28 अप्रैल को शाम 5.30 बजे का समय भारतीय इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। मणिपुर के लाइसंग गांव में जब बिजली पहुंची तो इसके साथ ही मोदी सरकार ने इतिहास रच दिया। देश के प्रत्येक गांव तक बिजली पहुंचाने का प्रधानमंत्री मोदी का सपना पूरा हो गया, वो भी तय समय से पहले। इस उपलब्धि का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने ट्वीट में कहा कि, ‘28 अप्रैल 2018 को भारत की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा। कल हमने एक वादा पूरा किया, जिससे भारतीयों के जीवन में हमेशा के लिए बदलाव आएगा। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि अब भारत के हर गांव में बिजली सुलभ होगी।’
28th April 2018 will be remembered as a historic day in the development journey of India. Yesterday, we fulfilled a commitment due to which the lives of several Indians will be transformed forever! I am delighted that every single village of India now has access to electricity.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 29, 2018
प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि, ‘मैं सशक्त भारत को हकीकत बनाने की दिशा में जमीन पर कार्य करने वाले सभी लोगों के प्रयासों को सलाम करता हूं जिसमें अधिकारियों की टीम, तकनीकी कर्मी और अन्य लोग शामिल हैं। उनका यह प्रयास आने वाले वर्षो में हमारी पीढ़ियों को बहुत फायदा पहुंचायेगा।’
I salute the efforts of all those who worked tirelessly on the ground, including the team of officials, the technical staff and all others, to make this dream of a #PowerfulIndia a reality. Their efforts today will help generations of Indians in the coming years. pic.twitter.com/t8WjZgpNuT
— Narendra Modi (@narendramodi) April 29, 2018
1000 दिन का लक्ष्य 987 दिन में पूरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को लालकिला से एक हजार दिन के भीतर देश के सभी गांवों को रौशन करने के लक्ष्य की घोषणा की थी। उस समय देश के कुल 18,452 गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी। ये ऐसे गांव थे, जहां आजादी के करीब 70 साल बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी। इसके लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना शुरू की गई, जिसके तहत 987 दिन में ही लक्षय को पूरा कर लिया गया। देश के हर गांव में बिजली पहुंचाने की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत 75,893 करोड़ के बजट का आवंटन किया गया था। अब बिजली से रौशन होने वाले कुल गांवों की संख्या 597,464 हो गई है।
लाइसंग गांव में रहते हैं सिर्फ 65 लोग
नेशनल पॉवर ग्रिड से जुड़ने वाला आखिरी गांव लाइसंग मणिपुर के सेनापति जिले में है। सरदार हिल्स पर बसा हुआ यह एक छोटा सा गांव है। इस गांव की आबादी मात्र 65 हैं। लाइसंग में 19 परिवारों के कुल 65 लोग रहते हैं। इनमें 31 पुरुष और 34 महिलाएं हैं। लाइसंग की तरह दूरदराज के कई गांवों तक बिजली पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। कई गांवों में तो बिजली उपकरण सिर पर रखकर ले जाने पड़े।
अब देश का हर घर होगा रौशन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2017 को प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना ‘सौभाग्य’ की शुरुआत की। इसके तहत मार्च 2019 तक सभी घरों को बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना का फायदा उन लोगों को मिलेगा जो पैसों की कमी के चलते अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं ले पाए हैं। इसके तहत गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना पर 16 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आएगा। सरकार ने 2018-19 के बजट में 2750 करोड़ रुपए ‘सौभाग्य’ के लिए दिए गए हैं। यह उन चार करोड़ परिवारों के घर में नयी रोशनी लाने के लिए है जिनके घरों में आजादी के 70 साल के बाद भी अंधेरा है।
बदल गई पॉवर सेक्टर की तस्वीर
मोदी सरकार की नीतियों के चलते आज पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा का भी भरपूर उत्पादन होने लगा है। सबसे बड़ी बात भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर ही नहीं बना है, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा बाजार उभर कर सामने आया है। उर्जा क्षेत्र में इस कायापलट के पीछे उन योजनाओं के क्रियान्यवन में बेहतर तालमेल रहा है जिस पिछले चार सालों में सरकार ने लागू किया है। उर्जा क्षेत्र की छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करने के लिए लागू की गई इन योजनाओं से बहुत बड़े परिणाम सामने आए हैं। देश के हर घर को चौबीसों घंटे बिजली देने का लक्ष्य 2022 है, लेकिन जिस गति से काम चल रहा है उससे अब यह प्राप्त कर लेना आसान लगने लगा है, पहले यह कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि देश में ऐसा भी हो सकता है।