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EXPOSED : राहुल के कर्ज माफी के वादे के बावजूद अकेले पूर्वी राजस्थान में ही कर्ज में डूबे 5600 से अधिक किसानों की जमीन नीलामी की प्रक्रिया शुरू, पूनियां ने वीडियो शेयर कर याद दिलाया…क्या हुआ तेरा वादा

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नेता राहुल गांधी और राजस्थान की गहलोत सरकार को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके घेरा है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में किसान कर्जमाफी का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस अपने वादे को भुला बैठी है और किसान जमीन को नीलाम करवाने या आत्महत्या करने के मजबूर हैं। दूसरी ओर दौसा में कर्ज नहीं चुकाने पर किसान की जमीन कुर्क करने के मामले में सियासत गरमा गई है। बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा और किसान नेता राकेश टिकैत तक दौसा पहुंचे। इससे पहले दौसा में कर्ज के चलते एक किसान ने आत्महत्या कर ली थी।

थ्री-विंडो स्क्रीन में राहुल को सभी किसानों की कर्जमाफी का चुनावी वादा याद दिलाया
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें थ्री-विंडो स्क्रीन में बीचों बीच राहुल गांधी का चुनावी वादा बताया गया है। जबकि ऊपर नीचे की विंडो में दो फेमस बॉलीवुड सॉन्ग एक, दो, तीन… और क्या हुआ तेरा वादा…लगाकर राहुल गांधी को घेरा गया है। 1 से 10 तक की गिनती गिनाकर सत्ता में आते ही 10 दिन में सभी किसानों का कर्जा माफ करने के राहुल गांधी के वादे को फिल्मी अंदाज में पेश कर अब वादाखिलाफी पर सियासी हमला बोला गया है।

माधुरी दीक्षित के एक, दो, तीन, चार….से क्या हुआ तेरा वादा तक
राजस्थान के किसानों की जमीनों की नीलामी और किसान आंदोलन के मुद्दे को उठाते हुए पूनियां ने ट्वीट किया है। पूनियां ने राहुल गांधी का वादा याद दिलाते हुए जो वीडियो शेयर किया गया है, उसमें चुनाव से पहले राहुल गांधी के राजस्थान में किए गए वादे को बताया गया है। जिसमें राहुल गांधी 1 से 10 तक की गिनती गिनते हुए कह रहे हैं कि 10 दिन में नरेन्द्र मोदी जी को राजस्थान की सरकार जवाब दे देगी। 10 दिन में राजस्थान के हर किसान का कर्जा माफ करके दिखा देंगे। वीडियो की ओपनिंग इसकी पहली विंडो में फिल्म तेजाब में माधुरी दीक्षित पर फिल्माए गए गाने एक, दो, तीन से हो रही है। जिसमें माधुरी दीक्षित ठुमके लगाती हूँ यह गीत गाती हुई नजर आ रही हैं। राहुल का वीडियो खत्म होते ही- क्या हुआ, तेरा वादा…..वो कसम, वो इरादा…..गाना बज उठता है। जो फिल्म- हम किसी से कम नहीं से लिया गया है। राहुल गांधी के वादे की क्लोजिंग को इस गाने से जोड़ दिया गया है। सोशल मीडिया पर यह गाना जमकर वायरल हो रहा है।

सीएम अशोक गहलोत गुमराह करने के लिए चिट्ठी-चिट्ठी खेल रहे हैं
पूनियां ने दो ट्वीट किए हैं। पहले ट्वीट में लिखा है कि 2018 में राहुल गांधी के इस वादे के कारण राजस्थान के किसानों की जमीनें नीलाम हो रही हैं। किसान आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं। अशोक गहलोत गुमराह कर रहे हैं। चिट्ठी-चिट्ठी खेल रहे हैं। थोड़ा बहुत भी ईमान बचा है, तो किसानों का पूरा कर्जा माफ करें। दूसरे ट्वीट में उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से प्रदेशभर में कृषि भूमि की नीलामी रोकने के निर्देश के ट्वीट पर पलटवार करते हुए लिखा है कि आप भी जब सिर पर पड़़ती है, तो संज्ञान लेकर अपनी झूठी पीठ थपथपाते हैं। अब तक तो ना जाने कितने किसानों की ज़मीनें कुर्क हो गईं, उनका क्या होगा। पूनियां ने गहलोत को लिखा है कि राहुल गांधी की 10 तक की गिनती पर तो “रोड़ा” आपने ही अटका रखा है। आपकी सियासत ने भले आदमी को झूठा बना दिया।

कॉमरशियल बैंकों से जुड़े लाखों किसानों का कर्ज माफ ही नहीं हुआ
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और सांसद किरोड़ी लाल मीणा के दावों में सच्चाई भी सामने आई है पड़ताल में सामने आया है कि कर्ज माफी के मुद्दे पर सत्ता में आने वाली कांग्रेस सरकार में अकेले पूर्वी राजस्थान में ही 5600 से से अधिक ऐसे मामले हैं, जिनके कर्ज नहीं चुकाने पर किसानों की जमीन नीलाम करने की प्रक्रिया चल रही है। इनमें 3200 के अधिक अलवर में हैं। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐलान किया था कि दस दिन में राजस्थान के हर किसान का कर्जा माफ करके दिखा देंगे। इसके बाद आधी-अधूरी और दिखावे की कर्जमाफी हुई है। सच यह है कि कॉमरशियल बैंकों से जुड़े 35 लाख किसानों के 60 हजार करोड़ से अधिक कर्ज के मामले में कोई राहत नहीं दी गई है। आइये कर्ज के कुछ केसों पर नजर डालते हैं….

केस-1 : दौसा…3.87 लाख का लोन और एक करोड़ की जमीन 46 लाख में नीलाम की
दौसा के रामगढ़ पचवारा निवासी कजोड़ मीणा ने ट्यूबवैल के लिए 2017 के 18 में 3.87 लाख का लोन लिया। ब्याज समेत लोन अब करीब 7 लाख रुपये का हो गया है। कजोड़ ने 26 अक्टूबर 2021 को आत्महत्या कर ली। इसके बावजूद 18 जनवरी को बैंक कर्मियों और राजस्व अधिकारियों ने पूरी 15 बीघा जमीन, जिसकी डीएलसी रेट करीब 75 लाख रुपये और मार्केट रेट एक करोड़ है, उसे 46 लाख में ही नीलाम कर दिया।

केस-2 : अलवर…बोरवैल खुदवाने के लिए 37 हजार रुपये का लोन अब नीलामी का डर
अलवर के नांगलवास रेड़ी निवासी रमेश और लक्ष्मण ने भी 2010 में बोरवैल खुदवाने के लिए 37 हजार का लोन लिया था। दोनों के पास दो बीघा जमीन है और परिवार में 11 सदस्य हैं। रमेश ने बताया कि 20 दिन पहले एक नोटिस आया। पंचायत व बैंक में संपर्क किया तो बताया गया कि जमीन नीलाम होगी। बोरवैल पर ही दो लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर चुके हैं।

केस-3 : अलवर…कर्जमाफी की घोषणा के बाद ब्याज नहीं चुकाया, अब नोटिस मिले
नांगलवास रेड़ी निवासी मौती लाल बैरवा ने 2010 में पत्नी के इलाज के लिए 35 हजार रुपये की केसीसी ली थी। पत्नी की मौत हो गई, तब से ब्याज ही चुका पा रहे थे। सरकार की कर्ज माफी की घोषणा के बाद ब्याज नहीं चुकाया अब नीलामी के नोटिस आ रहे हैं।

केस-4 : बीकानेर…साढ़े सात लाख की केसीसी, बेचना पड़ा पक्का मकान व आठ बीघा जमीन
लाल मदेसर बड़ा गांवके टीकू राम मेघवाल ने बैंक ऑफ बड़ोदा से कुंए पर 2009 में साढ़े सात लाख रुपये की केसीसी उठाई। एक दो फसल खराब हुई तो ब्याज चढ़ने लगा। बैंक ने नोटिक 19 लाख रुपये का भेजा। नवंबर, 2020 को टीकूराम का खेत नीलाम होने वाला था। टीकू को पक्का मकान और आठ बीघा जमीन बेचनी पड़ी।

केस-5 : अलवर…पंचायत में बोला कि गलती से नोटिस गया, अब जमीन नीलाम करने लगे
अलवर के चांदपुर निवासी सोनी मीणा और उसके बेटे कृपाल ने 2010 में खाद-बीज और घर का खर्चा चलाने के लिए 80 हजार रुपये की केसीसी ली। तब से दोनों मां-बेटे ब्याज दे रहे हैं। सोनी मीणा की तीन साल पहले मौत हो चुकी है। परिवार में 14 सदस्य हैं और दो बीघा जमीन है। इस जमीन पर होने वाली खेती पर ही पूरा परिवार निर्भर है। कृपाल ने बताया कि हमें एक महीने पहले नोटिस मिला कि जमीन नीलामी होगी। तब हमने बैंक और पंचायत में संपर्क किया तो पहले उन्होंने कहा कि गलती से नोटिस जारी हो गया और अब जमीन को नीलाम करने पहुंच गए।

 

 

 

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