के कारण कोरोना काल में भी भारत में अत्यधिक गरीबी के स्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई। रिपोर्ट के अनुसार महामारी से पहले वर्ष 2019 में अत्यधिक गरीबी का स्तर 0.8 प्रतिशत था और इस खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम का प्रभाव यह हुआ कि यह महामारी वर्ष 2020 में भी उसी स्तर पर बना रहा। आईएमएफ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अत्यधिक गरीबी का स्तर लगातार दो साल तक निम्न स्तर पर बना रहना, इसमें भी एक साल तो महामारी का था, साबित करता है कि देश में तेजी से गरीबी उन्मूलन हो रहा है। यह योजना देश में अत्यधिक गरीबी के स्तर में बढ़ोतरी रोकने में अहम रही है। इसने कोरोना काल के दौरान गरीबों की आय पर लगे झटके को सहन करने में बड़ी मदद की है।