अक्सर कांग्रेस के नेता झूठे आरोप लगाकर अपनी जगहसाई कराते रहते हैं। उनमें एक और नाम जुड़ गया है जयराम रमेश का। उन्हें आपराधिक मानहानि मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभील के बेटे विवेक डोभाल से माफी मांगनी पड़ी है। विवेक डोभाल ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कारवां मैगज़ीन के ख़िलाफ़ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसमें झूठ बोलकर छवि खराब करने का आरोप लगाया गया था।
इस मामले में कारवां मैगजीन और लेखक कौशल श्राफ के खिलाफ सुनवाई जारी रहेगी। जयराम रमेश ने कहा, ‘मैंने विवेक डोभाल के खिलाफ बयान दिया और चुनावों के समय जब प्रचार अभियान जोरों पर था, तो मैंने आरोप लगाए। मुझे इसका सत्यापन करना चाहिए।’ जयराम रमेश ने कहा कि वे कांग्रेस पार्टी से भी मांग करेंगे कि वेबसाइट पर उपलब्ध वो प्रेस कांफ्रेंस हटा ले जिसमें उनका बयान दर्ज है।
Congress leader Jairam Ramesh said, I gave the statement against Vivek Doval and made several allegations in heat of the moment as it was the time of elections. I must verify it.
The case against Caravan magazine to continue https://t.co/XWOTsmq1tX
— ANI (@ANI) December 19, 2020
इस मामले पर विवेक डोभाल ने कहा, ‘जयराम रमेश ने माफी मांगी है और हमने इसे स्वीकार कर लिया है। कारवां पत्रिका के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला जारी रहेगा।’ अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने मानहानिपूर्ण लेख प्रकाशित करने पर एक समाचार पत्रिका के खिलाफ फौजदारी मानहानि शिकायत दायर की थी, जिसमें कारवां पत्रिका, इस लेख के लेखक और रमेश के खिलाफ शिकायत दायर की गई है।
‘द कारवां’ नाम की एक वेब मैग्जीन ने अजीत डोभाल और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल केमैन आइलैंड में हेज फंड चलाते हैं। यह हेज फंड 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा के महज 13 दिन बाद पंजीकृत किया गया था। विवेक का यह व्यवसाय उनके भाई शौर्य डोभाल के व्यवसाय से जुड़ा है।