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दिल्ली सीमा पर जुटे किसानों को कोरोना के ‘सुपर स्प्रेडर’ बनने का खतरा, बुखार से पीड़ित होने वाले किसानों की बढ़ी तादाद

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कोरोना की दूसरी लहर ने फिर सरकार और आम लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। वहीं दिल्ली के चारों बॉर्डर पर जमे किसानों ने सरकार की चिंता और बढ़ा दी है, क्योंकि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर जुटे किसान कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे सकते हैं। कोरोना से बचाव के लिए प्रशासन टीकाकरण पर जोर दे रहा है, वहीं आंदोलन स्थल पर डटे प्रदर्शनकारी इसको लेकर पूरी तरह से लापरवाही बरत रहे हैं। 

एक जगह काफी तादाद में भीड़ एकत्रित होने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। कोरोना से बचाव के लिए प्रशासन की ओर से आंदोलनकारियों को टीका लगवाने का अनुरोध किया जा रहा है और आंदोलन स्थल पर इसके लिए कैंप भी लगाए गए हैं, लेकिन आंदोलनकारी इसके प्रति उदासीनता बरत रहे हैं। कुंडली बॉर्डर पर टीकाकरण के लिए कैंप लगाया गया था, लेकिन पिछले 15 दिनों में मात्र 490 किसानों ने ही टीका लगवाया। 

बढ़खालासा सीएचसी की एसएमओ डॉ. अवनीता कौशिक के अनुसार आंदोलन स्थल पर दो कैंप लगे हैं, जिसमें रोजाना करीब 30 से 35 आंदोलनकारियों को टीका लगाया जा रहा है। हालांकि आंदोलन स्थल पर फिलहाल 4 से 5 हजार लोगों की भीड़ है और इसके अनुसार बहुत ही कम लोग टीकाकरण को आगे आ रहे हैं।

गाजियाबाद के सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता ने बताया कि कोरोना जांच के लिए चिकित्सकों की टीम रोज एंटीजन किट एवं आरटी-पीसीआर सैंपल लेने के लिए वीटीएम वायल लेकर पहुंचती हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी जांच नहीं करा रहे हैं। कोरोना की जांच स्वेच्छा से की जाती है।

टीकरी बॉर्डर पर भाकियू (उगराहां) के प्रधान जोगेंद्र सिंह उगराहां पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इसके बावजूद टीकाकरण के लिए कोई भी आगे नहीं आ रहा है। इस बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारियों की संख्या करीब 10 से 12 हजार है, जिनमें लगभग सभी की उम्र 45 वर्ष से अधिक और इनमें से 75 प्रतिशत से अधिक संख्या 60 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग की ही है। 

कुंडली के आंदोलन स्थल पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाए गए कैंप में रोजाना करीब 100 मरीज आ रहे हैं। इनमें 20 से 25 मरीज बुखार से पीड़ित और इतने ही मरीज सर्दी-जुखाम के मिलते हैं, लेकिन अनुरोध के बाद भी ये कोरोना जांच नहीं करवा रहे हैं। यही नहीं, टीकरी, सिंघु या यूपी गेट पर भी बैठे आंदोलनकारी कोरोना की जांच नहीं करवाते हैं।

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